Find the Latest Status about हरवलेल्या कविता from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, हरवलेल्या कविता.
Sumedha Deshpande
हल्ली मी बोलत नाही, काव्यचं माझं बोलते, विखुरलेल्या माझ्या भावनांना, मग मी काव्य शृखंलेतून सांडते.. ++सुमेधा... हरवलेल्या आठवणी..
हरवलेल्या आठवणी..
read moreMANOHAR
हरवलेल्या वस्तूही सापडू शकतात. पण, एकच गोष्ट अशी आहे की जी एकदा हातातून निसटली की, कोणत्याही उपायानं पुन्हा मिळू शकत नाही.. आणि ती असते.. “आपलं आयुष्य”.. म्हणूनच.. ….मनसोक्त जगा ! 💐 *शुभ सकाळ !* 💐 ©MANOHAR हरवलेल्या वस्तूही सापडू शकतात.
हरवलेल्या वस्तूही सापडू शकतात. #Motivational
read moreshubham d nashik
काव्याकथा-हरवलेल्या रेषा written n present by_शुभम दवंगे #storytelling #Marathipoem
read morebina singh
मोहब्बत में रुसवाई नहीं होती अगर जो हो जाये मोहब्बत बेवफाई नहीं होती अकेले हो तुम पर तन्हाई नहीं होती मोहब्बत में बीमार जैसी कोई बीमारी नहीं होती मोहब्बत में मर्ज़ की कहि कोई सुनवाई नहीं होती... by bina singh ©bina singh #devdas कविता ,कविता , प्रेम कविता कविता कोश
#devdas कविता ,कविता , प्रेम कविता कविता कोश
read moreNC
White हर इम्तेहान में रहे वो अव्वल जिंदगी का रुख देख टूटा मनोबल किताबी बातें काम न आईं फलसफा नहीं है ये जिंदगी असल यहां ईमानदारी की नही कीमत कोई सच्चाई एक अकेले कोने में रोई यहां किताबों का न होता अमल यहां कर्मों का उल्टा मिलता फल ।। ©NC #Sad_shayri #कविता हिंदी कविता कविता हिंदी कविता
Sad_shayri कविता हिंदी कविता कविता हिंदी कविता
read moreAwanish Singh
दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। पार जाऊँगा मेरा साहस, कभी हारा नहीं है। जो मिटा अस्तित्व दे, ऐसी कोई धारा नहीं है ।। कौन रोकेगा स्वयं तूफान, थककर रुक गये हैं । हर लहर मेरा किनारा, ध्येय तक बढ़ता रहूँगा।। दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। तोड़ दी अवरोध की सारी, शिलाएँ एक क्षण में । मैं धरा का प्यार मुझको, स्नेह देते सब डगर में।। शीत वर्षा और आतप कर, न पाये क्षीण गति को। बिजलियों की कौंध में भी, पंथ गढ़ता ही रहूँगा।। दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। ©Awanish Singh (AK Sir) #कविता #कविता
कविता कविता
read moreKishan Gupta
किचन की रानी, तू पसीने से लतपत, पंखा बना, मुझे घुमाये जा रही हो,, चाय कब तक यूँ ही, फीकी पिलाओगी, इलायची के इंतजार में, अदरक पीसे जा रही हो। ~किशन गुप्ता #कविता #कविता #
Vikram Kumar Anujaya
White किसी से दो पल का आत्मीय संवाद, हृदय के बोझ को कितना कम कर देता है।" मैं सोचता हूँ, नदियाँ समंदर की ओर क्यों भागती है, हवाएँ क्यों बेचैन और गतिमान है, ये धरती, ग्रह, नक्षत्र, सबके-सब घूमते क्यों हैं? चंद्रमा अनंत काल से यात्रा पर क्यों है, और ये समंदर उद्वेलित और दग्ध क्यों रहता है? क्या ये भी हमारी तरह आत्मीय संवाद के लिए किसी की तलाश में है? ©Vikram Kumar Anujaya #moon_day कविता कोश हिंदी कविता कविता प्रेम कविता हिंदी कविता
#moon_day कविता कोश हिंदी कविता कविता प्रेम कविता हिंदी कविता
read more