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Neeraj Saroha
😀तड़के आला ज्ञान🙏 One Night Stand आला कदे 😍प्यार नी 👎होंदा Situation देख बदल जा वो यार नी होंदा 👍 सबने दिल💝ते राम राम 🙏 ✍️ नीरज सरोहा 🙏तड़के आला ज्ञान😀
🙏तड़के आला ज्ञान😀 #विचार
read moreSurya Prakash grokhpuriya
#a Gaya #SuryaPrakashshorts new# shayari #तड़के दार वाला शायरी #Poetry
read moreBharat Bhushan pathak
Beautiful Moon Night सुबह -शाम हो ईश्वर वंदन। संस्कार यही जैसे चंदन।। सुमिरन मन से हरि का कर लो। अपनी चिन्ता उन पर धर लो।। नित्य सवेरे तड़के जगना। नहीं किसी को भूले ठगना।। ©Bharat Bhushan pathak #beautifulmoon सुबह -शाम हो ईश्वर वंदन। संस्कार यही जैसे चंदन।। सुमिरन मन से हरि का कर लो। अपनी चिन्ता उन पर धर लो।। नित्य सवेरे तड़के जगना
#beautifulmoon सुबह -शाम हो ईश्वर वंदन। संस्कार यही जैसे चंदन।। सुमिरन मन से हरि का कर लो। अपनी चिन्ता उन पर धर लो।। नित्य सवेरे तड़के जगना #Life
read morekumaarkikalamse
एक दोस्त जो समझाता है और गले लगाता है जब अकेला पाता है जय कुमार तीन के english तड़के में एक हिंदी की एंट्री.. Thanks Devya Piscess for Nominating me and thanks to Ranjeeta didu, Devya and Prabhat Nb for
तीन के english तड़के में एक हिंदी की एंट्री.. Thanks Devya Piscess for Nominating me and thanks to Ranjeeta didu, Devya and Prabhat Nb for #Collaboration #गले #समझाया #लगाना #समझाता #slycollab
read moreVaishali Kahale
चटनी को सभी खाना पसंद करते हैं और हम खाने के साथ अलग-अलग तरह की चटनी लगभग हर दिन बनाते ही हैं | चटनी से खाने का मजा दोगुना हो जाता है तो इसल #Food
read moreSaya
हुई सुबह , चली रिक्शा!! मुर्गे की बांग, तिरंगे की शान!! निकला सुरज, उठा समाज!! चहकती चिड़ीया, बहता दरिया!! खुला आसमा, बढ़ता तापमान!! चल
हुई सुबह , चली रिक्शा!! मुर्गे की बांग, तिरंगे की शान!! निकला सुरज, उठा समाज!! चहकती चिड़ीया, बहता दरिया!! खुला आसमा, बढ़ता तापमान!! चल
read morePS T
जण जमाना में भौतिकतावाद हावी है,घोर कलयुग है ,दिखावा ने ज्यादा महत्व है,मनक मनक सूं तो छोड़ो साधु संता सुं पण आपणी इच्छा और आपणा कर्मा और कान ने हउ लागे अस्यो प्रवचन हूणनो छावै अणि कठिन समय मे भी "तरूण सागर" जी एक किवंदती बण गया,क्यों बण ग्या कड़वी वाता कर कर न...नीमड़ा रा पेड़ ज्यूँ असर कर ग्या, जैन समाज तो छोड़ो आखा देश मे आपणी वात अतरी कड़क तरीकउन केवा और फेर बी हूणवा ने जनसागर उमड़ावा री शक्ति...नमन... खम्मा घणी सा जैन मुनि अर राष्ट्र संत तरुण सागर जी महाराज कोनी रह्या। उन रो समाधिमरण शनिवार तड़के ३:१८ बज्यां दिल्ली मांय हुयो। इन रे प्रवचण
खम्मा घणी सा जैन मुनि अर राष्ट्र संत तरुण सागर जी महाराज कोनी रह्या। उन रो समाधिमरण शनिवार तड़के ३:१८ बज्यां दिल्ली मांय हुयो। इन रे प्रवचण #YourQuoteAndMine #म्हारोराजस्थान #YQRajasthani #म्हारी_भासा_म्हारो_स्वाभिमान #तरुण_सागर_जी_महाराज
