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Kalpana Tomar
तुम शब्द हो, मैं अर्थ हूं, अन्यथा मैं व्यर्थ हूं। तुम जो सिद्ध कर चुके, मैं वो अकाट्य तर्क हूं। तुम सजग रहे सदा, ये देख मैं सतर्क हूं। तुम ठान लो, जो कर सको, मैं भी अभी समर्थ हूं। जो मुझे आदेश दो, उस हेतु ही तदर्थ हूं। अगर तुमने छल किया, तो मैं महा अनर्थ हूं। ©Kalpana Tomar मैं शब्द तुम अर्थ #nojohindi #nojolife #nojolove #nojoto_poetry
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read moreअज्ञात
उत्कृष्ट हो कालजयी प्रमाण बनना होगा ए मेरी रचनाओं तुम्हें..! कलम की प्रतिष्ठा व सम्मान बनना होगा ए मेरी संवेदनाओं तुम्हें..! मेरे अंतर्मन का सर्व श्रृंगार हो तुम दीपक में ज्योति सा आधार हो तुम जीवनदर्शन का उपमान बनना होगा ए मेरी सामर्थ्यताओं ओं तुम्हें..! बड़ी सिद्द्त से गढ़ा है हर्फ़ हर्फ़ तराश कर कैसे जी पाउँगा तुमसे ही हारकर निराभिमान स्वाभिमान बनना होगा ए मेरी कल्पनाओं तुम्हें..! तुम्हारा अस्तित्व यूँ निरर्थक न हो पाये हमारा अथक परिश्रम ही व्यर्थ न जाये सत्यं शिवम सुंदरम की पहचान बनना होगा ए मेरी प्रेरणाओं तुम्हें..! प्रेम से पल्ल्वित हो पवित्रता का परिचय बनो तुम अमिट हो अजेय हो तो अक्षय बनो काव्य धरोहर में मनोरम स्थान बनना होगा ए मेरी भावनाओं तुम्हें..! ©अज्ञात #रचना
Prakash Vidyarthi
White :"भारत की नदियां": आओ बच्चों रचना में पहचान करते हैं। सीखने सिखाने का नया काम करते हैं।। भारत के कुछ पावन नदियों को याद । कविता के माध्यम से अब नाम करते हैं।। चमोली उतराखंड से गंगोत्री निकली आगे बढ़ बन चली भागीरथी नद आनंदा। मानसरोवर झील से ब्रह्मपुत्र निकसै उत्तराखंड अलकापुरी से नदी अलकनंदा।। गोमुख गंगोत्री गलेशियर से उदित भागीरथी किरात नदी के नाम से भीं ये जानी जाती। गढ़वाल क्षेत्र जल धारा में कोलाहल के कारण ये निर्झरणी भागीरथी सास भीं कभी कहीं जाती ।। सतोपंथ भागीरथ हिमनद से उत्पन अलकनंदा लगभग 195 km बहकर आगे बढ़ती जाती । सरस्वती धौलीगंगा नंदकिनि पिंडर सहायिका पहाड़ों कंदराओं को तोड़ती बहू बन इठलाती।। विष्णुप्रयाग धौलीगंगा से मिलती हैं मना गांव सरस्वती से । क्रनप्रयाग पिंडर सहायिका से रुद्रप्रयाग मंदाकिनी नदी से ।। देवप्रयाग उत्तरकाशी में आकर ये सरिताये भागीरथी और अलकनंदा बड़ी मन भाए। मिलकर दोनो की कल कल पानी संगम पर मां पावन पवित्र गंगा नदी कहलाए।। उत्तर प्रदेश बिहार से गुजरती बहती गंगा पश्चिम बंगाल में हुगली तटीनी बन इतराए। पबनद्वीप बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र से मिलंनकर ये मईया गंगा पदमा नाम से जाना जाए।। हिमालय पहाड़ी से कंदरा जंगल में होकर मैदानी इलाकों को तारती कभी बाढ़ भीं लेआती। मेघना नाम से गंगा ब्रह्मपुत्र के संयुक्त नीरधारा बंगाल की खाड़ी में हौले हौले अब गिरती जाती।। स्वरचित:- प्रकाश विद्यार्थी ©Prakash Vidyarthi #sad_quotes #रचना #कविताएं
