Find the Latest Status about देखेगा तो from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, देखेगा तो.
I'm Resilient.
World Theatre Day मुझे अच्छे लगते है वो लोग, जो मुझसे नफ़रत करते है.. क्योंकि हर कोई प्यार से देखेगा तो नज़र लग जाएगी ना मुझे..!! मुझे अच्छे लगते है वो लोग, जो मुझसे नफ़रत करते है.. क्योंकि हर कोई प्यार से देखेगा तो नज़र लग जाएगी ना मुझे..!!
मुझे अच्छे लगते है वो लोग, जो मुझसे नफ़रत करते है.. क्योंकि हर कोई प्यार से देखेगा तो नज़र लग जाएगी ना मुझे..!!
read moreSATTU sahu
मुझे अच्छे लगते है वो लोग, जो मुझसे नफ़रत करते है, क्योंकि हर कोई प्यार से देखेगा तो नज़र लग जाएगी ना मुझे. ©SATTU sahu मुझे अच्छे लगते है वो लोग, जो मुझसे नफ़रत करते है, क्योंकि हर कोई प्यार से देखेगा तो नज़र लग जाएगी ना मुझे.
मुझे अच्छे लगते है वो लोग, जो मुझसे नफ़रत करते है, क्योंकि हर कोई प्यार से देखेगा तो नज़र लग जाएगी ना मुझे. #शायरी
read moreaapki_adhuri_baten
#सुनो तलाश करोगे तो कोई मिल ही जायेगा पर हमारी तरह आपको कौन चाहेगा.. कोई चाहत से देखेगा तो जरूर पर वह निगाहें हमारी कहाँ से लाएगा.. #Radha ©Surya prakash #सुनो तलाश करोगे तो कोई मिल ही जायेगा पर हमारी तरह आपको कौन चाहेगा.. कोई चाहत से देखेगा तो जरूर पर वह निगाहें हमारी कहाँ से लाएगा.. #Radha
#सुनो तलाश करोगे तो कोई मिल ही जायेगा पर हमारी तरह आपको कौन चाहेगा.. कोई चाहत से देखेगा तो जरूर पर वह निगाहें हमारी कहाँ से लाएगा.. #Radha #ज़िन्दगी #good_morning
read moreNeeraj
मुझे अच्छे लगते है वो लोग जो मुझसे नफ़रत करते है क्योंकि अब हर कोई प्यार से देखेगा तो नज़र नहीं लग जाएगी मुझे.
मुझे अच्छे लगते है वो लोग जो मुझसे नफ़रत करते है क्योंकि अब हर कोई प्यार से देखेगा तो नज़र नहीं लग जाएगी मुझे. #nojotophoto
read morekashish
ध्रुव बहुत ही सीधा सादा सा लड़का हमेशा गुमसुम रहता न ही काॅलेज में किसी से बात करता था न ही किसी से उसकी यारी दोस्ती थी कोई कुछ पूछता तो जवा
ध्रुव बहुत ही सीधा सादा सा लड़का हमेशा गुमसुम रहता न ही काॅलेज में किसी से बात करता था न ही किसी से उसकी यारी दोस्ती थी कोई कुछ पूछता तो जवा #story #NojotoLoveStory #kashi_
read moreChandrawati Murlidhar Gaur Sharma
हमारी नियति है। कभी शून्य से आगे बढ़ ही नहीं पाए , जब भी हमने सोचा की शायद अब नियति मे कुछ बदलाव आया होगा तो तभी कुछ ऐसा होता है की फिर उसी मोड़ पर आकर खड़े हों जाते हैं। कभी कभी तो लगता है अपने हाथ पैर मारना ही छोड़ दे ताकि कुछ पल सुकून के तो मिल सके पर यह भीं इसे मंजूर नहीं होता है, फिर कोई न कोई राह दिखा कर फिर उसी मोड़ पर ले आती है। ना यह चेन से जीने देती है और ना मरने देती है। जब तकलीफ़ का दौर देखा और अपने आप को कोसने लगे तो फिर इसे शख्स को सामने लाकर खड़ा कर देगी। जो हमसे भीं ज्यादा तकलीफ़ मे होगा, उसे देख कर और उनकी तकलीफ़ को सुनकर उनके लिए प्रार्थना करने के लिए अपने आप भगवान के आगे उठ जाते हैं। और आंखो में अश्रु भर जाते हैं। बस और बस केवल उनकी ही पीड़ा मन में रहती है। जब हाथ पकड़ कर कहती हूं सब ठीक हों जायेगा। तो वो जैसे ही ठीक हों जाता था। तो हमे भूल जाता है। और मन में एक ठीस सी उठती है। हमें दुःख किस बात का हुआ वो भूले इस कारण यां उनकी पीड़ा हमारे अंदर आ गई उसके कारण.. समझ नहीं आता की नियति क्या खेल खेलती है। हमारा मन एक कोरा कागज़ है उसपर हर तरह के रंग भर देती है। चाहें हमें पसंद हों यां नहीं। बस भरे जा रहीं हैं, भरे जा रही है। जो देखेगा तो उसका अलग ही मत होगा। कोई अपनी अलग ही राय कायम करेगा। पर इन सब के बीच में पिसता पेपर हैं। अगर रंग अच्छे भरे तो सुंदर चित्र उभर कर आयेगा और उसे साथ ले जायेगा। और किसी को पसंद नहीं आया तो कचरे के डिब्बे में फेका जायेगा, तब वो स्याही भीं ख़राब तो उस पेन की चुबन और वो पेपर भीं ख़राब हों जायेगा। और बाद में हमारी नियति भीं ख़राब बता दी जायेगी क्योंकि सबसे बड़ी कलाकार हमारी नियति है और हम वो प्लेन पेपर है, और दुःख, सुख, शांति, पीड़ा, संघर्ष रूपी कलम सभी हमारी नियति है। और शून्य से बढ़े तो शून्य में ही विलीन हों गए। ©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma #aaina हमारी नियति है। कभी शून्य से आगे बढ़ ही नहीं पाए , जब भी हमने सोचा की शायद अब नियति मे कुछ बदलाव आया होगा तो तभी कुछ ऐसा होता है की
Arsh
इस रचना को आप कैप्शन में पढ़ सकते हैं। 111R डैडी क्यों मेरी लाड़ो, पापा से छादी क्यों नहीं कलनी? मुदे नई पता, आप बहोत दंदे हो पापा, पिथली बाल तहा था तौफी लेने दा लहा हूँ, इत्ते दि
Shilpi Saxena
लहराएगा जिस दिन परचम मेरे हौसलों का छू लूँगी आसमाँ पाकर मंजिलों को अपनी अभी जो बातों को मेरी हंसी मे उड़ाते हैं झुकेंगे वो भी कदमों मे ज़माना देखेगा #ज़माना देखेगा