Nojoto: Largest Storytelling Platform

New दुखद कविता Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about दुखद कविता from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, दुखद कविता.

Jai Gupta

बने हैं कुछ ख्याल।। पढिये✍️✍️ #ख्याल #दिशा #प्रतीत #दुखद #कविता

read more
सबसे ज्यादा दुखदायी प्रतीत होता है
जीवित इंसान का मुर्दा प्रतीत हो जाना
अन्यान्य होता देख खुद को मौन कर लेना
और दबी सांसों के बीच आह तक न भरना

इसी के चलते अत्याचारों मे पंख लग जाना
यानी घटित और घटना क्रम में कोई भेद न रह जाना
उस वक़्त व्यथित मनुष्य की व्यथितता पर संदेह होना
सबसे ज्यादा दुखदायी प्रतीत होता है।।


 बने हैं कुछ ख्याल।।
पढिये✍️✍️

#ख्याल 
#दिशा 
#प्रतीत 
#दुखद 
#कविता

Pooja Mehra poetry

एक सच्ची मर्डर स्टोरी पद्युम्न मर्डर केस उस मासूम की याद में एक दुखद कविता.....

read more
#OpenPoetry एक सच्ची मर्डर स्टोरी -प्रद्युम्न मर्डर केस 
कभी शक कि सुई घूमी स्कूल के सिस्टम पर, तो कभी घूमी स्कूल के ड्राइवर पर 
कभी दोष दिया उन टीचर्स को, तो कभी उंगली उठाई स्कूल के मालिक पर.... 
रहा सवाल हर इक के मन में, कि बच्चे सुरक्षित नहीं अब स्कूलों में? 
माँ की आँखें रही चीखती, क्या दोष था उसकी मासूमियत में? 
क्या भला हुआ उस ज़ालिम का, जिसने चिर दिया प्रद्युम्न को इक पल में? 
ग़ुस्से का उफान उठा था, हर इक माँ के सीने में 
कि कौन है ऐसा जंगली दानव, जिसने चीर दिया उसे इक पल में 
पर दोषी निकला इक ऐसा बच्चा, जिसका मन नहीं पढने में
घर के झगड़ो में पिस बैठा,थी क्रोध सी ज्वाला सीने में.....
 क्या हमने कभी ऐसा सोचा कि, क्यों अपराध हुआ उस बालक से 
कुछ तो गलत हुआ था उसके साथ भी, जो यह कर बैठा अनजाने में 
उसकी ख़ामोशी को पढ़ना चाहिए था, है सवाल मेरा उन माँ बाप से 
कि बच्चे मुजरिम होते है, अपने ही जन्म से ?
बच्चे तो मासूम है होते,क्यों बड़ा बना डाला उन्हें हमने, 
फर्ज़ हमारा भी बनता है कि 
झांके हम उनके अंतर्मन में, बच्चे तो गीली मिट्टी होते है
 जो रूप बनाओ बचपन में, फर्ज हमारा भी बनता है कि 
झांके हम उनके अंतर्मन में, आज भी ना जाने कितने बच्चे है 
जो ना कह पाते अपनो से, कि ना लड़ो मम्मी पापा 
यहीं गुजारिश है आपसे, मैं ना हस पाता हू 
में ना रो पता हू, आपको क्या मिलेगा इन झगड़ो से ? 
फर्ज़ हमारा भी बनता है कि,झांके हम इनके अंतर्मन में 
आइये हम भी यह प्रण ले कि झांकेंगे,इनके अंतर्मन में 
ताकि फिर से कोई ऐसा, बाल दोषी ना बने 
किसी भी घर में, किसी भी घर में..... 
pooja mehra ✍️ एक सच्ची मर्डर स्टोरी 
पद्युम्न मर्डर केस 
उस मासूम की याद में एक दुखद कविता.....

