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Sarvesh kumar kashyap
नवनीत ठाकुर
दिन थे जब ख्वाबों को सिर्फ आँखों में पलते थे, अब हकीकत में मिले तो कुछ अधूरी सी लगती है। मुफलिसी की रातें थीं जैसे स्याह अंधेरे, अब ये रौशनी भी कुछ धुंधली सी लगती है। कभी जो जुदा हो गईं थीं तमन्नाएँ ए नवनीत, अब वो पूरी हुईं तो कुछ अधुरी सी लगती है। मंज़िल तक पहुँचने की ख़ुशी भी अब ग़म के साए में, अब ये बहार भी कुछ कटीली सी लगती है। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर दिन थे जब ख्वाबों को सिर्फ आँखों में पलते थे, अब हकीकत में मिले तो कुछ अधूरी सी लगती है। मुफलिसी की रातें थीं जैसे स्याह अंधेर
#नवनीतठाकुर दिन थे जब ख्वाबों को सिर्फ आँखों में पलते थे, अब हकीकत में मिले तो कुछ अधूरी सी लगती है। मुफलिसी की रातें थीं जैसे स्याह अंधेर
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मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत', तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए। जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश, उस रास्ते की हर धूल से अपनी आवाज़ कह दीजिए। ग़म और दर्द अगर न मिले राहत का निशाँ, तो हर एक क़दम से अपनी दुआ बना दीजिए। मंज़िल नहीं मिली तो क्या, सफ़र तो है, राहों की धूल से ही खुद को पहचान दीजिए। रोशनी मिलेगी अंधेरे के हर कोने से, वक़्त की चुप्प को अपनी हसरतों से सजा दीजिए। हमसफ़र नहीं तो क्या, इरादे हैं आसमान जैसे, हर घड़ी की राह को अपने ख्वाबों से बना दीजिए। कभी अगर ठोकरें लगे, तो उन्हें दिल से लगा लीजिए, वहीं छुपा है वो राज़, जो आपको मजबूत बना दीजिए। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत', तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए। जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश, उस रास्
#नवनीतठाकुर मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत', तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए। जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश, उस रास्
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बेताब दिल को संभालना मुश्किल, फिर भी इस राह पर चलना ज़रूरी। कभी गिरकर, फिर उठते हम, दर्द में जीने की, एक वजह भी जरूरी। राहों में तूफ़ान हों या अंधेरे, खुद से लड़कर ही जीतना ज़रूरी। हर मुश्किल को ताकत में बदलकर, मंजिल तक पहुंचना ज़रूरी। ©नवनीत ठाकुर #बेताब दिल को संभालना मुश्किल, फिर भी इस राह पर चलना ज़रूरी। कभी गिरकर, फिर उठते हम, दर्द में जीने की, एक वजह भी जरूरी। राहों में तूफ़ान ह
#बेताब दिल को संभालना मुश्किल, फिर भी इस राह पर चलना ज़रूरी। कभी गिरकर, फिर उठते हम, दर्द में जीने की, एक वजह भी जरूरी। राहों में तूफ़ान ह
read moreAbhi Raj
White अशान्त मन से लोग उजाले में भी खो जाते हैं, जबकि शान्त चित्त वाला व्यक्ति अंधेरे में भी रास्ता ढूंढ लेता है ©Abhi Raj #Couple #अशान्त मन से लोग उजाले में भी खो जाते हैं, जबकि शान्त चित्त वाला व्यक्ति अंधेरे में भी रास्ता ढूंढ लेता है# सुविचार इन हिंदी