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Rajesh Raana
एकसूत्र में सबकों बांधे , ये रिश्तों के धागे , बिन बहनों के होते हैं भाई कितने अभागें । न दौलत , न मिल्कियत , न मांगे हीरे मोती, प्रेम , सुरक्षा , अपनापन यही बहन बस मांगे । (येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।) रक्षाबन्धनं पर्वस्य शुभकामना: रक्षा बंधन एकसूत्र में सबकों बांधे , ये रिश्तों के धागे , बिन बहनों के होते हैं भाई कितने अभागें । न दौलत , न मिल्कियत , न मांगे हीरे मोती,
रक्षा बंधन एकसूत्र में सबकों बांधे , ये रिश्तों के धागे , बिन बहनों के होते हैं भाई कितने अभागें । न दौलत , न मिल्कियत , न मांगे हीरे मोती, #nojotohindi #राखी #hindinojoto #रक्षाबंधन
read moreKP STORY HD
KP TECHNOLOGY HD video editing apps for Android mobile ©KP STUDY HD लेकिन इस बार रक्षाबंधन की तारीख को लेकर लोगों में उलझने हैं कि रक्षाबंधन 30 को मनाया जाए या 31 को तो आइए जानते है रक्षाबंधन की सही तारीख और
लेकिन इस बार रक्षाबंधन की तारीख को लेकर लोगों में उलझने हैं कि रक्षाबंधन 30 को मनाया जाए या 31 को तो आइए जानते है रक्षाबंधन की सही तारीख और #News
read moreManish Kumar Savita
किसी बेजुबान की बली से यदि ईश्वर या अल्लाह खुश होते हैं तो आपने निश्चित ही गलत आराध्य को चुन लिया है या उनके संदेश आप तक गलत पहुंचाए गए है।। #Manish Kumar Savita #बली
माखन GAMING
करूँ क्यों फ़िक्र कि – मौत के बाद जगह कहाँ मिलेगी..!! जहाँ होगी मेरे बजरंगबली की महफिल, मेरी रूह वहाँ मिलेगी..!! #जय बजरंगबली ©माखन GAMING बजरंग बली
सुखदीप
किसी की जान लेकर, खुश होते हो क्या, तुम अपनी मर्जी से, बलि लेते हो क्या। ©सुखदीप #lovequote बली
Tarakeshwar Dubey
बली बरजोर नचाता है ............................. न्याय जा बैठी मूजरे में, बली बरजोर नचाता है, मोटी बोली लगा लगा, अपने संग ले कर जाता है। दुर्बल का जीना हुआ दुभर, निज भाग्य पर पछताता है, भारत की ऐसी देख दुर्गति, आंख खून बरसाता है। वंदे मातरम्, वंदे मातरम्! संविधान की वाणी में न्याय, संवैधानिक अधिकार है, पर अदालतों के दरवाजे, यह महज एक व्यापार है। मोटी फीस मोटे अधिवक्ता, हाथ न्याय कदमों में सत्ता, जिसकी जितनी बड़ी शक्ति, पीछे उसके वैसा जत्था। पड़ती तारीख पर तारीखें, मुंशी रौब जमाता है, न्याय जा बैठी मूजरे में, बली बरजोर नचाता है। वंदे मातरम्, वंदे मातरम्! करके बलात्कार अन्यायी, बर्बर शेर हो जाता है, किसी मंत्री की शरण से, सब पर धौंस जमाता है। रहे भले ही जेल में वह, होती खुब खातिरदारी, जेलर और मुजरिम में, दिखे गजब की वफादारी। साफ कर सारे सबूत, बाइज्जत बरी हो जाता है, न्याय जा बैठी मूजरे में, बली बरजोर नचाता है। वंदे मातरम्, वंदे मातरम्! संसद और सचिवालय, गुंडों के बने आश्रयदारे, इनकी मर्जी से चलती, मंत्रालय और सरकारें। माफिया घोटालेबाजों की, सेवा में सिपाही रहता है, मातृभुमि के गद्दारों की, तन मन सेवा करता है। जनता के पैसे से द्रोही, भर सक ऐस मनाता है, न्याय जा बैठी मूजरे में, बली बरजोर नचाता है। वंदे मातरम्, वंदे मातरम्! ©Tarakeshwar Dubey बली #moonlight
बली #moonlight #कविता
read morejyoti kanwar
मुझपे आप का हाथ हो, हर पल आपका साथ हो, और क्या मांगू आप से बजरंग बली, बस मेरे परिवार पर आपकी कृपया ऐसे ही बनी रहे। ©jyoti kanwar जय बजरंग बली
जय बजरंग बली #विचार
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