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Mukesh Poonia
White जैसे अंधेरा प्रकाश न होने से जन्म लेता है, वैसे ही अहंकार जागरुकता के अभाव में जीवित रहता है। . ©Mukesh Poonia #Sad_Status जैसे #अंधेरा #प्रकाश न होने से #जन्म लेता है, वैसे ही #अहंकार #जागरुकता के #अभाव में #जीवित रहता है। बेस्ट सुविचार आज शुभ विचार
Shiv Narayan Saxena
White ग्रीष्म में झुलसी नायिका ढूंढे वर्षा का संग वर्षा में मदहोश, फिर, शरद शिशिर के संग कभी रुचे हेमन्त किन्तु मिलते नहीं हैं कंत कंत बसंत मिलैं तभी हो अहंकार का अंत ©Shiv Narayan Saxena #GoodMorning अहंकार का अंत.....
#GoodMorning अहंकार का अंत.....
read moreVinod Mishra
"अहं पर लगी चोट धारक को अप्रतिम आकार दे सकती है बशर्ते कि उसमें अपने अहंकार को आकार देने का चरित्र और सौष्ठव पहले से ही विद्यमान हो." #विनोद
read moreN S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} अपने अंदर से अहंकार को निकालकर स्वयम को हल्का कीजिये, क्यूंकि उंचा वही उठता है, जो हल्का होता है, और हल्का वही हो सकता है, जो व्यर्थ की बातों में समय खराब नहीं करता, भगवान श्री कृष्ण के चिंतन में मन लगा हो तो वह व्यक्ति बहुत सी व्यर्थ की बातों से बचा रह सकता है !! N S Yadav GoldMine. ©N S Yadav GoldMine #sad_quotes {Bolo Ji Radhey Radhey} अपने अंदर से अहंकार को निकालकर स्वयम को हल्का कीजिये, क्यूंकि उंचा वही उठता है, जो हल्का होता है, और ह
#sad_quotes {Bolo Ji Radhey Radhey} अपने अंदर से अहंकार को निकालकर स्वयम को हल्का कीजिये, क्यूंकि उंचा वही उठता है, जो हल्का होता है, और ह
read moreMukesh Poonia
White प्रेम सदा क्षमा मांगना पसंद करता है और अहंकार सदा क्षमा सुनना पसंद करता है . ©Mukesh Poonia #love_shayari #प्रेम सदा #क्षमा #मांगना #पसंद करता है और #अहंकार सदा क्षमा #सुनना पसंद करता है बेस्ट सुविचार नये अच्छे विचार आज शुभ विचार आज
Prabha Jakhar
घमंड , अहंकार प्रेरणादायी कविता हिंदी हिंदी कविता हिंदी दिवस पर कविता कविताएं
read moreSarvesh kumar kashyap
👥 अहंकार के अंधे व्यक्ति को..🤷💗 #Trending #shayri #Motivational #Skk_motivator #New #Emotional
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इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके छह प्रकार के विकार उत्पन्न होते है। इनको छह रीपु भी कहते है। यथा काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मात्सर्य स्वार्थ , ईर्ष्या , क्रोध , अहंकार , घमंड, अभिमान , गुस्सा , लालची स्वभाव , नास्तिक व्यवहार , असत्य ,झूठ , अपशब्द , दुष्टता, यह सब नरक के द्वार खोलते हैं और इन्हीं सबसे मनुष्य की पतन होती हैं ©person इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके
इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके
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गीता में, श्रीकृष्ण अर्जुन को अपनी ब्रह्मविद्या द्वारा जीवन के मार्ग के बारे में बोध करते हैं। काम (लोभ), क्रोध और लोभ को तीनों नरक द्वार कहा गया है। इन तीनों गुणों के द्वारा मनुष्य को अनिष्ट का अनुभव होता है और यह उसे सांसारिक बन्धनों में फंसा देते हैं। पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार। क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं ©person पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं अवगुण और अहंकार, घमंड, लालची स्वभाव ,
पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं अवगुण और अहंकार, घमंड, लालची स्वभाव ,
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