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अदनासा-
Jai Shri Ram "कृपया मर्यादा में रहकर अपनी बात कहे" "मर्यादा" अपने आप में एक आदर्श शब्द है, क्योंकि "मर्यादा" शब्द का सीधा संबंध , त्रेतायुग के महानायक मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम से है, मैं स्वयं सर्वप्रथम मर्यादा शब्द का परिचय, प्रभु श्री राम के नाम से पहले हुआ, इसलिए जब भी मर्यादा शब्द सुनता हूं तो मुझे हर समय मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम का स्मरण होता है। लेकिन कलयुग आते-आते प्रभु श्री राम एवं उनके चरित्र का एक भाग अर्थात "मर्यादा" , इन दोनों ही का उपयोग, अपने-अपने हित को साधने के लिए भारत वर्ष में, वर्तमान काल तक जारी है। इन दोनों ही नाम अर्थात "राम" एवं "मर्यादा" का प्रयोग धार्मिक प्रयोजन में हो तो उत्तम लाभ प्राप्त होता है, परंतु जैसे ही इन दोनों का उपयोग राजनीति में नेताओं के द्वारा, एवं धर्म क्षेत्र में चंद पाखंडियों द्वारा होता है, तो अधम हानि को प्राप्त होता है। "मर्यादा" शब्द का प्रयोग हमारी मुख्य धारा के समाचार चैनलों पर सबसे ज़्यादा किया गया, जिसमें देश की भावनाओं को कुरेदने वाले कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, ऐसे लोगों को निमंत्रित किया जाता है, जो अमर्यादित भाषा के शिरोमणि हो। परंतु जैसे ही निमंत्रित मेहमान, अपने उच्च कोटि की अमर्यादित भाषा बोल लेता है, तब तक समाज में बहुत से लोगों तक यह अमर्यादित भाषा पहुंच जाती है, यह सिलसिला दस साल से लगातार हो रहा है, जब यह रायता फैलता रहता है, उसके बाद देश के तथाकथित स्वयंभू नंबर वन समाचार चैनलों के हमारे होनहार चाटुकार ऐंकर और ऐंकरा यह कहना नहीं भूलते कि, "कृपया मर्यादा में रहकर अपनी बात कहे" वैसे वर्तमान में हर चीज़ ही अमर्यादित हो रही है, फ़िर भी मैं यही कहूंगा, कृपया प्रभु श्री राम का स्मरण रखें एवं मर्यादा का पालन करें। ©अदनासा- #प्रभुश्रीराम #मर्यादा #पुरुषोत्तम #राजनीति #अमर्यादित #समाचार #चैनल #गोदी_मीडिया #Instagram #अदनासा
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी तुर्क मिजाजी के शब्द संसद को अमर्यादित लगते थे तौहीन ना हो जाये सांसदों की स्पीकर को शब्दबाण चुभते थे अब मुँह सिले बैठे है बिधूड़ी के शब्द अमृत जैसे लगते है अमृत काल है भैया सत्ता पक्ष के लोगो के अशब्द किया तबाही मचायेंगे देश मे मगर मुँह सिले सब बैठे है कारवाही के नाम पर संसद की कितनी बढ़ी तौहीन कर बैठे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Likho तुर्क मिजाजी के शब्द संसद को अमर्यादित लगते थे #nojotohindi
#Likho तुर्क मिजाजी के शब्द संसद को अमर्यादित लगते थे #nojotohindi #कविता
read moreसुसि ग़ाफ़िल
बेड़ियाँ टूटेगी या फिर टूटेंगे वो रिश्ते, जो अमर्यादित कर रहे हैं स्त्री के आंचल को ! बेड़ियाँ टूटेगी या फिर टूटेंगे वो रिश्ते, जो अमर्यादित कर रहे हैं स्त्री के आंचल को !