read moreShree
अब अगली दफा तड़के सुबह किसी चाय की टपड़ी पर मिलना, ना एसी, ना टेबुल बुकिंग की झंझट, सर्दियों में कोई ऐसी सुबह चुनेंगे, मन शांत, वातावरण में ठहराव, हो सके तो मोबाइल बंद रखेंगे, मेरी-तुम्हारी तस्वीरें नज़र भरेंगे, गर्म चाय के प्याले के पीछे छुपके। बिन पलक झपकाए देखते रहेंगे, उस दिन तुम सिगरेट मत पीना, मैं भी लिपस्टिक घर भूल जाऊंगी, रंग होंगे तो हमारे साथ का.... धुआं होगा तो बस हमारे साथ का, मिठास बस हमारी और चाय की, कुछ होंगी... तो बातें यूॅं ही बस... मेरी-तुम्हारी और बस चाय की!! कहो, मिलोगे ना ? 🤭 चाय वाली कविता ☕ ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ अब अगली दफा तड़के सुबह किसी चाय की टपड़ी पर मिलना, ना एसी, ना टेबुल बुकिंग की झंझ
कहो, मिलोगे ना ? 🤭 चाय वाली कविता ☕ ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ अब अगली दफा तड़के सुबह किसी चाय की टपड़ी पर मिलना, ना एसी, ना टेबुल बुकिंग की झंझ #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #aestheticthoughts #yqaestheticthoughts #a_journey_of_thoughts #unboundeddesires #ATchaibg8
read moreShree
हल्दी और धनिया हल्दी की हरियाली गई तब रंग आया धनिया धूप लगे तभी चटक स्वाद आया डिग्री तमाम उन फाईलों में सहेज आया जब-जब भूख लगी तो घर ही याद आया मां का ला
हल्दी की हरियाली गई तब रंग आया धनिया धूप लगे तभी चटक स्वाद आया डिग्री तमाम उन फाईलों में सहेज आया जब-जब भूख लगी तो घर ही याद आया मां का ला #a_journey_of_thoughts #unboundeddesires #ajot_life
read moreZoga Bhagsariya
अर्धमुरछित हैं , प्रेम में गरस्त हैं , और व्यस्त हैं हम अकेले , दीनहीन है ,शेष संसार ,ही भक्त है , इक उज्जड़पन में प्रभात - संध्या व्यतीत करते हैं , हम तो मित्रों , नालायक हैं ,लायक तो ये जगत है ।। मदिरा , हां सत्य सुना आपने ,पांडे जी , हां मदिरा , उस पेयजल को पिता हूं , हमारा तो काला रक्त है ।। मैं शूद्र हूं , नीची ज़ात है ,मेरी , किन्तु नम्रता है , आप तो ब्रह्मा वंश से हैं , काहे फिर ,इता सख्त हैं ।। आज हम तड़के उठे ,और इक प्राथना कर दी , संसार वृद्धि की , हमरा ईश्वर तो इसी से ही मस्त है ।। हमने नहीं रखी घिरिना ,कभी किसी मनुष्य से , तत्पर हैं ,प्रेम संधि को ,हम तो इसी में अभ्यस्त हैं ।। वो ना बंदी है ,उसका ,और मधेपान में रहता है जोगा , त्याग कैसे करे, प्रिय ने ,किया हस्तगत है ।। जोगा भागसरिया ।। ZOGA BHAGSARIYA RAJASTHANI KAFIR ZOGA GULAM ©ZOGA BHAGSARIYA RAJASTHANI_KAFIR ZOGA GULAM अर्धमुरछित हैं , प्रेम में गरस्त हैं , और व्यस्त हैं हम अकेले , दीनहीन है ,शेष संसार ,ही भक्त है , इक उज्जड़पन में प्रभात - संध्या व्यतीत
अर्धमुरछित हैं , प्रेम में गरस्त हैं , और व्यस्त हैं हम अकेले , दीनहीन है ,शेष संसार ,ही भक्त है , इक उज्जड़पन में प्रभात - संध्या व्यतीत #Shayari
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