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Stories related to नाशिवंत हा देह मानवा

Shivkumar barman

मैं तुम्हारे लिए उस #चांद तारे को इस #जमीन पर ला तो नहीं सकता लेकिन तुम्हें तुम्हारे #हिस्से कि वो मै हर खुशी दे सकता जिसके तुम #हकदार

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मैं तुम्हारे लिए उस चांद तारे को 
इस जमीन् पर ला तो नहीं सकता

लेकिन तुम्हें तुम्हारे हिस्से कि वो
मै हर खुशी दे सकता जिसके तुम हकदार हों...

हा शायद मैं उसमे शामिल न हो पाऊं 
तुम्हारे घर के हर उत्सव में आऊं

लेकिन अगर कभी जो आई मुसीबत मे
 मुझे तुम हमेसा ही मेरा साथ जरूर पाओगे...

हा शायद मैं ना दे पाऊं कभी वो,
 तुम्हें हर वक्त ब्रांडेड गिफ्ट्स या वो खुशियाँ 

लेकिन तुम मेरे साथ रहे अगर तो 
हमेशा वो मन, सम्मान और भरोसा भी पाओगे...

हा शायद तुम्हें डर है 
प्यार, मोहब्बत और इश्क से,
लेकिन क्या मेरे कहने से तुम 
एक बार , मुझ पर वो भरोसा कर पाओगे...

©Shivkumar barman मैं तुम्हारे लिए उस #चांद  तारे को 
इस #जमीन  पर ला तो नहीं सकता

लेकिन तुम्हें तुम्हारे #हिस्से  कि वो
मै हर खुशी दे सकता जिसके तुम #हकदार

Shivkumar barman

#रेत में... न #देह में... न #मन मे ... न #अहसास में.. न #जिस्म में... #इश्क तो बस सिमट जाता है, सिर्फ और सिर्फ रूह में...! न आयत म

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White न रेत में... 
न देह में...
न मन मे ... 
न अहसास में..
न जिस्म में...
इश्क तो बस सिमट जाता है,
सिर्फ और सिर्फ रूह में...!
न आयत में.. 
न इनायत में....
न चाहत में .. 
न ख्वाहिश में..
इश्क़ तो बसता है सिर्फ रूह की इबादत में..!!

©Shivkumar barman
  न #रेत  में... 
न #देह  में...
न #मन  मे ... 
न #अहसास  में..
न #जिस्म  में...
#इश्क  तो बस सिमट जाता है,
सिर्फ और सिर्फ रूह में...!
न आयत म

N S Yadav GoldMine

#diwali_wishes {Bolo Ji Radhey Radhey} पहले कोई भी जाति नही थी, सबसे पहले 4 वर्ण थे, ये सब का काम के आधार पर निर्भर था, ये तो सनातन धर्म को

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White {Bolo Ji Radhey Radhey}
पहले कोई भी जाति नही थी, सबसे पहले 4 वर्ण थे, ये सब का काम के आधार पर निर्भर था, ये तो सनातन धर्म को तोड़ने की साज़िश रची गई, सादी विवाह के लिए हम सब ने अपने आप बाट लिया, जो काम करता था, वही जाती मानली, यह सरासर गलत है, धर्म व शास्त्र विरुद्ध हैं, यह व्यवस्था है, जाति नही है, सबका शरीर परम् पिता ने बिल्कुल एक सा बनाया है, और हम सदा से सर्वदा सनातन से हैं, आगे आप सब की बुद्धि व विचारधारा हैं, दोस किसी का नही, अब हर जाति व धर्म में विवाह हो रहे हैं, पूरी दुनिया का मालिक एक और हम सब उस मालिक के, सबका खून  लाल, हा विधि, विकार, विचार, रहन-सहन, भाषा और बहुत कुछ अलग हो सकता है।। जय श्री राधेकृष्ण जी।।

