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ऋतुराज पपनै "क्षितिज"
"प्रेम प्रयाग" मैंने देखे दृश्य विहंगम पाँचों ओर तेरे ही संगम, पाँच नदी से नाता जोड़ पंच प्रयाग बनाती हो, छठी बार संगम कर मुझसे प्रेम प्रयाग बना देना, अलकनंदा मुझसे लिपट कर बाहों मेरी सो जाना। पंच प्रयाग:- 1.अलकनंदा+विष्णुगंगा/धौलीगंगा=विष्णु प्रयाग,2.अलकनंदा+मंदाकिनी=रुद्रप्रयाग,3.अलकनंदा+पिंडर=कर्णप्रयाग,4अलकनंदा+नंदाकिनी=नंदप्रयाग,5.अलकनंदा+भागीरथी=देवप्रयाग। ©ऋतुराज पपनै "क्षितिज" #प्रेमप्रयाग #अलकनंदा
Amitvillain
प्यार गंगा जैसा होना चाहिए जिसमे तू भागीरथी और मैं अलकनंदा हो जाऊ ❤️ ©Amitvillain #kitaabein प्यार गंगा जैसा होना चाहिए जिसमे तू भागीरथी और मैं अलकनंदा हो जाऊ ❤️
#kitaabein प्यार गंगा जैसा होना चाहिए जिसमे तू भागीरथी और मैं अलकनंदा हो जाऊ ❤️ #न्यूज़
read moreSambhav jain
इस मजबूत सी जिन्दगी में लाखों इम्तेहान हैं जैसे शहरों वाले पूछते? क्या आसपास कोई खाली मकान है। उस गरीब का तो घर था जो शायद इन बस्तियों में आ गया लेकिन अब है सुंदरता की चमक जो दिखाती उसे रंग ढंग उसके ही समान है। आज भी शहरों में रहने के लिए लोग घर खोजते हैं लेकिन जनाब अब यहां अधिक मात्रा में मकान रूपी अपार्टमेंट हुआ करते हैं। #गरीब #खुशनसीब #घर #मकान
आज भी शहरों में रहने के लिए लोग घर खोजते हैं लेकिन जनाब अब यहां अधिक मात्रा में मकान रूपी अपार्टमेंट हुआ करते हैं। #गरीब #खुशनसीब #घर #मकान #nojotohindi #महफूज़_जनाब
read moreDipti Joshi
"पहाड़ी औरत" (पूरी कविता कैप्शन में) © Dipti Joshi पहाड़ी औरत, यमनौत्री सी शीतल और गंगोत्री सी पावन होती है काफल सी खट्टी मीठी हिमालय सी शालीन होती है, वो समेटती है अपने हर लकड़ी की गठरी
पहाड़ी औरत, यमनौत्री सी शीतल और गंगोत्री सी पावन होती है काफल सी खट्टी मीठी हिमालय सी शालीन होती है, वो समेटती है अपने हर लकड़ी की गठरी #Love #HindiPoem #kavita #कविता #Mountains #pahad
read moreहिमपुत्री किरन पुरोहित
प्रभात क्रीडा हाय प्यारी गीत गाती तू प्रभाती है सुनाती, एक जाने कौन चिड़िया सुबह का संदेश लाई और जो उठ खोल लूं पट सामने निज कक्ष के, तो मैं देखूं मणि अलौकिक हो हरि के वक्ष पे | ऐसे ही कुछ सज रहा है मेरे चारों ओर हिमवन , जिसके ऊपर चंद्र भी वह सूर्य भी बन के अलंकन | इसकी उजली नील दुति को और भी चमका रहे , और यह तो दर्प पाकर और भी मुस्का रहे | दोनों पर्वत मध्य बहती अलकनंदा जा रही है , अलकापुरी रैबार देती क्या तुम्हें बता रही है | कोहरे से चूर पर्वत धुंधले से लग रहे हैं , और बादल मुकुट बन इन शीश पर क्या सज रहे हैं | तभी प्रभाकर की किरण उन पर्वतों पर कर उजाला , धीरे-धीरे पैर रखती जा रही है और नीचे | कुछ ही पल में पार करके अलकनंदा तट वो प्यारा , मेरे आंगन में पधारे मुझसे भी कुछ बात करती | जाने ऊषा मम सहेली भय से मम पितु सूर्य के , छुपती छुपाती किधर पहुंची हो करके गायब दूर से | और आए सूर्यपितु मैं हाथ जोडे कह उठी , मेरी ऊषा उस सखी को खेलने फिर बोलो बाबा | हाथ में जिसके बसा है दृश्य यह सारा का सारा , खेल में जिसके सजा है दृश्य यह सारा का सारा | सूर्य भी तब कह उठे प्रिय यह खेलने का पल नहीं है , अपनी सब पुस्तक संभाल स्कूल आज है कल नहीं है | .............