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shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White इक नजूमी ने देखकर मिरी पेशानी,मिरा जो हाल बता रखा है यानि मुझपे नागानी आफत आने का वबाल बता रखा है//१ न रही इखलासे उल्फत,न तुझमे कोई खुलुस ए इबादत, ये कहकर उसने मिरि मुख्लिस बंदगी को दलाल बता रखा है//२ खुदाया तिरी हिक्मत मे,वो खुदाई दावा कर रहा है,जिसने कई मुफलिस मजलूम को कर क़त्ल,मासूम बेगुनाहो को दज्जाल बता रखा है//३ इधर दो जून रोटी के जुगाड़ मे फना हो गई गरीबों की उम्र तमाम, उधर अमीरों ने दो नम्बरी आड़ को एक नम्बर हलाल बता रखा है//४ शमा" हर्गिज़ नहीं करती किसी नजूमी के दावे पे यक़ीन,के गैब की बात का इल्म तो रब ने खुद से ही हरहाल बता रखा है//५ #shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #sad_qoute इक नजूमी ने देखकर मिरी पेशानी,मिरा जो हाल बता रखा है,यानि मुझपे नागानी आफत आने का वबाल बता रखा है//१ न रही इखलासे उल्फत,न तुझमे
#sad_qoute इक नजूमी ने देखकर मिरी पेशानी,मिरा जो हाल बता रखा है,यानि मुझपे नागानी आफत आने का वबाल बता रखा है//१ न रही इखलासे उल्फत,न तुझमे #Live #Trending #Like #writersofindia #poetsofindia #shamawritesBebaak
read moreMohanbhai आनंद
White अपना कहकर आप,फिर ग़ैर समझते हो गैराना ताल्लुकात में, फिर क्यु उलझते हौ बेहाल आखे , हिसाब मांगती है अश्कों का, गोरे गाल पर रोज़ फिर क्यु फिसलते हो खुले आसमान में,चांद से मिलाकर आंखें, हुस्नकी नज़ाकत,से,फिर क्यूं बिखरते हो बैताब इस दिलमे, बहुत तमन्नाएं बसी है, उम्मीदों का बाजार खुला फिर क्यूं रखते हो खाक और मीट्टीमे, कुछ भी फर्क कहां है? फिक्र ज़िंदगीमे बेफिजूल ,फिर क्यूं करते हैं आसान कहां है ? फरमाएं इश्क़ मिज़ाज, हाल ए दिल हक़ीक़त में फिर क्यूं मचलते हो ©Mohanbhai आनंद #good_night अपना कहकर आप,फिर ग़ैर समझते हो गैराना ताल्लुकात में, फिर क्यु उलझते हौ बेहाल आखे , हिसाब मांगती है अश्कों का, गोरे गाल पर रोज़
#good_night अपना कहकर आप,फिर ग़ैर समझते हो गैराना ताल्लुकात में, फिर क्यु उलझते हौ बेहाल आखे , हिसाब मांगती है अश्कों का, गोरे गाल पर रोज़
read moreMohanbhai आनंद
White अपना कहकरआप,फिर ग़ैर समझते हो गैराना ताल्लुकात हे, फिर क्यु उलझते हौ बेहाल आखे हिसाब मांगती है अश्कों का गोरे गाल पर रोज़ फिर क्यु बरसते हो खुले आसमान में,चांद से मिलाकर आंखें, हुस्नकी नज़ाकत,फिर क्यूं चुराया करते हो बैताब इस दिलमे बहुत तमन्नाएं बसी है, उम्मीदों का बाजार खुला फिर क्यूं रखते हो खाक और मीट्टीमे, कुछ भी फर्क कहां है? फिक्र ज़िंदगीमे बेफिजूल ,फिर क्यूं करते हैं आसान कहां है ?फरमाएं इश्क़ मिज़ाज, हकीकी मैं हाल ए दिल फिर क्यूं मचलते हो ©Mohanbhai आनंद #GoodMorning अपना कहकरआप,फिर ग़ैर समझते हो गैराना ताल्लुकातमे फिर क्यु उलझते हौ बेहाल आखे हिसाब मांगती है अश्कों का गोरे गाल पर रोज़ फि
