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Amit Mishra
था कौन मेरा? क्या अपना था? क्यों अपनी आदत डाल गया (In caption) शिथिल पड़ी इच्छाओं को सहसा ही कोई उछाल गया था कौन मेरा? क्या अपना था? क्यों अपनी आदत डाल गया बंजर बस्ती सूनी गलियां बरसों से बरखा को तरसी ड
Rahul Agrawal
बचपन और दादा जी जब छोड़ रहा था घर को तो होंठो पर मुस्कान थी और आंखों में पानी बस यही सोच रहा था कौन सुनाएगा पापा की डांट और दादा की कहानी - राहुल अग्रवाल follow me on Instagram and Nojoto जब छोड़ रहा था घर को तो होंठो पर मुस्कान थी और आंखों में पानी बस यही सोच रहा था कौन सुनाएगा पापा की डांट और दादा की कहानी - राहुल अग्रवाल
जब छोड़ रहा था घर को तो होंठो पर मुस्कान थी और आंखों में पानी बस यही सोच रहा था कौन सुनाएगा पापा की डांट और दादा की कहानी - राहुल अग्रवाल #nojotohindi #oldmemories #BachpanAurDadaji
read moreDEV FAIZABADI
पत्थरों से सीखा है खुद को तराशना, जब भी बनोगे इक कोहिनूर बनोगे। -देव पत्थरों से सीखा है खुद को तराशना, जो भी बनोगे तुम लाजबाब बनोगे। -देव #शायरी मै असमंजस में था कौन सी लाइन ज्यादा बेहतर है confused tha to dono lines likh diya... Dono ki meaning bahut Hi Umda bhav ki hai.. So.
#शायरी मै असमंजस में था कौन सी लाइन ज्यादा बेहतर है confused tha to dono lines likh diya... Dono ki meaning bahut Hi Umda bhav ki hai.. So. #Motivational #Heart #Dil #feelings #nojotohindi #awsome #nojotoLove #great #nojotoenglish #nojotonews
read moreAjay p.bhartiya
माना तू मजबूर होगा जो मुझे अपना ना मान सका पर पत्थर-दिल तो नहीं था तू जो मेरा दर्द भी ना जान सका न्याय की मूरत जैसे आंखों पर पर्दा था तेरे कौन तेरा अपना था ,कौन पराया ,तू ये भी ना पहचान सका । Abhartiya_ekdeewanatha #NightPath माना तू मजबूर होगा जो मुझे अपना ना मान सका पर पत्थर-दिल तो नहीं था तू जो मेरा दर्द भी ना जान सका न्याय की मूरत जैसे आंखों पर पर्द
#NightPath माना तू मजबूर होगा जो मुझे अपना ना मान सका पर पत्थर-दिल तो नहीं था तू जो मेरा दर्द भी ना जान सका न्याय की मूरत जैसे आंखों पर पर्द
read moreDrLal Thadani
जिंदगी उदास ना थी वैसे भी ख़्वाब सा रिश्ता था कौनसा मेरे पास थी डॉ लाल थदानी #अल्फ़ाज़_दिलसे OPEN FOR COLLAB✨ #ATतुम्हारेबिनाभी • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ Collab with your soulful words.✨ • Must use hashtag: #aestheti
OPEN FOR COLLAB✨ #ATतुम्हारेबिनाभी • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ Collab with your soulful words.✨ • Must use hashtag: aestheti #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #aestheticthoughts #yqaestheticthoughts #अल्फ़ाज़_दिलसे
read moreDheeraj saini dheer
कौन क्या लेकर आया था कौन क्या लेकर जाएगा यह किसे पता यह तो केवल एक फसाना है रंगमंच तो बहुत पहले ही सज चुका था सबका बस हमें तो यहां आकर अपना किरदार निभाना है सदियों से चली आ रही एक यही परंपरा जिसे आज नहीं तो कल सबको निभाना है कर लो इकट्ठे सत कर्मों के मोती बाकी तो सब को लेकर खाली हाथ जाना है... dheeraj saini dheer... ©Direct Dil se कौन क्या लेकर आया था कौन क्या लेकर जाएगा यह किसे पता यह तो केवल एक फसाना है रंगमंच तो बहुत पहले ही सज चुका था सबका बस हमें तो यहां आकर अ
