Find the Latest Status about जाऊँ एलिया from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, जाऊँ एलिया.
Jitender Kumar
#Sadmusic टूटी है मेरी नींद मगर तुमको इससे क्या बजते रहें हवाओं से दर, तुमको इससे क्या तुम मौज-मौज मिस्ल-ए-सबा घूमते फिरो कट जाएँ मेरी सो #shayri #Lafz #shayrioftheday #urdupoetrylines #shayari_challenge #top_newser
read moreUrmeela Raikwar (parihar)
White आगे देखती हूँ तो, खाई है, पिछे मैं आना नहीं चाहती , ए ज़िंदगी अब तु ही बता , कहा ले जाऊँ तुझे? ,,, by Urmee ki Dairy ©Urmeela Raikwar (parihar) #good_night ए ज़िंदगी कहा ले जाऊँ तुझे?
#good_night ए ज़िंदगी कहा ले जाऊँ तुझे? #लव
read moremanoj kumar (आकाश)
जौन एलिया साहब...🩶 . . . . #jaunelia #Shayari #SAD #urdushayari #SAD #Broken #jauneliasaheb #jauneliashayar life #BreakUp love shayari hind
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- देख कर ख़ुद को छिपाता है कोई अपने ख़ुद अश्क़ बहाता है कोई दिल की आवाज़ सुनाता है कोई । वज़्म में अपनी बुलाता है कोई ।। नाम कोई भी नही रिश्ते का फिर भी रिश्तों को निभाता है कोई इस तरह चाहता अब है मुझको सारी दुनिया को बताता है कोई सारे इल्ज़ाम हमारे लेकर मुझको बेदाग़ बताता है कोई हो न जाऊँ खुशी से मैं पागल जान ऐसे भी लुटाता है कोई अब तो रहता नशें में हूँ हरपल ज़ाम आँखों से पिलाता है कोई रात कटती न प्रखर करवट में याद ऐसे मुझे आता है कोई महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- देख कर ख़ुद को छिपाता है कोई अपने ख़ुद अश्क़ बहाता है कोई दिल की आवाज़ सुनाता है कोई । वज़्म में अपनी बुलाता है कोई ।। नाम कोई भी नही
ग़ज़ल :- देख कर ख़ुद को छिपाता है कोई अपने ख़ुद अश्क़ बहाता है कोई दिल की आवाज़ सुनाता है कोई । वज़्म में अपनी बुलाता है कोई ।। नाम कोई भी नही #शायरी
read moreMoHiTRoCk F44
मरने को मर भी जाऊँ कोई मसला नहीं, लेकिन ये तय तो हो कि क्या अभी भी जी रहा हूँ मैं ©MoHiTRoCk F44 #dardedilshayari #dard_e_mohabbat #painfulllife #Painful मरने को मर भी जाऊँ कोई मसला नहीं, लेकिन ये तय तो हो कि क्या अभी भी
#dardedilshayari #dard_e_mohabbat #painfulllife #Painful मरने को मर भी जाऊँ कोई मसला नहीं, लेकिन ये तय तो हो कि क्या अभी भी
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
मुक्तक :- करूँ दोस्ती आपसे , आये जब विश्वास । व्यर्थ लगाऊँ क्यूँ भला , आज आपसे आस । देख रहा हूँ नित जगत , करते सब ही घात- अभी तलक तुझमें नहीं , दिखा मुझे कुछ खास ।। हाथ मिले तो दिल मिले , कर तू ऐसा खास । आये जो विश्वास तो , मैं भी करू प्रयास । लेकर प्रभु की मैं शपथ , कहता तुमसे आज- हृदय जीत मेरा कभी , बन जाऊँ मैं दास ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मुक्तक :- करूँ दोस्ती आपसे , आये जब विश्वास । व्यर्थ लगाऊँ क्यूँ भला , आज आपसे आस । देख रहा हूँ नित जगत , करते सब ही घात- अभी तलक तुझमें नह
मुक्तक :- करूँ दोस्ती आपसे , आये जब विश्वास । व्यर्थ लगाऊँ क्यूँ भला , आज आपसे आस । देख रहा हूँ नित जगत , करते सब ही घात- अभी तलक तुझमें नह #कविता
read more