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Parasram Arora
White वो नदी समुन्दर के निकट पहुंचने के तुरंत बाद लौटने लगी अपने स्त्रोत की तरफ क्यों की उसे डर था कि उसका मीठा जल समुन्द्र के खारे पानी से मिल कर कहीं प्रदूषित न हो जाए ©Parasram Arora नदी और उसका मीता पानी
नदी और उसका मीता पानी
read moreMukesh Poonia
White नीचे गिरना सदैव पतन नहीं होता नदी पर्वतो से गिरकर सागर बन जाती है . ©Mukesh Poonia #sad_quotes नीचे #गिरना #सदैव #पतन नहीं होता #नदी #पर्वतो से गिरकर #सागर बन जाती है अच्छे विचारों आज का विचार सुप्रभात हिंदी छोटे सुविचार न
Snehi Uks
यूं तो बहुत सी नदी,तालाब, सागर और महासागर भी है पर महबूब की आंखों में डूबना मतलब पार हो जाना है....
read moreRakesh frnds4ever
White आ चल के ,,,,,,,,,,,,,,,,,हम चलें कहीं जहां नौरंगी गुलजार हो मौसम नजम ,,गजल गाता हो नदी नाले प्यार की बातें करते हो ये पर्वत पहाड़ झरने कुदरत की बेपनाह मोहब्बत को ताजगी ,सादगी, खूबसूरती से बड़े चाव से, प्यार से ,अपनेपन से प्रदर्शित कर रहे हो आ चल के ,,,,,,,,,,,,,,,,,हम चले यहीं यहां कुदरत हो ,,,,,,,,,,हम तुम हो मौसमें बहार हो दिल का करार हो प्रकृति ओर प्रकृति की रचनाओं से घिरा हमारा छोटा सा संसार हो जो इस दुनिया/इस जहान,,,,,,,,, से पार हो ,,... ©Rakesh frnds4ever #आ #चल के ,,,,,,,,,,,,,,,,,हम चलें कहीं जहां नौरंगी #गुलजार र हो #मौसम नजम ,,गजल गाता हो नदी नाले प्यार की बातें करते हो ये पर्वत पहाड़
बेजुबान शायर shivkumar
"अस्तित्व" सिर्फ़ पेड़ होना ही काफ़ी नहीं घना और विशाल भी बनना पड़ता है। एक वृक्ष को सम्मान पाने के लिए.. नदी नहीं मानी जाती है । नदीजब तक प्रवाह में उफ़ान न हो और जल में शीतलता नही आती । मनुष्य का सिर्फ मनुष्य होना भी काफ़ी नहीं है । सत्कार पाने के लिए ज़रूरी है । बाहों में बल, चेहरे पर चमक उच्च कुल, श्रेष्ठ पदनही तो कम से कम पर्याप्त धन । नैसर्गिक मनुष्य द्वारा ही बनाए गए समाज में सिर्फ़ एक नैसर्गिक मनुष्य होने का कोई अस्तित्व नहीं ! ©बेजुबान शायर shivkumar " #अस्तित्व " सिर्फ़ पेड़ होना ही काफ़ी नहीं घना और विशाल भी बनना पड़ता है। एक #वृक्ष को #सम्मान पाने के लिए.. नदी नहीं मानी जाती है । न
" अस्तित्व " सिर्फ़ पेड़ होना ही काफ़ी नहीं घना और विशाल भी बनना पड़ता है। एक वृक्ष को सम्मान पाने के लिए.. नदी नहीं मानी जाती है । न
read mores गोल्डी
नदी के शांत तट पर., मन तेरी यादें विसर्जन कर रहा है....!! ~×~ बहुत दिन हो गए हैं तुमसे बिछड़े., अब मिलने को मन कर रहा है.....!! ©s गोल्डी नदी के शांत तट पर., मन तेरी यादें विसर्जन कर रहा हैं....!!# ~×~ बोहत दिन हो गए हैं तुमसे बिछड़े., अब मिलने को मन
नदी के शांत तट पर., मन तेरी यादें विसर्जन कर रहा हैं....!!# ~×~ बोहत दिन हो गए हैं तुमसे बिछड़े., अब मिलने को मन
read moreArjun Rawat पार्थ
Rakesh frnds4ever
White अ:- क्या हाल है !!?!!! मैं:- ,,,,,,,,,ठीक,,,, (हाल बेहाल हैं, सवाल ही सवाल है, जिंदगी भी जी का जंजाल है, बवाल ही बवाल हैं, शरीर केवल हाड़ मांस का कंकाल है....) ब:- क्या चल रहा है आज कल!!!??!! मैं:- ,,,,,,,कुछ नहीं,,,,, ((सब थम गया है, ये धरती ,अंबर ,पहाड़, हवाएं, नदी झरने ताल पोखर,,, ये शरीर , इसकी नलिकाएं, अवनालिकाएं, धमनियां, रक्त प्रवाह, हाड़ मांस गुर्दे दिल फेफड़े ,,,सब का सब___ जैसे जर गया है,,, दिल दिमाग मन चित सब _____जैसे जम गया है,,, ((घूटन में दम तोड़ती, तड़पती बस टूटी फूटी सांसे चल रही हैं....))) ©Rakesh frnds4ever #हाल_बेहाल अ:- #क्या हाल है!??!! मैं:- ,,,,,,,,,ठीक,,,, (हाल बेहाल हैं, सवाल ही सवाल है, #जिंदगी भी जी का #जंजाल है,बवाल ही बवाल हैं, शरी
#हाल_बेहाल अ:- #क्या हाल है!??!! मैं:- ,,,,,,,,,ठीक,,,, (हाल बेहाल हैं, सवाल ही सवाल है, #जिंदगी भी जी का #जंजाल है,बवाल ही बवाल हैं, शरी
read moreRavendra
लखीमपुर- पलिया भीरा नेशनल हाईवे पर पानी का बहाव तेज आवागमन सभी साधन हुए बंद तराई इलाकों में बाढ़ से हालात फिर खराब होने की आशंका हुई बहुत
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