poetry by heart

#MyPoetry बंगाल मै घटी घटना पर एक दुखद कविता Sahil Singh Rajput Nirmal Jha karmveer bhadresh sagar Kumar Tak poet kv singh bhadresh"केशवम"

read more

anand saroj

दुखद दुखद जीवन #दुखद विचार दुखद लड़के #दुखद दिन सदाउदीओस सदे साडी #सदगुरु दुखद लेकिन सच्चा दुखद प्रेम उद्धरण दुखद भावनाएँ उदास मूड दुखद विचा

read more
दुखद दुखद जीवन #दुखद विचार दुखद लड़के #दुखद दिन सदाउदीओस सदे साडी #सदगुरु दुखद लेकिन सच्चा दुखद प्रेम उद्धरण दुखद भावनाएँ उदास मूड दुखद विचा

wasim raza

दुखद:

read more
अजीब लोग है.......... यार
शिक्झा, स्वास्थ,भूख,प्यास
 से ज़्यादा मज़हब पर बात होती है ?? दुखद:

Yunus golden

दुखद

read more
जो वतन के वास्ते क़ुर्बान यारो हो गये 
नाम लिक्खा जायेग उनका सुनहरी हर्फ़ से  

यूनुस खान यूनुस #NojotoQuote दुखद

ਅਰਮਾਨ 🖋️ (An Untrained Shayar)

#दुखद

read more
ये  जो  खुद  को  कहते  देश  के  रखवाले हैं
शक्ल   पे  मत  जाना  दिल   के  ये  काले  हैं
जिस कदर वकालत  कर  रहे  हैं  दुश्मनों  की
यूँ लगता है कि हमने आस्तीन के सांप पाले हैं

गद्दारों   का   साथ   देने   की   इन्होंने   ठानी   है
विदेशियों  को  नागरिकता  देश  की  दिलवानी  है
सब गलत बताकर भड़का  रहे  हैं जो  आवाम  को
देश जलता है तो जले इन्होंने तो बस कुर्सी पानी है #दुखद

ROHAN KUMAR SINGH

दुखद 😭

read more
मैंने उसे ₹50 के नोट पर अपना नंबर लिख कर दिया
उसने वही नोट "गोलगप्पे" वाले को दे दिया
कल रात से गोलगप्पे वाले का
मैसेज आ रहा है
"और बताईये कैसा लगे मेरे हाथ के गोलगप्पे"
🙈🤠

©ROHAN KUMAR SINGH दुखद 😭

मासूम

दुखद #SAD

read more
हमारी तस्वीरें देख - देख कर , ये आंह भरते हैं...👀
बदन के हर एक हिस्से पर , ये निगाह करते हैं...👀
इनबॉक्स में घुस कर , तारीफ के बांधते है पुल...😡
ऐसे लोग ही ,अकेली औरत देख , बांह धरते हैं...😡

अपर्णा त्रिपाठी "मासूम"

©मासूम दुखद

#SAD

ajay jain अविराम

दुखद शर्मनाक

read more
दुखद शर्मनाक कहते बस
कालिख मे लोट लगाते है

अपनो के हत्यारो को हम
लिखते अवशोष जताते है

हृदय गरल कायरता वासी
स्वार्थ ही सर्वस्य निभाते है

आगे खुद देश किया पीछे
अब स्वेत कपोत उड़ाते है

काटे सर सदियों से जिनने
हम उनको हृदय लगाते है

विश्वासघात वो हत्यारे सब
भारत मे ही मजे उड़ाते है

खाते पीते है इस धरती का
गद्दारी कर इसे चिड़ाते है

हम भटक चुके भारतवासी
आंखों देखी को भुलाते है

कत्ल किया साधु संतों का
हम भय से सिर मुड़ाते है

कानून मीडिया बेबस सारे
बिक कर बाजार बढ़ाते है

श्रापित हो गई आज भूमि
साधु हत्या पर लजाते है
अविराम दुखद शर्मनाक
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile