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Parasram Arora
समाज में हमे ज़ो आज इतना अनाचार व्यभिचार भ्र्ष्टाचार बईमानी और पशुता दिखाई पड़ती हैं तो इसके बहुत गहरे में दरिदृता की बिमारी हैं ये बिमारी घाव की तरह भीतर हैं. इसका मवाद बाहऱ फिंकरहा हैं हम मावाद को पोंछ पोंछ कर मरहम पट्टी कर देते हैं मरहम पटीया टूटती रहती हैँ ज़ब तक हम समाज को धर्म और नीति पुण्य और शुभ धर्म नही सिखा पाएंगे ©Parasram Arora दरिद्रता.....
दरिद्रता.....
read morewriter anil lodhi
#MessageOfTheDay ऐ खुदा ! तूने ये कैसा संसार बनाया, जिसमें धनवान लोग विलासितापूर्ण जीवन यापन करते हैं। तथा दरिद्र लोग दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष करते हैं। दरिद्र लोगों को आशा रहती हैं की एक दिन आप उनके सब कष्ट हर लेंगे। ©anil foujdar #Messageoftheday #दरिद्रता
Parasram Arora
समाज मे हमेँ जो अनाचार . व्यभिचार और भ्र्ष्टाचार. इतनी बेईमानी दिखाई पड रही है.... इसके बहुत गहरे मे दरिद्रता वाली बिमारी ही उत्तदायी है ये बिमारी घाव की तरह भीतर है और इसका मवाद बाहर फिंक रहा है हम मवाद क़ो पोंछ कर मरहम पट्टी करते रहते है और ये मरहम पट्टीया टूटती रहती है ज़ब तक ये गरीबी व्याप्तहै हमारे बींच हम समाज क़ो धर्म और नीति पुण्य और शुभ धर्म नहीं सिखा पाएंगे ( osho के प्रवचनो से संकलित ) ©Parasram Arora दरिद्रता एक बीमारी
दरिद्रता एक बीमारी #कविता
read moreAnjali Jain
दरिद्रता, पापों की जननी नहीं है पाप, दरिद्रता के जनक है!! © Anjali Jain दरिद्रता २२.०९.२१ #Anhoni
दरिद्रता २२.०९.२१ #Anhoni
read moreGanesh joshi
White दरिद्रता धीरतया विराज्रते अर्थ : दरिद्रता धीरता से शोभित होती हैं। ©Ganesh joshi #sad_shayari दरिद्रता धीरतया विराज्रते अर्थ : दरिद्रता धीरता से शोभित होती हैं। #story #status
#sad_shayari दरिद्रता धीरतया विराज्रते अर्थ : दरिद्रता धीरता से शोभित होती हैं। #story #status #Motivational
read moreAnurag Pritam
दरिद्रता के अंधेरे में... कितनी विराट मांग है इस दरिद्रता के आकाश की... अपनी आंतरिक प्रज्ञा को बुझाकर अपनी प्रतिभा को आग लगाओ तभी तुम्हें... तनिक और क्षणिक प्रकाश मिलेगा और फिर! आंखे मूंद कर,पंख समेट कर अंधेरे की परिधि में सिकुड़ कर बैठ जाना.. यह मांग तुम्हारे जीवन में उदित हर रोज के सूरज की होगी जब तक तुम उपस्थित हो दरिद्रता के अंधेरे में... कितना व्यापक साम्राज्य है इसका जीवन की मूल और अनिवार्य इकाइयों पर इसके असूलो के केंद्र में तेरे उत्थान की संभावनाओ की मौत है दरिद्रता के अंधेरे में... उपलब्धियों की कब्रें है ज्ञान की प्रज्ञा कालकोठरी में बंद हैं ह्रदय भावना की चिता जल रही हैं जवानी भूख की खाई में है गरीबी के अंधकार का यही गणित और रूप है तुझे भी इसी गणित में आंका जाएगा जब तक तुम उपस्थित हो दरिद्रता के अंधेरे में.... ©Omprakash bajad दरिद्रता के अंधेरे में... #poor
Parasram Arora
ऐसी ही है बात जिनके पास कुछ है वे दरिद्र है 'कुछ ' मे तो दरिद्रता है ही फिर बह 'कुछ ' किसी क़े पास थोड़ा है किसी क़े पास ज्यादा है किसी क़े पास दो गज जमीन है किसी क़े पास हज़ार गज जमीन है i और किसी क़े पास हज़ारो मील की ज़मीन है लेकिन कुछ तो 'कुछ ' ही है l थोड़ा हो कि बड़ा हो दरिद्रता तो दरिद्रता ही है अंतर बहुत बड़ा नहीं हा भिक्षा पात्र छोटे बड़े हो सकते है l #"कुछ " मे तो दरिद्रता है ही........
#"कुछ " मे तो दरिद्रता है ही........
read moreकवि मनोज कुमार मंजू
रूप में है शान्तता कभी प्रचण्ड रौद्रता हरो दरिद्रता प्रभु मनुज तुम्हें निहारता ©कवि मनोज कुमार मंजू #रौद्रता #दरिद्रता #प्रभु #मनुज #मनोज_कुमार_मंजू #मँजू #titliyan