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Ashok Verma "Hamdard"
White आदतें मुझमें भी बुरी हैं, मगर, दिल में नफरत के शोले जलाता नहीं हूं। जो भी मिला, भगवान का करम है, दूसरों का देख कर ललचाता नहीं हूं। मंज़िलें दूर सही, हौसले मेरे बुलंद हैं, गिरता हूं, मगर उठकर संभल जाता हूं। चमकती दुनिया पर नज़र डाल लेता हूं, पर खुद को बेवजह बदलता नहीं हूं। जिंदगी के सफर में सबक सीखे हैं, अपने हिस्से की खुशी चुराता नहीं हूं। दूसरों की राहें, उनकी मेहनत है, किसी की तकदीर से जलता नहीं हूं। जो मिला उसे शुक्रिया अदा करता हूं, शिकायतों के पुलिंदा संभालता नहीं हूं। सच की राह पर चलने की आदत है, जूठे लिबास में कभी ढलता नहीं हूं। ©Ashok Verma "Hamdard" जलता नहीं हूं
जलता नहीं हूं
read morechahat
White अपने आंसुओ को,छिपाने मुस्करा देती हूं। दिल में चुभती कोई बात,उसे छिपा लेती हूं।। किसी का दर्द ना बनूँ,सबको विश्वास बना लेती हूं। टूट जाती हूं कांच सी,बिखर के फिर सिमट जाती हूं।। कोई राह नहीं क्युकी,इसलिए बस निभाती हूँ। अपनी मंजिल तो पता है,पर ठहर जाती हूं।। ठहर जाती क्युकी कर्तव्यों से, बंधा पाती हूं। में वो डोर हूं,जो बस काट दी जाती हूं।। कभी अच्छी कभी बुरी की परिभाषा बन जाती हूं। कभी बातों में कभी सोच में लिख दी जाती हूं।। मैं कहाँ खुद को खुद सा पाती हूं। अनपढ़ सी मै कहाँ किसी को पढ़ पाती हूं। शिल्पी हूं खुद मूर्ती बन गढ़ दी जाती हूं। आकार देकर कल्पनाओ का रंग दी जाती हूं।। शिल्पी जैन सतना ©chahat मुस्करा देती हूं
मुस्करा देती हूं
read moreSatish Kumar Meena
मैं कसम खाती हूठकी मैं कसम खाती हूं कि मैं आपके अकेलेपन में साथी, दुःख में हमसफर और महत्वपूर्ण समय में जब आपको मेरी जरूरत हो तो जीवनसाथी बनके अपने कर्तव्य को पूरा करूंगी। ©Satish Kumar Meena मैं कसम खाती हूं
मैं कसम खाती हूं
read moreमिहिर
White जब कभी कुछ कह नहीं पाता उसे लिख देता हूं जब बेचैनियां बातों से आंखों से बह नही जाता जो रह जाता है उसे लिख देता हूं भागती दुनिया में कभी लगता है पहाड़ या पेड़ हो गया हूं अपनी जड़ता लिख देता हूं या फिर कभी लगता है नदी या हवा सा बह रहा हूं तो उस बहाव को लिख देता हू जब अंदर और बाहर सिर्फ खामोशी हो तो उस खामोशी के शून्य को लिख देता हूं जब खोने पाने की बीच कही उलझा होता हूं तो उलझन को कही लिख देता हूं खुद से खुद को समझता रहूं समझाता रहूं इसलिए सब कुछ लिख देता हूं ।। ©मिहिर लिख देता हूं
लिख देता हूं
read moreJindeshna
Nature Quotes 🙏 आत्म प्रक्षालन 🙏 है अज्ञान अवस्था मेरी, भूल सहज हो जाती है। जाने में अनजाने में, परिणति मलिन हो जाती है।। प्रियवर आप सुविज्ञ स्वयं हैं, अरु वात्सल्य के धारी हैं, जिनशासन के प्रेमी हैं, और गुणग्राही अनुरागी हैं।। हाथ जोड़कर विनय भाव से, क्षमा भावना मैं धरता। करें क्षमा प्रदान बन्धुवर, यह विराग निज हित कहता।। हुई ज्ञात अज्ञात हो भूल या हो अपराध। क्षमा भाव धारण करें, भाव करे विराग॥ ©Jindeshna क्षमा
क्षमा
read moreJindeshna
White 🙏 आत्म प्रक्षालन 🙏 है अज्ञान अवस्था मेरी, भूल सहज हो जाती है। जाने में अनजाने में, परिणति मलिन हो जाती है।। प्रियवर आप सुविज्ञ स्वयं हैं, अरु वात्सल्य के धारी हैं, जिनशासन के प्रेमी हैं, और गुणग्राही अनुरागी हैं। हाथ जोड़कर विनय भाव से, क्षमा भावना मैं करता। करें क्षमा प्रदान बन्धुवर, यह मनोज निज हित कहता।। जिन शासन अमृत पियें, जिनवाणी का ओज। सारी भूलें क्षमा हों, भावना करे मनोज॥ ©Jindeshna क्षमा
क्षमा
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी राग द्वेष की परणति में गोता हम सब रोज लगाते है अहम इतने जीवन मे पलते इनके वशीभूत होकर कितने विकारों को गले लगाते है कभी मीठा पन,कभी गुस्से में अपने लाभ के लिये ठेस गैरो को पँहुचाते है अनजाने कितने पाप बांध लिये पीड़ा भव भव में झेलेंगे अब मुझे भान हुआ है मन मेरा झकझोर रहा है अन्तरकर्ण से कण कण सबसे क्षमा क्षमा बोल रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Likho अंतर्मन से कण कण,सबसे क्षमा क्षमा बोल रहा है #nojotohindi
#Likho अंतर्मन से कण कण,सबसे क्षमा क्षमा बोल रहा है #nojotohindi
read moreSK Naim Ali
White मेरी जिंदगी बस जिंदगी है इसमें मैं कहा हूं, येजो में अपनी बात करता हूं इसमें मैं कहां हूं, मैं कोन हूं मैं कहा हूं ,बस अगर मैं हूं तो सुकून से जीना चाहता हूं। ©SK Naim Ali मैं कोन हूं मैं कहां हूं।#love_shayari #Sknaimali 'दर्द भरी शायरी'
मैं कोन हूं मैं कहां हूं।#love_shayari #sknaimali 'दर्द भरी शायरी'
read moreHeer
White नारी हूं मैं...... जननी मैं, जीवन भी मैं, करूणा का सागर भी मैं, माना जज्बातों पर जोर नहीं, मगर सशक्त हूं तलवार हूं मैं। हा नारी हूं मैं कमज़ोर नहीं मैं। दर्पण मैं और अक्स भी मैं, झुक जाऊं ऐसी डाल नहीं मैं, स्वाभिमान मुझे है प्यारा, आंखो का हूं में तारा। ऐसा कोई शख्स नहीं, जो टूट कर बिखर जाऊं मैं। हा नारी हूं मै आत्मनिर्भर भी हूं मैं। समझना ना मुझको अधूरी, मैं तो हूं खुद में पूरी, साथ अगर जो चलना हो तो, हाथ तभी तुम थामना, पीछे हटना मुझे नहीं गवारा, एक बार पकड़ा हाथ जो। हा नारी हूं मैं अकेली नहीं। ©Heer #women_equality_day #नारी हूं मैं
#women_equality_day #नारी हूं मैं
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