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Gourav (iamkumargourav)
White दिल को क़रार मिले ऐसी तक़दीर चाहिए थी मुझे तो यार बस उसकी एक तस्वीर चाहिए थी वो रहे अपनी दुनियाँ में मशगूल, मुझे कोई ग़म नहीं हो जाए कभी मुलाक़ात, क़िस्मत बे-नज़ीर चाहिए थी वो के सादा-दिल है उसपर मख़मली आवाज़ उसकी मिज़ाज़ को मेरे ऐसी ही कोई दिल-गीर चाहिए थी ये नवम्बर का महीना और तपन ऐसी मौसम तो अब तलक अकसीर चाहिए थी तुम के यार रहते हो ख़ल्वत में "गौरव" हुलिए से तो तुमको होना बे-पीर चाहिए थी ©️iamkumargourav ©Gourav (iamkumargourav) दिल को क़रार मिले ऐसी तक़दीर चाहिए थी मुझे तो यार बस उसकी एक तस्वीर चाहिए थी वो रहे अपनी दुनियाँ में मशगूल, मुझे कोई ग़म नहीं हो जाए कभी मुलाक़
दिल को क़रार मिले ऐसी तक़दीर चाहिए थी मुझे तो यार बस उसकी एक तस्वीर चाहिए थी वो रहे अपनी दुनियाँ में मशगूल, मुझे कोई ग़म नहीं हो जाए कभी मुलाक़
read moreNaina
हर साल कि भाती इस साल भी दिवाली आई और मैं फिर खुद के भीतर अंधकार भरे बाहर कि जगमगाती दुनिया बस निहारती रह गई ज़िंदगी के बेरंग उदासीन पन्नों को बिखरा छोड़ मैं इस साल भी ख़ुद कि टूटी हिम्मत संवारती रह गई टूटे सपनों कि झंकार को अंदर दफ़ना कर मैं इस वर्ष भी पटाखों कि शोर में कहीं छुपी रही जहां पुरी दुनिया उमँग में शराबोर थी मैं ख़ुद के अंदर सिमटे हुए बस चुप ही रही सालों कि मेहनत का जब हिसाब लगाया तो लगा फ़रियादों कि चिट्ठियों का जवाब इस बार भी न आया और निराश होकर मैंने फिर इस दिवाली एक दिया उम्मीदों के नाम जलाया! ©Naina एक दिवाली ऐसी भी #sad_shayari
एक दिवाली ऐसी भी #sad_shayari
read moreवैभव जैन
White 🧓वो मेरी नानी थी🧓 मेरे बचपन मेरी गर्मियों की वो राजधानी थी भूलती नहीं कांच की चूड़ी वो मीठी लोरी थी हर पाठ सिखाई वो ही तो घर की महारानी थी वो मेरी नानी थी ।।1।। परायों को अपनाती वो खुशियां अपनी देती थी वो झूठा गुस्सा करके धीरे से मिठाई खिलाती थी चेहरे पर झुर्री नहीं हां कान में थोड़ी परेशानी थी वो मेरी नानी थी ।।2।। बचपन गया आई जवानी बदली नहीं राजधानी थी साझा नहीं किया दर्द सादगी जानी पहचानी थी चली गई आज छोड़ के अब हर चीज बेगानी थी वो मेरी नानी थी ।।3।। "गुरु प्रशस्त"कहे साथ नहीं नानी उनकी यादें संजोना "वैभव"किस्मत वालों हो मां जैसे नानी का प्यार मिलना ©वैभव जैन #वो मेरी नानी थी
वो मेरी नानी थी
read moreMd Parvej
White क्यूँ हम किसी के ख्यालो मे खो जाते है, एक पल की दूरी मे रो जाते है.. कोई हमे इतना बता दो की,हम ही ऐसे है या प्यार करने के बाद सब ऐसे हो जाते है. 🌼🦋┄┅══❁♥❁════┅🦋 hmari khani ase thi yaar ©Md Parvej #love_shayari हमारी कहानी ऐसी थी 😘😘😘
#love_shayari हमारी कहानी ऐसी थी 😘😘😘
read moreranjit Kumar rathour
थी एक दोस्त (दीपा ) ************* किसकी बात कर रही हो अरे यार दोस्त के बारे ऐसा नहीं कहते हा यही तो दुख हैँ अब दीपा नहीं रही... सन्न थे ग्रुप के सभी दोस्त सहेलियां थे हम बचपन से जवानी तक साथ रहे है हम फिर अपनी दुनिया मे गुम रोज घर परिवार पुराने दिनों के किस्से कहानिया थोड़ी मस्ती और शरारत और फिर एक दिन डरा देने वाली खबर किसी ने लिखा पता है अपनी शैतान बीमार है वो बड़ी परेशानी मे है हम पांच सहेलियों मे से एक सबने दुआएं कि बोला यार तू घबराना मत हिम्मत रखना डार्लिंग! तू तो हम सबकी जान है तुझे कुछ नहीं होगा लेकिन एक दर्द उभरा चंद दिन पहले लिखा नहीं डिअर अब मेरा समय करीब है और फिर एक सितम्बर आज़ ही के दिन दीपा मेरी जान! हम सबकी पावर हाउस हर बात पर मस्ती शरारत का कोई मौका नहीं छोड़ती नाम भी कितना सुंदर दीपा.. जिसकी जलना ही नियति थी याकायाक बुझ गयी... दोस्त क़ो स्नेह भरा आलिंगन काश! हम सब साथ होते और एक बार फिर गले मिलते एक तस्वीर तेरी पसंद से खिचवाते हा! नियति ने मुझे तुमसे चंद दिन पहले मिलने का मौका दिया था मैं भाग्यशाली हूं.. अपने यार को मिल पाया तू जहाँ भी रहेगी दमकती रहेगी हा हम सारे दोस्त तुम्हे मिस करेँगे हा तुझे..मुझे अपने घर लाने का वादा अधूरा रहा गया माफ़ी चाहती हूं लेकिन तेरी हर बात न्यारी थी यार तू हमारी प्यारी दोस्त थी..सदा रहोगी मगर एक शिकायत ऊपर वाले से इतनी जल्दी भी क्या थी अभी तो दीपा क़ो काफ़ी कुछ सवारना था बाबू के जीवन मे उजाला भरना था ये तेरा न्याय ठीक नहीं.. और भगवान आपसे एक मिन्नत है मेरी ही नहीं हमारी जान क़ो अपने चरणों मे जगह देना बहुत प्यारी है वो हा बहुत प्यारी है तुझे इस कदर लिखना अच्छा नहीं लगता और अब इतनी हिम्मत नहीं कि तुझे और लिख पाऊं... अश्रुपूरित नयन, बेकल मन से तुझे नमन करती। हुँ 🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🙏🙏🙏 ©ranjit Kumar rathour एक थी दोस्त (दीपा )
एक थी दोस्त (दीपा )
read moreAnjali Singhal
"एक ऐसी लड़की थी, चोट इश्क़ की खाए बैठी थी; और दीवानी ऐसी कि, दर्द दिल में धड़काए बैठी थी। रोती सिसकती सी आवाज़ में, कुछ गुनगुनाए बैठी थी;
read moreM R Mehata(रानिसीगं )
जय माता दी ©M R Mehata(रानिसीगं ) ऐसी भी क्या बेरुखी...... 😪💔
ऐसी भी क्या बेरुखी...... 😪💔
read moreबदनाम
उस रात की सियाही में वो अजनबी मिली, जिस्म की ज़रूरत थी, पर रूह छू गई। ©बदनाम जिस्म की ज़रूरत थी
जिस्म की ज़रूरत थी
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