हिमपुत्री किरन पुरोहित #सुप्रभात #प्रभातक्रीडा #goodmorning #morningquots #kiranpurohit * एक प्रभात क्रीडा हाय प्यारी गीत गाती तू प्रभाती है सुनाती, एक जाने
#सुप्रभात #प्रभातक्रीडा #GoodMorning #morningquots #kiranpurohit * एक प्रभात क्रीडा हाय प्यारी गीत गाती तू प्रभाती है सुनाती, एक जाने
read moreDipti Joshi
जो गिर जाएं ज़मीन पर हम दिखाती आसमान "हिंदी" जो भूलें हम ज़मीन को तो दिखाती आईना "हिंदी" #Poetry #Hindi #poetrycommunity #कविता #hindipoetry #hindishayari #hindi_poetry #nojoto❤ #hamarihindi
read moreVandana
जब दो समुद्र मिलते हैं बहुत वक्त तक खींचतान करते हैं अपने होने की, फिर कुछ समय बाद विलीन हो जाते हैं एक दूजे में, धीरे-धीरे एक दूजे की कमीया अपनाते हैं खट्टी मीठी नोकझोंक से कुछ अलग ही आयाम बनाते हैं, भागीरथी और अलकनंदा आती हैं दो अलग-अलग पहाड़ों से बहकर,, और देवप्रयाग में उनका समागम होता है,,, बहुत दूर तक वो एक दूजे से अकड़ कर चलती हैं
भागीरथी और अलकनंदा आती हैं दो अलग-अलग पहाड़ों से बहकर,, और देवप्रयाग में उनका समागम होता है,,, बहुत दूर तक वो एक दूजे से अकड़ कर चलती हैं #yqbaba #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #collabwithme #aestheticthoughts #yqaestheticthoughts #ATgirlpicture
read moreVedantika
लौट आया वो भाग 2 (प्यार की शुरुआत) निशांत के इतना कहते ही वे दोनों अपने होश में आये। दोनों को समझ नहीं आ रहा था कि अपने जिस दोस्त को वे दोनों मरा हुआ समझ कर आज तक खुद को ही दो
निशांत के इतना कहते ही वे दोनों अपने होश में आये। दोनों को समझ नहीं आ रहा था कि अपने जिस दोस्त को वे दोनों मरा हुआ समझ कर आज तक खुद को ही दो
read moreThe Sarvajeet Krishna
चलो यादों की तस्वीर को काग़ज़ पे स्याही करते हैं कर रखी है मनाही जिसकी फ़क़त वही गुस्ताखी करते हैं (See Caption) चलो यादों की तस्वीर को काग़ज़ पे स्याही करते हैं कर रखी है मनाही जिसकी फ़क़त वही गुस्ताखी करते हैं चलो आज़ाद करते हैं खुद को ख़ाक सारी बे
चलो यादों की तस्वीर को काग़ज़ पे स्याही करते हैं कर रखी है मनाही जिसकी फ़क़त वही गुस्ताखी करते हैं चलो आज़ाद करते हैं खुद को ख़ाक सारी बे #poem
read morelalitha sai
भाग्यनगर ( हैदराबाद) Read caption...👇 भाग्यनागर हाँ भाग्यनगर जब भाग्यनगर हैदराबाद हुआ था कुछ इस तरह हुआ था जब सिर्फ पुरानी यादें छुपे हुए थे अब के भाग्यनगर में ऊंचे ऊंचे से फ्ला
भाग्यनागर हाँ भाग्यनगर जब भाग्यनगर हैदराबाद हुआ था कुछ इस तरह हुआ था जब सिर्फ पुरानी यादें छुपे हुए थे अब के भाग्यनगर में ऊंचे ऊंचे से फ्ला
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