Drjagriti
White सब कुछ व्यर्थ है फिर भी जीवन के बहुत गहरे अर्थ है। ©Drjagriti #अर्थ मोटिवेशनल कोट्स हिंदी
#अर्थ मोटिवेशनल कोट्स हिंदी
read moreSrinivas
नेतृत्व का असली अर्थ है जब बिना नाम, बिना पद के भी जनता की भलाई की जाए। ©Srinivas नेतृत्व का असली अर्थ है जब बिना नाम, बिना पद के भी जनता की भलाई की जाए।
नेतृत्व का असली अर्थ है जब बिना नाम, बिना पद के भी जनता की भलाई की जाए।
read morePrakash Vidyarthi
White " विचारो में भिन्नता " हम उस बंजर भूमि के प्राणि हैं जहां के लोगों को दूर के ढोल सुहांवन लगते हैं। मेहफिले तो यहां भी सजी हैं और वहां भी सजी हैं पर किसी को नदी नही नाली ही मनभावन लगते हैं।। बस नज़र और नजरिए का अन्तर हैं हुजुर देखो तो किसी को सौ हंड्रेड तो किसीको फिफ्टी टू बावन लगते हैं यहीं नहीं, सोचे तो ये उच्च नीच का भेद बड़ा अजीब है जो बुद्धि और विचारो से सब दुष्ट बामन लगते हैं।। पॉलिटिक्स ताकत के पीछे ये दुम हिलाते करते हैं चापलूसी। दूसरो को नीचा दिखाने में मिलती हैं इनको बहुत खुशी।। नफरत की निगाह से यहां सब एक दूसरे को देखते हैं। नियत की नियती कौन जानें फिर भी जालिम हाथ सेकते हैं।। काश उनमें स्नेह होता भाईचारा होता तो विकाश की बहती पावन धारा होता। प्रफूलित हों उठता सबका तन मन संघ दरिया में डूबे तिनके का सहारा होता।। पर गिरे हुए हैं कुछ असमाजिक तत्व लोग जो अक्सर गिराने में लगे हैं ख़ुद को भी औरों को भी करते हैं बेवजह अपमान ये अपनो को छोड़ते नहीं कभी गैरों को भी ।। कोई इन्हे लेवरचटवा धूर्त या चमचा भीं कहते हैं। ये पढ़े लिखे भ्रष्ट कभी किसी को भी मात दे देते हैं। अगर समझो तो ये मिट्टी सोना है और सोना मिट्टी हैं ऐसे लोगों को चुंगुला अशिष्ठ व्यभाचारी बेलचा कहते हैं।। बिगड़ा कुछ नहीं है यहां आपस की बस ताल मेल बिगड़ी हैं। बड़े मियां छोटे मियां के चक्कर में पक रही जली भूनी खीचड़ी हैं।। तू तू मैं मैं की होड़ लगी है अपना बनता जाए बस काम। ईमानदार सज्जन जाए भाड़ में बगल में छूरी मूख में राम।। स्वरचित:- प्रकाश विद्यार्थी भोजपुर बिहार ©Prakash Vidyarthi #love_shayari #कविता #poetry #रचना
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read moreANATH SHAYAR
भरोसा का अर्थ है मां #follow #motivationकीआग #Motivational #Youtubeshorts #Youtube #youtubeShort
read moreKesh Karan nishad
White संपूर्ण अवतार वाणी एक ज्योति है सबके अंदर नर है चाहे नारी है शूद्र, वैश्य और ब्राह्मण क्षत्रिय एक की रचना सारी है ©Kesh Karan nishad ## प्रभु की रचना##
## प्रभु की रचना##
read moreLõkêsh
नजारे , नजरो के सामने कई नजर आते है , कमबख्त नजर बस तेरी नजर को तरस जाती है । ऐसी लगी नजर जमाने की , तेरी याद तो आती है , लेकिन तू नजर नहीं आती है । ©Lõkêsh नजर , शब्द एक अर्थ अनेक 😂
नजर , शब्द एक अर्थ अनेक 😂
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