#maxicandragon
मदरसा का दाना चुग कर लोंडिया मजिद्द में हगती है देखा है मैने बुर्खा चाचा का सलमा लेकर भगती है कौन रफी था कोठे में ओलाऊबर गाता था कौन फकीर था भेनकालोटा,बच्चो को चिलम पिलाता था मा चो और भै का लौ बच्चा जब चिल्लाता था सोने की चिडिया दिखलाकर नुन्नी झट्ट कटवाता था कटने से खतना कर अब्दुल बिरयानी बटवाता था छिली कटी नुन्नी पर फिर अब्दुल सूफी गीत सुनाता था छिली कटी नुन्नी पर फिर......... #साधारणमनुष्य ©#maxicandragon मदरसा का दाना चुग कर लोंडिया मजिद्द में हगती है देखा है मैने बुर्खा चाचा का सलमा लेकर भगती है कौन रफी था कोठे में ओलाऊबर गाता था कौन
मदरसा का दाना चुग कर लोंडिया मजिद्द में हगती है देखा है मैने बुर्खा चाचा का सलमा लेकर भगती है कौन रफी था कोठे में ओलाऊबर गाता था कौन #Poetry #selfhate #साधारणमनुष्य
read more#Mr.India
किसका कसूर था, वो तो अजिविका के लिए मजबूर था, कौन छोड़ना चाहता है गांव घर अपना, वो बस दो वक़्त की रोटी के मशहूर था, सरकार गिराने या बनाने की बात होती तो खरीद लेते MLA, लेकिन वो शायद मजदूर था, गांवों में भी चुनाव नहीं, वरना ले आते शहरों से शराब और रुपया पैसा बहुत था, मान गए वाह मोदी जी, जो देश छोड़ कर बाहर गए उनके लिए मिशन वन्दे मातरम् चला दिए, कुछ तो शर्म करो मरने वाले मजदूरों की मौतों पर, उनकी हिफाजत के लिए बस भी नहीं चला दिए, सहम गया है भारत माता का आंचल भी उन बेबस लाचार मजदूरों की मौतों पर, आपने तो बस आत्मनिर्भर होने का राग छेड़ दिए, मजदूर राष्ट्र का निर्माता है आत्मनिर्भर की वजह से उसको उसके हालतो पर छोड़ दिए, माफ़ करना मोदी जी, शायद वो मजदूर था, ना जाने कितने हादसों में प्राण त्याग दिए 😰, किसका कसूर था, वो तो अजिविका के लिए मजबूर था, कौन छोड़ना चाहता है गांव घर अपना, वो बस दो वक़्त की रोटी के मशहूर था...!!! #Mr.India किसका कसूर था, वो तो अजिविका के लिए मजबूर था, कौन छोड़ना चाहता है गांव घर अपना, वो बस दो वक़्त की रोटी के मशहूर था, सरकार गिराने या बनाने की
किसका कसूर था, वो तो अजिविका के लिए मजबूर था, कौन छोड़ना चाहता है गांव घर अपना, वो बस दो वक़्त की रोटी के मशहूर था, सरकार गिराने या बनाने की #MR #nojoto_poetry
read moreMohammad Arif (WordsOfArif)
उसने किस किस को चुना लगाया कौन बताएं वो आदमी शक्ल से बहुत भोला था कौन बताएं भरोसा किया सभी ने मिलकर इस कदर उस पर हर बार झूठ बोलकर गले लगाया कौन समझाएं पता सभी को धीरे धीरे चल रहा है की सच क्या है लोगों के ख्वाब मिट्टी में मिलाया कौन सुलझाएं इतना मजबूर कर दिया गलत बात को सच कहते हैं झूठ हर बार जोर शोर से चिलाया कौन दिखलाएं उसकी बताई बातों पर यकीन करने लगे सभी लोग आरिफ़ इस तरह धर्म जाति में लड़ाया कौन बतलाएं ©Mohammad Arif (WordsOfArif) उसने किस किस को चुना लगाया कौन बताएं वो आदमी शक्ल से बहुत भोला था कौन बताएं भरोसा किया सभी ने मिलकर इस कदर उस पर हर बार झूठ बोलकर गले लगाया
Satyajeet Raj
मन करता है मैं सो जाऊँ कंधे पर सर रखकर उसमे खो जाऊँ उसकी यादे इसकदर घेरे हुए है मुझे जी करता है मैं खुद को भूल जाऊँ थक चूका हूँ कबसे लड़ते #Instagram #Shayari #sadpoetry #lastcry #musicalinstagram
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