#GoodMorning अपना कहकरआप,फिर ग़ैर समझते हो गैराना ताल्लुकातमे फिर क्यु उलझते हौ बेहाल आखे हिसाब मांगती है अश्कों का गोरे गाल पर रोज़ फि
read moreFuck off nojoto
White صرف ایک ہی شخص کو اجازت ہے بےادبی کی ورنہ... مجھے سخت نفرت ہے "تم" کہہ کر بلانے والوں سے... सिर्फ एक ही शख़्स को इजाज़त है बे-अदबी की वरना , मुझे सख़्त नफ़रत है, "तुम" कहकर बुलाने वालों से.... ©Arshu.... صرف ایک ہی شخص کو اجازت ہے بےادبی کی ورنہ مجھے سخت نفرت ہے "تم" کہہ کر بلانے والوں سے सिर्फ एक ही शख़्स को इजाज़त है बे-अदबी की
صرف ایک ہی شخص کو اجازت ہے بےادبی کی ورنہ مجھے سخت نفرت ہے "تم" کہہ کر بلانے والوں سے सिर्फ एक ही शख़्स को इजाज़त है बे-अदबी की #SAD
read moreA.D. Naruka
White कहकर अलविदा वो मुझको, कहीं गुम हो गया | नये रास्ते ढूंढ़ने निकला था , उन्ही रास्तों में कहीं गुम हो गया || ©A.D. Naruka #Sad_Status कहकर अलविदा वो मुझको, कहीं गुम हो गया | नये रास्ते ढूंढ़ने निकला था , उन्ही रास्तों में कहीं गुम हो गया || #adnaruka #adnaruka_
#Sad_Status कहकर अलविदा वो मुझको, कहीं गुम हो गया | नये रास्ते ढूंढ़ने निकला था , उन्ही रास्तों में कहीं गुम हो गया || #adnaruka adnaruka_ #कविता #Trading #adnaruka_styale
read moregaTTubaba
White आसान ही थी जबतक नादान थी जिंदगी समझदारी ने मुश्किलें पैदा कर दी " मौत का सफर " कहकर .....! ©gaTTubaba #Thinking आसान ही थी जबतक नादान थी जिंदगी समझदारी ने मुश्किलें पैदा कर दी " मौत का सफर " कहकर .....!
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
विधा कुण्डलिया :- सच्चा करते प्रेम तो , गिरधर होते साथ । हाथ न देते हाथ में , रहते तो रघुनाथ ।। रहते तो रघुनाथ , हृदय शीतल कर देते । व्याधि न आती एक , कष्ट सारे हर लेते ।। भवसागर की राह , दिखाते कहकर बच्चा । कर लेते तुम काश , प्रेम इस जग से सच्चा ।। राधा-राधा नाम का , कर ले बन्दे जाप । मिट जाये तेरे सभी , जीवन के संताप ।। जीवन के संताप , हरे सब राधा माई । यह है दृढ़ विश्वास , न झोली खाली आई ।। सही लगन से नाम , जाप जिसने है साधा । उसके ही दुख दूर , करे माँ मेरी राधा ।। राधा रानी खेलती , थाम कृष्ण का हाथ । सखी सहेली जीव सब , खेलें उनके साथ ।। खेलें उनके साथ , निकट यमुना के तट पर । आया जो आनंद , सुनायें सखियां कहकर ।। उन दोनो के बीच , न आये कोई बाधा । सखी कृष्ण के साथ , खेलती देखो राधा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR विधा कुण्डलिया :- सच्चा करते प्रेम तो , गिरधर होते साथ । हाथ न देते हाथ में , रहते तो रघुनाथ ।। रहते तो रघुनाथ , हृदय शीतल कर देते । व्याध
विधा कुण्डलिया :- सच्चा करते प्रेम तो , गिरधर होते साथ । हाथ न देते हाथ में , रहते तो रघुनाथ ।। रहते तो रघुनाथ , हृदय शीतल कर देते । व्याध #कविता
