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Madhur Yadav
इब्न-ए-मरियम हुआ करे कोई ! मेरे दुख की दवा करे कोई !! -मिर्ज़ा गालिब इब्न-ए-मरियम - son of mary (Jesus) #गालिब_तेरी_याद_में #गालिब_की_कलम #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqhindi
इब्न-ए-मरियम - son of mary (Jesus) #गालिब_तेरी_याद_में #गालिब_की_कलम #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqhindi
read moreKalavati Kumari
एक बुद्धिमान व्यक्ति के प्रश्न में भी आधा उत्तर छिपा रहता है। - सोलोमन इब्न गैबिरोल एक बुद्धिमान व्यक्ति के प्रश्न में भी आधा उत्तर छिपा रहता है। - सोलोमन इब्न गैबिरोल
एक बुद्धिमान व्यक्ति के प्रश्न में भी आधा उत्तर छिपा रहता है। - सोलोमन इब्न गैबिरोल
read moreaaj_ki_peshkash
White कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तिरा कुछ ने कहा ये चाँद है कुछ ने कहा चेहरा तिरा इब्न-ए-इंशा ©aaj_ki_peshkash कल चौदहवीं की #रात थी शब भर रहा #चर्चा तिरा कुछ ने कहा ये #चाँद है कुछ ने कहा #चेहरा तिरा इब्न-ए-इंशा #Moon
Bobby(Broken heart)
इब्न-ए-मरियम हुआ करे कोई.... मिर्जा गालिब साहब की बेहतरीन ग़ज़ल आपकी नजर करता हूं सुनिए गा आपको मजा आएगा....#bobby_sadeyes #Shayari Urdugha #Memories #Nojotovoice #myvoice #Urdughazal
read morePrerit Modi सफ़र
अब जाएँ तो कहाँ जाएँ ए ख़ुदा सोचते हैं कि ख़ुद में ही खो जाएँ कहीं...... इब्न ए इंशा के कण के बराबर भी नहीं हूँ मैं पर एक कोशिश इस पे collab करने की #yqbaba #yqdidi #yqbhaijan #yqthoughts #YourQuoteAndMine Col
इब्न ए इंशा के कण के बराबर भी नहीं हूँ मैं पर एक कोशिश इस पे collab करने की #yqbaba #yqdidi #yqbhaijan #yqthoughts #YourQuoteAndMine Col
read moreSarfaraj idrishi
सरकार Aimim अध्यक्ष बैरिस्टर साहब को नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में लोकमत द्वारा "सर्वश्रेष्ठ संसद पुरस्कार" मिला। मेरा सदर मेरा गुरुर 💪 ©Sarfaraj idrishi #सरकार Aimim अध्यक्ष बैरिस्टर साहब को नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में लोकमत द्वारा "सर्वश्रेष्ठ संसद पुरस्कार" मिला। मेरा सदर मेरा गुरुर
#सरकार Aimim अध्यक्ष बैरिस्टर साहब को नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में लोकमत द्वारा "सर्वश्रेष्ठ संसद पुरस्कार" मिला। मेरा सदर मेरा गुरुर #Motivational
read moreNaman Bhalla
Arun Prajapati
'ज़िन्दगी' continue... चांदनी छत के मुंढेर तक अब नही आती, जैसे हो गयी हो स्याह रात ज़िन्दगी। अब्र आते हैं, गरजते हैं, चले जाते हैं, कब से हुई नही हैे बरसात ज़िन्दगी। इब्न-ए-आदम हूँ या आदम-ए-खाकी, कौन देगा मुझे जवाब ज़िन्दगी। ढूंढता फिरता था जिसको मैं मन्दिर-मस्जिद, मिल गया मयकदे में वो राज़दार ज़िन्दगी। 'ज़िन्दगी' continue... चांदनी छत के मुंढेर तक अब नही आती, जैसे हो गयी हो स्याह रात ज़िन्दगी। अब्र आते हैं, गरजते हैं, चले जाते हैं, कबसे हु
ARUN KUMAR PRAJAPATI
'ज़िन्दगी' continue... चांदनी छत के मुंढेर तक अब नही आती, जैसे हो गयी हो स्याह रात ज़िन्दगी। अब्र आते हैं, गरजते हैं, चले जाते हैं, कब से हुई नही हैे बरसात ज़िन्दगी। इब्न-ए-आदम हूँ या आदम-ए-खाकी, कौन देगा मुझे जवाब ज़िन्दगी। ढूंढता फिरता था जिसको मैं मन्दिर-मस्जिद, मिल गया मयकदे में वो राज़दार ज़िन्दगी। 'ज़िन्दगी' continue... चांदनी छत के मुंढेर तक अब नही आती, जैसे हो गयी हो स्याह रात ज़िन्दगी। अब्र आते हैं, गरजते हैं, चले जाते हैं, कबसे हु