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Praveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी मुँह चिढ़ाती योजनाएं नीतियां कब्र खोद रही मुद्रा का स्तर डांवाडोल हो गया मंहगाई का दम रुपया अब चौरासी में एक डॉलर को चुनता है सरकारे चुनने का परिणाम जनता को हर दम भुगतना पड़ता है समस्याओं का कारण, सियासतें है जो विभाजन कौमो और धर्मो में करती है निर्भरता जनता की,सरकारों पर बढ़ा दी भर भर कर लूटा जाता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #GoodMorning मुद्रा का स्तर डावाडोल हो गया
#GoodMorning मुद्रा का स्तर डावाडोल हो गया
read moreVandana Rana
उलझनों में जो खर्च हो रही है ज़िंदगी, मुस्कुराना तो मैं भी वहन कर लेती हूँ। ©Vandana Rana उलझनों में जो खर्च हो रही है ज़िंदगी, मुस्कुराना तो मैं भी वहन कर लेती हूँ।
उलझनों में जो खर्च हो रही है ज़िंदगी, मुस्कुराना तो मैं भी वहन कर लेती हूँ।
read moreSINGER TUSHAR SHARMA
White अब त्यौहार पूरा हो गया अब फिर से लोट जाएंगे परिंदे वापस शहरों की तरफ जहां से मोहलत लेकर वह चले आए थे अपने घर के आंगन की ओर। खैर मन में एक टेस रह जाएगी कि काश थोड़ा सा वक्त और मिल जाता तो घर को जरा और महसूस कर पाते क्योंकि घरों में उनका आना अब बच्चों की तरह नहीं मेहमानों की तरह होता है। ©SINGER TUSHAR SHARMA #love_shayari 😔 अब त्यौहार पूरा हो गया 😔
#love_shayari 😔 अब त्यौहार पूरा हो गया 😔
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी जुनून में है जिंदगी आपाधापी मची हुयी है दौड़ बराबरी की तय करने के लिये मन की मस्ती खोयी हुयी है तन हो गया बीमारियों का घर धन उसमे जा रहा है प्रतिष्ठित होने के लिये आज पैदा होते ही कोमल किशोरों को धन की जंग लड़ने के लिये उतारा जा रहा है हावी होता भोगवाद मकड़ी की तरह मानव उसमे फँसता जा रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #love_shayari तन हो गया बीमारियों का घर #nojotohindipoetry
#love_shayari तन हो गया बीमारियों का घर #nojotohindipoetry
read moreMahesh Patel
White सहेली.... तेरा मेरे पास मुस्कुरा के आना.. आंखें झुका के कुछ ना कहना.. गले लगा कर ऐसे दिल से दुआएं देना.. लाला..... ©Mahesh Patel सहेली..मुस्कुराना .. लाला..
सहेली..मुस्कुराना .. लाला..
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी ज्वलन्त समस्याओं को पैदा करते नफरत समाज देश मे फैलाते है दबाबो में जाति धर्म का डर बैठाते पत्थरों बाजो से दहशत फैलाते है आतंक की हर घटना सियासी होती मगर जाति धर्म से जोड़कर फसल चुनावी वोटो की हरी करते है नाकामी जनता के बीच मे रहती हर योजना को पलीता लगाते है सभ्य समाज का जीना हराम हो गया निखार लोकतंत्र में नही आता है हर चेहरे उदास और डिप्रेशन में है पटकथा नई लिख लिख कर मनोबल जनमानस का तोड़ा जाता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #udaasi सभ्य समाज का जीना हराम हो गया #nojotohhindi
#udaasi सभ्य समाज का जीना हराम हो गया #nojotohhindi
read moreAnjali Singhal
"इंतज़ार तेरे आने का कुछ ज्यादा हो गया। बैठे-बैठाए मोहब्बत का तमाशा हो गया।।" #Shayari #AnjaliSinghal nojoto
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