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा :- रूठ गई हैं राधिका, कृष्ण करें मनुहार । लगा रहे हैं केश में , वो फूलों का हार ।। यमुना तट पर बैठकर , रचा रहे हैं रास । आ बैठी हैं राधिका , देखो उनके पास ।। अब तक जिनके प्रेम का , प्रकृति देखती बाट । वे तो राधेश्याम हैं , उनकी ऊँची ठाट ।। उस ग्वाले की प्रीति को , जान रहा संसार । जिसे पूजता है जगत, कहकर पालन हार ।। ग्वाले जैसा फिर कहाँ, दिया किसी ने ज्ञान । जिसको सुनकर देख लो , हुए धन्य इंसान ।। छोड़ द्वेष की भावना , करे मनुज भी रास । क्यों ऐसा दिखता नही , पूछ रहा यह दास ।। रास रचाकर आप क्यों , करते उनसे आस । यही नेह मानव करे , बन कर तेरा दास ।। नाग पंचमी पर्व का , सुन लो बहुत महत्व । पढ़कर वेद पुराण को , जानो इसका तत्व ।। मानों तो संसार में , पूज्य सभी हैं जीव । तभी सनातन धर्म में , हैं यह बहुत अतीव ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- रूठ गई हैं राधिका, कृष्ण करें मनुहार । लगा रहे हैं केश में , वो फूलों का हार ।। यमुना तट पर बैठकर , रचा रहे हैं रास । आ बैठी हैं राध
दोहा :- रूठ गई हैं राधिका, कृष्ण करें मनुहार । लगा रहे हैं केश में , वो फूलों का हार ।। यमुना तट पर बैठकर , रचा रहे हैं रास । आ बैठी हैं राध #कविता
read moreN S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} चाहे शगुन व निर्गुण रुप मे भगवान श्री कृष्ण जी की उपासना से गुणातीत ब्रह्म की प्राप्ति होती है। यों तो गुणातीत का वर्णन नित्य, ज्ञान, अनन्त आदि शब्दोंसे किया गया है पर वास्तव में उसका स्वरूप वाणीbद्वारा नहीं बताया जा सकता, वह तो अचिन्त्य और अनिर्वचनीय है। अन्तमें वेद भी 'नेति-नेति' कहकर ही बतलाता है। वह अनुमान प्रमाण से भी नहीं जाना जा सकता, केवल अनुभव रूप ही है। क्योंकि समस्त प्रमाण उस ब्रह्म के सकाश से ही सिद्ध होते हैं। श्रुति कहती है- ©N S Yadav GoldMine #sad_shayari {Bolo Ji Radhey Radhey} चाहे शगुन व निर्गुण रुप मे भगवान श्री कृष्ण जी की उपासना से गुणातीत ब्रह्म की प्राप्ति होती है। यों तो
#sad_shayari {Bolo Ji Radhey Radhey} चाहे शगुन व निर्गुण रुप मे भगवान श्री कृष्ण जी की उपासना से गुणातीत ब्रह्म की प्राप्ति होती है। यों तो #मोटिवेशनल
read moreFuck off nojoto
صرف ایک ہی شخص کو اجازت ہے بےادبی کی ورنہ... مجھے سخت نفرت ہے "تم" کہہ کر بلانے والوں سے... सिर्फ एक ही शख़्स को इजाज़त है बे-अदबी की वरना , मुझे सख़्त नफ़रत है, "तुम" कहकर बुलाने वालों से ... ©Mar gaya صرف ایک ہی شخص کو اجازت ہے بےادبی کی ورنہ... مجھے سخت نفرت ہے "تم" کہہ کر بلانے والوں سے... सिर्फ एक ही शख़्स को इजाज़त है बे-अ
صرف ایک ہی شخص کو اجازت ہے بےادبی کی ورنہ... مجھے سخت نفرت ہے "تم" کہہ کر بلانے والوں سے... सिर्फ एक ही शख़्स को इजाज़त है बे-अ #Shayari
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