©N S Yadav GoldMine #diwali_wishes {Bolo Ji Radhey Radhey}
पहले कोई भी जाति नही थी, सबसे पहले 4 वर्ण थे, ये सब का काम के आधार पर निर्भर था, ये तो सनातन धर्म को

Shailendra Anand

#sunset_time Kalki समय यात्रा गतिशील रहती है,, और हमारा परिचय समय गति है और मनुज देह है प्राण वायु है संभल जा मगर ख्याल आया है तेरा मेरे लि

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White रचना,,,,,,17,,,10,,,2024
वार,,,,,, गुरुवार
्
समय  सुबह ्््पांच   बजें।   सुबह 
्््््निज विचार ््््
््््््शीर्षक ्््््
्््््
््््कालक्रम में और सकल जगत सार में आप हम खैल खिलौने है,,
 सब घड़ी के सांस सार तत्व है ्््
्््
््््््समय,,, यात्रा,,,, गतिशील   रहती घड़ी   विलक्षण।  प्रतिभा।  प्रयोग ,,
  क़िया   क़ियात्मक तथ्यों  पर आधारित   है  ््
 जीवन   क़म।  से  एक  सा।  हो सके उतना आसान  नहीं   है,,
 भविष्य अपना काम शुरू कर देख रहा हूं। 
 मैं आज चेहरे पर मुस्कान लिये
  अधरो पर मुखमंण्डल से अपनी रूह में ,
 वक्त लगता नहीं है ,,,
और चिन्तन में वक्त गुजर गया,
 वो लफ्जो का नूर सेहरा ताज उतर गया हैं।।
 आनेवाली पीढ़ी को राह दिखाने में क्या करें,
 कोई रिश्ता भेद भाव न कहीं हम दिलों सेवा मानव जीवन धर्म अन्त्याक्षरी,,,
 अपरा विद्या बालकं ज्ञानबोध गुरुकुलंन्यायपीठ ब़म्हकर्म मंत्रधर्म ,,,,
बम्हसृष्टि कर्मनिष्ठभाव ब़म्हाण्ड स्वरध्वनि अखण्ड दिव्य चक्षु संवरचनानिर्राकारंओकारं,,,
्् आत्मज्योतिनवपिण्ड धर्मश्रंखला में महान् शिवतत्व शिवअंततत्व में वक्त लगता है।।
प्रकृति प्राकृतिक प्रकृति से प्रेम करता निर्जन द्वीप में,,,
सौर मंडल उर्जा शक्ति पूंज आत्मिक शक्ति आकर्षण में 
 वक्त के ,रथ सारथी भास्कर रवि उदित कला पूर्ण किरणायभास्कराय नमः 
द्वितीय भाव में निश्चल सत्य अदृश्य शक्ति दिव्यता प्रदान करता है ।।
सृष्टि ब़म्ह कर्ममंत्र यंत्र भाव में स्थित सोच आधार है ,,
सकल जगत में जीव जीवाणु चराचर जगत सृजन सृष्टि अपरा विद्या मंदिर मनोमय में,,,
 प्रश्न प्रतिप्रश्न उत्तर है खुद से खूद में सवाल छुपा है ।।
हम दिलों से असामान्य रूप से जीवन में जो कुछ भी हो रहा है,,
 वह अदभुत कल्पना में जींव जीवाश्म प्राणी में प्राण वायु नभमण्डलं से,,
 पंचतत्व विधान संहिता दर्शन में नर नारायण नर मादा में विचरण करते 
 सकल जगत में जीव जीवाणु चराचर जगत सृष्टि विज्ञान है ।।
जो धरती पर साकार लोक में भ़मण गति प्रगति अवगति सदगति
स्वयंभू मणिधर धरा रसातलं नागलोक जो भी है।।
यह कथन सच्चाई ज्ञानरस लोकसृजनमें यथायोग्य संस्कार में ज्ञानयज्ञं में ,,
सृजन सृजित ईश्वर सत्य क़म चरण स्पर्श अनुसार पल घड़ी विलक्षण काल महाकाल गति प्रगति है ,।।
जीवन सार सार्थक निर्णय स्वप्रयास ही सुन्दर सब कुछ तुम नर मुनि संन्यासी संत  संन्यास आश्रम में 
जीवन जरूरी है जीवन का कमंयोग अन्तिम यात्रा अमर प्रेम कहलाता है।।
्््््कवि शैलेंद्र आनंद ््््
17,,,,,,10,,,,2024