बेड़ियाँ टूटेगी या फिर टूटेंगे वो रिश्ते, जो अमर्यादित कर रहे हैं स्त्री के आंचल को !
read moreAuthor Munesh sharma 'Nirjhara'
सच्चा प्रेम तो अब किस्से-कहानियों में होता है अब कहाँ प्रेम की डोर से दो दिलों का बंधन होता है राधा-कृष्ण जैसा प्रेम तो अब अमर्यादित असामाजिक कहलाता है.... 🌹 अनुशीर्षक में पढ़ें.... सच्चा प्रेम तो अब किस्से-कहानियों में होता है अब कहाँ प्रेम की डोर से दो दिलों का बंधन होता है राधा-कृष्ण जैसा प्रेम तो अब अमर्यादित असामाजि
सच्चा प्रेम तो अब किस्से-कहानियों में होता है अब कहाँ प्रेम की डोर से दो दिलों का बंधन होता है राधा-कृष्ण जैसा प्रेम तो अब अमर्यादित असामाजि #yqdidi #yqhindi #हिन्दीदिवस #yqlovequotes #aestheticthoughts #ankbyat #ATankD
read moreyogesh atmaram ambawale
वेळ ही कधी चांगली असते तर कधी वाईट असते,ती कधी कुठल्या रुपात चालून येईल सांगता येत नाही. वेळ ही कधी कुणाची गुलाम नसते तरी आपण तिला आपल्या चांगल्या वर्तनाने आपलीशी करून ठेवू शकतो. वेळ ही नेहमी मर्यादित स्वरूपात आपल्याला भेटते तिला जर आपल्याकडे अमर्यादित स्वरूपात ठेवायची असेल तर तिची योग्य ती कदर करा. योग्य वेळेस योग्य कार्य करून घ्या, वेळेला थोडा वेळ दया मग बघा ती वेळ आपलीच होऊन राहील ती सुदधा चांगली वेळ म्हणूनच राहील. सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों कसे आहात? आयुष्यात नेहमी चांगली किंवा वाईट वेळ येते. ते आपण आपल्या सोयीनुसार चांगल किंवा वाईट म्हणतो. पण वेळे
सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों कसे आहात? आयुष्यात नेहमी चांगली किंवा वाईट वेळ येते. ते आपण आपल्या सोयीनुसार चांगल किंवा वाईट म्हणतो. पण वेळे #Collab #YourQuoteAndMine #yqmarathi #yqtaai #थोडावेळ
read moreBramhan Ashish Upadhyay
विद्रोही अपने ही बन बैठे हैं अपनों की जान के दुश्मन । अँगुल भर जमीन के लिए भाइयों को लड़ते देखा है।। आये दिन अमर्यादित हो जाती है जो ये मर्यादाओं की रेखा है। आज कचड़े के ढ़ेर में किसी ने अपने एक अंश को फेका है।। ये वो दौर है साब जहाँ इन्सानों में इंसानियत को मरते देखा है। ब्रम्हांड में जो स्थान सब से सुरक्षित है। माँ रूपी अभेद्य कवच से जो रक्षित है।। आज उस रक्षण में भी एक अजन्मी बेटी को माँ के कोख़ में ही ख़ुद के बाप से डरते देखा है ।। माँ के कोख़ में ही ख़ुद के बाप से डरते देखा है।। #vद्रोही #NojotoQuote विद्रोही अपने ही बन बैठे हैं अपनों की जान के दुश्मन । अँगुल भर जमीन के लिए भाइयों को लड़ते देखा है।। आये दिन अमर्यादित हो जाती है जो ये मर्या
विद्रोही अपने ही बन बैठे हैं अपनों की जान के दुश्मन । अँगुल भर जमीन के लिए भाइयों को लड़ते देखा है।। आये दिन अमर्यादित हो जाती है जो ये मर्या #Poetry #India #Quote #Thoughts #माँ #Stories #father #writersofindia #wordporn #writeaway #writersofinstagram #quoteoftheday #quotestagram #wordswag #wordsofwisdom #writersofig #feelings #inspirationalquotes #yourquote #qotd #instawriters #igwriters #igwritersclub #yqbaba #nojotohindi #yqdidi #huminity #newwritersclub #vद्रोही
