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kumar vishesh
Listen Me चिड़िया की कहानी एक पेड़ पर कौवा और चिड़िया बैठे थे बराबर किसी झोपड़ी में आग लगी हुई थी वहां पर कुछ लोग आग बुझा रहे थे आग बुझने का नाम नहीं ले रही थी अचानक चिड़िया डाल पर से उड़ी किसी की छत पर टंकी रखी थी उसमें से अपनी चोंच मैं पानी भर जहां पर आग लगी थी वहां पर डालने लगी हर बार चोंच में पानी भरती और वहां पर डालती काफी मेहनत करने के बाद वह थक कर उसी डाल पर बैठ गई कौवा हसने लगा कहने लगा पागल चिड़िया तेरी दो चोंच पानी से क्या आग बुझ जाएगी चिड़िया ने कहा आज के दिन का भगवान के यहां इतिहास लिखा जाएगा उसमें एक बात साफ हो जाएगी कि मैं आग लगाने वालों में से नहीं थी मैं आग बुझाने वालों में से थी चिड़िया और कौवा की कहानी
चिड़िया और कौवा की कहानी
read moreSK Poetic
जंगल में एक शेर रहता था।वह अब बुढ़ा हो गया था। इसलिए उसने अपने भोजन की व्यवस्था पक्की कर ली थी। चुकी वह जंगल का राजा था। इसलिए प्रत्येक दिन एक जानवर को स्वतं ही उपस्थित होना पड़ता था।और वह उसे खाकर अपनी भूख मिटाता था। आज लोमड़ी की बारी थी ।वह शेर के पास पहुंची।लोमड़ी को देखते ही शेर खुश हो गया।और वह लोमड़ी को बोला कि आने में इतनी देर क्यों कर दी? लोमड़ी बोली, मैं क्या बोलूं महाराज रास्ते में दूसरा शेर मिल गया था।वह मुझे खाना चाह रहा था।मैं बड़ी मुश्किल से जान बचाकर आपके पास आई हूं ।वह शेर अपने को इस जंगल का राजा कर रहा था। यह सुनकर शेर को बहुत गुस्सा आया।और वह बोला कहां पर है वह दूसरा शेर मैं उसको जिंदा नहीं छोडूंगा।लोमड़ी बोली आइए महराज मैं आपको उसके पास ले चलती हूं।लोमड़ी शेर को लेकर एक कुएं के पास गई और एक भेड़ पर खड़ी होकर चिल्लाई महाराज वह देखो शेर पानी में है।यह सुनते ही शेर को बहुत जोर से गुस्सा आया।उसने कुएं में देखा तो उसे खुद की परछाई दिखाई दी।वह चिल्लाया तो उधर से भी शेर के चिल्लाने की आवाज आई। शेर ने जैसे उसकी आवाज सुनी वह उसकी आवाज सुनते ही कुआं में छलांग लगा दी।उसे लगा कि वह उस शेर को खा लेगा। वह जैसे ही छलांग लगाया वह पानी में गिर पड़ा और पानी में गिरते ही डूबने से उसकी मौत हो गई। शेर के छलांग लगाते हैं लोमड़ी मुस्कुराते हुए वहां से चल पड़ीं। Moral of the story हमें कोई भी कार्य क्रोध में आकर नहीं करना चाहिए। क्योंकि क्रोध में आकर किया गया कोई भी कार्य हमारे हित में नहीं होता है। ©S Talks with Shubham Kumar चालाक लोमड़ी #writing
Anil Kadam
कागा सब तन खाईयो चुन चुन खाईयो मांस दो नैना मत खाईयो जिन पीया-मिलन आस कागा mens कौवा
कागा mens कौवा
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