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Alok tripathi
मुंह जब लागै तब नहिं छूटै जाति मान धन सब कुछ लूटै। पागल करि मोहि करै खराब क्यों सखि साजन नहिं सखि सराब। ©आलोक त्रिपाठी भारतेंदु हरिश्चंद्र जी की कविता #BlownWish
भारतेंदु हरिश्चंद्र जी की कविता #BlownWish
read moreMangal Pratap Chauhan
हिंदी के कुलदीपक.... भारतेंदु गिरिधर गोपालदास की छत्रछाया में पले-बढ़े थे, अल्पायु में ही दीखलाया चतुर्दिशा का हर एक बिंदु। हिंदी, हिंदू ,हिंदुस्तान का उद्घोष किया, कहलाये आधुनिक हिंदी के पितामह भारतेंदु।। हिंदी भाषा की नींव रखी, रीतिकालीन गलियारों से। मातृभाषा की सेवा में लगे, तन-मन-धन हृदय विकारों से।। हिन्द के हिंदी कुलदीपक थे, निज भाषा के अनमोल उद्घोषक थे। अल्पायु में ही अमर हो गए, ऐसे हिन्द के अमर हिंदी संयोजक थे।। रचनाकार~ मंगल प्रताप चौहान हिंदी के कुलदीपक.... भारतेंदु
हिंदी के कुलदीपक.... भारतेंदु
read moreहिमपुत्री किरन पुरोहित
Happy New Year आंग्ल नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ईस्वी सन् 2020 आपके लिए शुभ हो संस्कृति संस्कृत की जीतेगी प्रण आप सभी बस यही करें १ जनवरी याद रहे पर नवसंवत भी याद रखें ............ हिमपुत्री https://youtu.be/X0ddvUmBoEM पूरी रचना नवसंवतसर यहां पढें .............. भारतेंदु हरिश्चंद्र जी की बात को हम अंतस्. में रखेंगे सदा सदा
https://youtu.be/X0ddvUmBoEM पूरी रचना नवसंवतसर यहां पढें .............. भारतेंदु हरिश्चंद्र जी की बात को हम अंतस्. में रखेंगे सदा सदा #newyear #hindikavi #विचार #Kalamse #kiranpurohit #हिमपुत्री
read moreGurudeen Verma
शीर्षक- और तो क्या ? --------------------------------------------------------- खास तुम भी होते साथ में, या फिर मैं होता तुम्हारे साथ में, और तो क्या ? यह खुशी दुगनी नहीं होती। ये दिन सुकून से गुजर जाते, मगर इस शक की दीवार को तो, तोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी, और अपने अहम को भी, छोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी। और तो क्या ? लोगों नहीं मिल जाता अवसर, कहानियां नई गढ़ने का, वहम को और बढ़ाने को, लेकिन इसमें हार तो, हम दोनों की ही होती, लेकिन मुझको बिल्कुल भी नहीं है, मेरे हारने का कोई गम। मुझको रहती है हमेशा यही चिन्ता, मैं तुमको खोना नहीं चाहता हूँ , भगवान को तो मैं मानता नहीं हूँ , फिर भी मिल जाये कुछ खुशी, आत्मा को निश्चिंत रखने के लिए, जला रहा हूँ मैं अकेले ही दीपक, और मना रहा हूँ मैं अकेले ही दीपावली, और तो क्या ? हंस लेता मैं भी--------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #लेखक
Andy Mann
लेखक दुनियां का सबसे असफ़ल व्यक्ति होता है .जो जिंदगियाँ वो जी नहीं पाता उन्हें तरह तरह के किरदारों में जीवित करता है .. ©Andy Mann #लेखक