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हेय रहें हैं अपमानों में, पर अनिष्ट ना कभी कहे... समावेश हर नूतन कण का, सदा कीर्ति कोई ही रहें ! हो प्राचीन क्षमा कोई, गर प्रेम में हमको भी बतलाओ... हम अधीर यों ही रहते, क्यूँ अधीनस्थ ना अंत बने ।। आपूर्तिश्रृंखला प्रतिमानों की, जो अवमानित सदा रही .... गगन उपस्थित ही बस था , पर करूणा मेरी ना ही घटी ! प्रलय प्रचण्ड पुरूष पौरूष सा, वेग में जब भीतर उपजा... उजड़ी स्मृति सभी मगर, चैतन्य सी तुम जीवंत रही ।। जो पिसकर बीता है समय, वहीं घर्षण बन सोकर उठता है, चक्र में तुम घूर्णित तो रही ,हरित सुदर्शन रोता है।।। #Love प्रतिमान #NojotoHindi
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read morePreeti Karn
भावों की अवमानना होती रही शब्द खुद की काबिलियत की तलाश में उहापोह में डूबे रहे। अनगढ़ रही कविता भाव के प्रतिमान शब्द गढ़ पाना सहज सुलभ नहीं होता। अनुभूतियां दो चार सांसों में जीवंत होना चाहतीं दो कदम आगे निकलकर लौट आतीं। आरोह और अवरोह के क्रम की सतत प्रक्रिया चलती रही.... अनगढ़ रहे कुछ भाव..... जागती रही कविता!! प्रीति #भाव के प्रतिमान शब्द #कविता #yopowrimo #yqhindiquotes #yqdidi
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read moreDr Jayanti Pandey
भगवान बदल गये हैं प्रतिमान बदल गये हैं राम, कृष्ण के देश में इंसान बदल गये हैं। अब रावण की पूजा शान की बात है लंका के वैभव से अब अयोध्या को आंच है। राम नहीं बन सकते हैं राम बनना मुश्किल है रावण को आदर्श बना लो, आसान ये मंजिल है। #हमारे प्रतिमान बदलते जा रहे हैं.. #yqhindi #yqdidi #jayakikalamse
#हमारे प्रतिमान बदलते जा रहे हैं.. #yqhindi #yqdidi #jayakikalamse
read moreदर्शन ठाकुर
असफलता कोई हार नहीं,असफलता सफलता का प्रतिमान होता है ज़िद्दी लोगों के साथ जहान् नहीं, खुद भगवान होता है। असफलता कोई हार नहीं,असफलता सफलता का प्रतिमान होता है ज़िद्दी लोगों के साथ जहान् नहीं, खुद भगवान होता है। #दर्शनठाकुर
असफलता कोई हार नहीं,असफलता सफलता का प्रतिमान होता है ज़िद्दी लोगों के साथ जहान् नहीं, खुद भगवान होता है। #दर्शनठाकुर #शायरी
read moreMeenakshi Raje
तेज, तप, त्याग की प्रमाण हैं राधिका, वंशीधर के वंशी की तान हैं राधिका! अपने प्रियतम की प्रतिमान हैं राधिका, कृष्ण हैं शरीर और प्राण हैं राधिका!! ©Meenakshi Raje #Krishna #Nojoto #poem #Poetry तेज, तप, त्याग की प्रमाण हैं राधिका, वंशीधर के वंशी की तान हैं राधिका! अपने प्रियतम की प्रतिमान हैं राधिका,
Vivek Dixit swatantra
देश भक्ति गीत अपना सब कुछ मिट जाए हम देश नही मिटने देंगे, गौरव का प्रतिमान तिरंगा इसे नही झुकने देंगे। -विवेक दीक्षित 'स्वतंत्र' #कविता
read more||स्वयं लेखन||
ram lala ayodhya mandir जो गौरव के प्रतिमान हैं, जो भारत की पहचान हैं, वो अयोध्या के राजाराम मेरे प्रभु श्री राम आज पुनः विराजमान हैं। झूम रहे भारतवासी,चहुं ओर प्रसन्नता का उल्लास है, रामभक्तों की आंखों में केवल राम नाम का विश्वास है। ©Gunjan Rajput जो गौरव के प्रतिमान हैं, जो भारत की पहचान हैं, वो अयोध्या के राजाराम मेरे प्रभु श्री राम आज पुनः विराजमान हैं। झूम रहे भारतवासी,चहुं ओर
जो गौरव के प्रतिमान हैं, जो भारत की पहचान हैं, वो अयोध्या के राजाराम मेरे प्रभु श्री राम आज पुनः विराजमान हैं। झूम रहे भारतवासी,चहुं ओर #thought #विचार #Raam #jai_shree_ram #ramlalaayodhyamandir
read moreRajesh Raana
जलाये तुमने केवल प्रतिमान , अंतस्थ बचा रखे है अभिमान । रावण की राख दे रही दुहाई , मनुज मन से हो हमारी रिहाई। - राणा © #जलाये तुमने केवल #प्रतिमान , अंतस्थ बचा रखे है #अभिमान । #रावण की #राख दे रही #दुहाई , #मनुज #मन से हो हमारी #रिहाई। - राणा © #Nojoto #Hin
कवि अरुण द्विवेदी अनन्त
हम सबकी पहचान हैं मेरे राम जी। भारत के अभिमान हैं मेरे राम जी। नभ चमकें दिनमान हैं मेरे राम जी। सहज सरल भगवान हैं मेरे राम जी। गौरव के प्रतिमान हैं मेरे राम जी। पूजा हैं अरमान हैं मेरे राम जी। अंतर्मन के प्राण हैं मेरे राम जी। ✍️अरुण द्विवेदी अनन्त श्री अयोध्या धाम 9918140485 ©कवि अरुण द्विवेदी अनन्त #arundwivedianant हम सबकी पहचान हैं मेरे राम जी। भारत के अभिमान हैं मेरे राम जी। नभ चमकें दिनमान हैं मेरे राम जी। सहज सरल भगवान हैं मेरे र
#arundwivedianant हम सबकी पहचान हैं मेरे राम जी। भारत के अभिमान हैं मेरे राम जी। नभ चमकें दिनमान हैं मेरे राम जी। सहज सरल भगवान हैं मेरे र
read moreAnmol Dubey (nikky)
बदलते प्रतिमान बदले जब प्रतिमान समाज के गुण्डों का जयकार हो गया बेईमानी सिर चढ़कर बोले ईमानों का प्रतिकार हो गया बेसुध सी रो पड़ी किसानी मालामाल व्यापार हो गया चित्त हुआ लोकतन्त्र यहां पर तन्त्र सभी का सार हो गया शिक्षित तड़पे रोजगार को अनपढ़ सब सरकार हो गया नेता की कोठी को देखो जैसे राम दरबार हो गया शर्म यहां सिर चढ़कर बोले लेकिन श्रम लाचार हो गया कौन कहे इन बेशर्मों की जिनका पारावार हो गया?? अनमोल दुबे ( निक्की) #बदलते प्रतिमान बदले जब प्रतिमान समाज के गुण्डों का जयकार हो गया बेईमानी सिर चढ़कर बोले ईमानों का प्रतिकार हो गया बेसुध सी रो पड़ी किसानी