©Shailendra Anand #sunset_time  Kalki
समय यात्रा गतिशील रहती है,,
और हमारा परिचय समय गति है और मनुज देह है प्राण वायु है संभल जा मगर ख्याल आया है तेरा मेरे लि

N S Yadav GoldMine

#navratri {Bolo Ji Radhey Radhey} सुख हमारी देह (शरीर) को छूते हैं, और दुख हमारी आत्मा को छूते हैं, जो दोनों ही कष्ट दायक हैं, ज्यादा दिम

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{Bolo Ji Radhey Radhey}
सुख हमारी देह (शरीर) को छूते हैं, 
और दुख हमारी आत्मा को छूते हैं, 
जो दोनों ही कष्ट दायक हैं, ज्यादा 
दिमाग पर बोझ नहीं रखना चाहिए।
जय श्री राधेकृष्ण जी।

©N S Yadav GoldMine #navratri {Bolo Ji Radhey Radhey}
सुख हमारी देह (शरीर) को छूते हैं, 
और दुख हमारी आत्मा को छूते हैं, 
जो दोनों ही कष्ट दायक हैं, ज्यादा 
दिम

Phalak Rakesh

नहीं है ये कि कभी लाज बर नहीं आती मगर हा वो फिर भी अपने घर नहीं जाती कि मेरे ज़ख्म ही थोड़े बहुत खुरेदे है मिरी तन्हाइ मुझे काट कर नहीं

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कि मेरे ज़ख्म ही थोड़े बहुत खुरेदे है 
मिरी तन्हाइ मुझे काट कर नहीं खाती

©Phalak Rakesh नहीं है ये कि कभी लाज बर नहीं आती 
मगर हा वो फिर भी अपने घर नहीं जाती 

कि मेरे ज़ख्म ही थोड़े बहुत खुरेदे है 
मिरी तन्हाइ मुझे काट कर नहीं

N S Yadav GoldMine

#sad_shayari {Bolo Ji Radhey Radhey} आत्म हत्या शब्द का उच्चारण या बोला जाना गलत है, जब आत्मा को कोई भी जला, गला, सुखा, मिटा या किसी भी प

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White {Bolo Ji Radhey Radhey}
आत्म हत्या शब्द का उच्चारण या 
बोला जाना गलत है, जब आत्मा 
को कोई भी जला, गला, सुखा, 
मिटा या किसी भी प्रकार से नाश 
नही हो सकता, तो यह बोलना 
गलत है, आत्म हत्या ये तो देह 
या शरीर को खत्म करना 
बोला जाना चाहिए?
जय श्री राधेकृष्ण जी।

©N S Yadav GoldMine #sad_shayari {Bolo Ji Radhey Radhey}
आत्म हत्या शब्द का उच्चारण या 
बोला जाना गलत है, जब आत्मा 
को कोई भी जला, गला, सुखा, 
मिटा या किसी भी प

Harshvardhan असरार जौनपुरी

#poetryunplugged जैसी हो वैसे ही पसंद किया है तुम्हें कोई बदलाव नहीं चाहिए अब तुममे और बात-बात पर तुम्हारा खफा होना तुम्हें मनाते रहना अच्

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ANATH SHAYAR

हा,हूं बीबी का गुलाम #wifeandhusbandrelationship #wife love #lovestatus #follow #sedfeel #bebafasta

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Yogesh Pawale

#emotionalstory Marathi kavita हा पाऊस कोणाचा

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