read morePratibha Tiwari(smile)🙂
कुछ बात है तुममें तुम औरों जैसे नहीं हो, यूं मेरे गैर होकर भी तुम गैरों जैसे नहीं हो। बरसों से सूखे होंठों पर तुमने खिलखिलाहट के रंग सजा दिए, कुछ बात है तुम्हारे मेरी जिंदगी में भरे रंगों में, ये रंग और रंगों जैसे नहीं हैं। तुम्हारी बातें जो सुनती हूं सुनती ही रह जाती हूं, एक तुम्हारी प्रेम की राह में ना जाने किन किन राहों पर भटक आती हूं। ये तुम्हारे प्रेम में भटकाव मेरा औरों के भटकाव जैसा नहीं है, तुम्हारे प्रेम में दूब गई मै ये डूबने जैसा नहीं है। तुम्हारे प्यार के अहसास दूरियों का अहसास नहीं होने देते, ये मर्यादा के बन्धन पास होकर भी पास नहीं होने देते, तुम्हारा अपार प्रेम औरों के प्रेम के उफान सा नहीं है। तुम्हारा धैर्य की सीमा का क्या कहूं,ये तुम्हारा अभिमान तो नहीं है,कुछ बात है कि मर्यादित औरों जैसा अमर्यादित नहीं है। ___Satyprabha💕.....My Life ✍ कुछ बात है तुममें तुम औरों जैसे नहीं हो, यूं मेरे गैर होकर भी तुम गैरों जैसे नहीं हो। बरसों से सूखे होंठों पर तुमने खिलखिलाहट कर रंग सजा दिए
कुछ बात है तुममें तुम औरों जैसे नहीं हो, यूं मेरे गैर होकर भी तुम गैरों जैसे नहीं हो। बरसों से सूखे होंठों पर तुमने खिलखिलाहट कर रंग सजा दिए
read moreNitesh Prajapati
शाम ढलती है, सूरज छिप जाता है, रात का समा खिलता है, चाँद भी हल्की हल्की रोशनी बिखेरता है, कहीं कोई हसीन गुफ़्तगू करता है, तो कहीं कोई तकिये संग रोता है। चाहे दिन भर रखो कितना भी व्यस्त खुद को, लेकिन रात को एक लम्हा तन्हाई का, तुझे कमजोर कर ही देता है, उस पल मैं ना चाहकर भी तू, सरक जाता है उसकी यादों में। हो जाती है आँखे नम और, बह जाता है अश्क का सैलाब, कशमकश दिल की बढ़ती ही जाती है, फिर भी हाथ न लगे कुछ, रात भी सितम गुजारती है, और कमबख्त सुबह भी जल्दी नहीं होती। -Nitesh Prajapati केवल सहभागिता हेतु। 🌺 यह पोस्ट रचनात्मक कौशल और अभिव्यक्ति हेतु है। यह कोई प्रतियोगिता नहीं है। 🌺 सहभागिता के द्वारा लेखन/रचना कौशल में
केवल सहभागिता हेतु। 🌺 यह पोस्ट रचनात्मक कौशल और अभिव्यक्ति हेतु है। यह कोई प्रतियोगिता नहीं है। 🌺 सहभागिता के द्वारा लेखन/रचना कौशल में #yqbaba #hindipoetry #yqdidi #YourQuoteAndMine #yourquotebaba #restzone #collabwithहृदय_अभिव्यक्ति #हृदय_अभिव्यक्ति_रचनाकौशल
read moreDivyanshu Pathak
अब तू ही बता प्रकृते! क्यूं करे कोई तेरी आराधना? या हमारे पापों का ही फल हम भोग रहे हैं? तब तेरी क्या आवश्यकता रह जाएगी? फिर तो कृष्णा के स्थान पर कृष्ण को याद करेंगे, जो कह गए- ‘यदा यदाय धर्मस्य….’ पर यह देश आस्थावान है। यहां संस्कृति प्रकृति का सम्मान करती है। हम प्रतीक्षा करेंगे, हे देवी! तू आएगी, दु:ख और संहार से देश को बाहर निकालेगी। आज से अगली नवरात्राओं की प्रतीक्षा करता तेरा, ये देशवासी। हे शक्ति स्वरूपा दुर्गे! सुर-असुर दोनों का अस्तित्व तुझसे ही है। तुझसे बलवान भी अन्य कोई नहीं। तब क्यों महिलाएं तेरे राज में असुरक्षित हैं?