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Raj
हम लडके हैं जनाव, जिन्दगी की खामोशी को अपना पैशन बना लेते हैं, कोई पूछे हाल तो मुस्कुराते देते हैं, झूठी मुस्कुराहट में अपना दर्द छिपा लेते हैं, जहां लोगों की भीड में खुद की तन्हाई को मुस्कुराते कर छिपा लेते हैं, दूसरों ईर्षा को खामोश बनकर छिपा लेते हैं, जब समय मिले तो तन्हाई में खुद से बात कर लेते हैं, यही जिन्दगी का नियम है मेरे यार हर गम छिपा लेते हैं क्योंकि हम लडके हैं। ©Raj #uskaintezaar #दर्द #इश्क #जिम्मेदारी_बहुत_है #जिम्मेदारी #गमों_के_अल्फाज़
Priyanka Mazumdar
एक दिन इश्वर ने पूछा ये क्या जिसे मुझसे भी ज्यादा अहमियत दिये जा रहे हो! क्या है जिसकी इतनी जतन किये जा रहे हो! सुबह -सवरे ,शाम- दोपहर, भजन कीर्तन भूल गये तुम। अरे ये क्या है जिसे रस्मों - रिवाज से ज्यादा निभाये जा रहे हो! मेरा उत्तर - जिम्मेदारीयां, जो तूम हर दिन बढ़ाये जा रहे हो। ©Priyanka Mazumdar #जिम्मेदारीयांतुम्हारी
#जिम्मेदारीयांतुम्हारी #Poetry
read moreAndy Mann
जिम्मेदारियां जवानी का सबसे बेहतरीन हिस्सा खा जाती हैं ©Andy Mann #जिम्मेदारी_का_बोझ
Jivesh Upadhyay
रातों में भी अब वो सुकून कहाँ, आँखो में अब वो बचपन की निन्द कहाँ । और बहुत कुछ बदला है हमने जवानी में आकर , क्यूकी जिम्मेदारीयों से भागने का अब वक्त कहाँ। #जिम्मेदारी_और_हम
mk uikey
अगर अपने मां बाप को कमा कर खिलाने की हिमत न हो न ,तो उनको बात बात पर अपनी जरूरत को लेकर ताने मारने का हक भी नही होता अगर मां बाप को कमा कर खिला नही सकते , तो 20 साल की उमर होने के बाबजूद भी तो उन पर बोझ भी मत बनो ©mk uikey #GateLight #जिम्मेदारी_बहुत_है
#GateLight #जिम्मेदारी_बहुत_है #सस्पेंस
read morePradeep Kumar
बचपन और जिम्मेदारी मेरे जिम्मेदारी कुछ ऐसा था मेरे घर के चूल्हे मेरे पे आस था मै सर्दियों में ठिठुरता, गर्मियों में तपता ओर, बरसातो मे तन को भिगोता तो मेरे धर के चूल्हे है जलता।। कभी-कभी तो तडपते हुए बुखारो में दोडता ओर जिम्मेदारी के बीच अपने आप को जलाता।। जिम्मेदारीयां
जिम्मेदारीयां
read morePinki
जिम्मेदारीयों को कब मैं बोझ मानती हूँ, मेरे गमों का पिटारा मै कब हर रोज़ खोलती हूँ, लिखा है बस हर रिश्ते को रिश्ते बनाये , रखते - रखते हुए बेहाल मेरा , मेरे दोस्त ! कहाँ मैं रिश्ते निभाने से डरती हूँ , अकेली हो जाऊ कभी ,तो पास मैं खड़ा मेरा परिवार पाती हूँ , मेरे ये भाई बहन माँ बाबा का सहारा , सिर्फ उन्हे ही मैं हर जन्म में खुदा से मांगती हूँ , बस वक्त ने ही बेहाल कर रखा है , बारिस में भी एक कच्ची झोपड़ी से ही पानी टपकता है, एकेले सागर में तो बारिस का पानी भी शोर मचाता है, दिल के मस्कन में मचे ऐसे तूफान में भी, कब मैं खुद को अकेला मानती हूँ , जिम्मेदारियाँ से डरकर मैं कब भागती हूँ , ©Pinki जिम्मेदारीयाँ
जिम्मेदारीयाँ #शायरी
read moreSikandar Chauhan
Alone and Happy कन्धे पर तो आज भी बैग है, बस सिर्फ इतना है कि पहले किताबें हुआ करती थीं। और अब जिम्मेदारीयाँ। जिम्मेदारीयाँ
जिम्मेदारीयाँ #विचार
read moremukul meena
thak gya hu in zimedariyO se... khud ke lie jeena... shyD is zindagi me likha nahi he... imaan se rishte nibha raha... hu... phiR bhi ungliyaan mujhpr hi uthRahi he... #जिम्मेदारीयां