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Sarvesh kumar kashyap
न जाने कब तक चलेंगी, गुस्ताखियां मेरी.. #IsaQ_or_Mohabbat #pyar_ke_alfaz #gustakhiya #romance #love4life #myvoice #लव
read morevandana,s hobby & crafts
ह्रदय स्पर्श करने वाली कविता….. जब तक चलेगी जिंदगी की सांसे, कहीं प्यार कहीं टकराव मिलेगा। कहीं बनेंगे संबंध अंतर्मन से तो, कहीं आत्मीयता का अभाव मिलेगा कहीं मिलेगी जिंदगी में प्रशंसा तो, कहीं नाराजगियों का बहाव मिलेगा कहीं मिलेगी सच्चे मन से दुआ तो, कहीं भावनाओं में दुर्भाव मिलेगा। कहीं बनेंगे पराए रिश्तें भी अपने तो कहीं अपनों से ही खिंचाव मिलेगा। कहीं होगी खुशामदें चेहरे पर तो, कहीं पीठ पे बुराई का घाव मिलेगा। तू चलाचल राही अपने कर्मपथ पे, जैसा तेरा भाव वैसा प्रभाव मिलेगा। रख स्वभाव में शुद्धता का ‘स्पर्श’ तू, अवश्य जिंदगी का पड़ाव मिलेगा ©vandana,s hobby & crafts ##जब तक चलेंगी जिंदगी की सांसे##nojoto## Ramesh Gupta Santosh Narwar Aligarh
Saudagar Mastud
Happy Holi 💗 होली कब है, कब है होली, कब... "😅🔥🤔 ©Saudagar Mastud #Holi होली कब है, कब है होली, कब...
Priyanshu Mishra
अब मैं बैठ नही सकता। खुद को सीसे में देख नही सकता। समाज यही हैं अपना, जहां बेटियों को आज़ादी नही, क्या ये देश की बर्बादी नही। बैचैन कब तक रहू, मैं अपनी गुहार किससे कहु, माँ है, बेटी है, बेहेन है वो अपनी मैं इन दरिंदों को देख अब देख नही सकता। फाँसी की बात, कम हैं अब यहां सजाएं मौत कम हैं अब इनका हस्सल ये कर जाओ कि कोई देख न सके। फिर इन जैसा कोई अपनी माँ बेटी बहनो पट बुरी क्या अच्छी नज़रो भी फेक न सके। बस हो गया अब तुम संकल्प लो तुम प्रण लो तुम अपने देश की इज़्ज़त बचाओ।। कब कब देश को लूटोगे।।
कब कब देश को लूटोगे।।
read moretasleem ansari meaning psychology expert
दीपावली हर साल आती है लेकिन दिलवाली पता नहीं कब आयगी real fact writer tasleem कब
कब
read moreगौरव गोरखपुरी
अपनी नाकामयाबियों को छुपा कर खुद से कहां तक - कब तक छिपोगे कभी तो आइने से नजर मिल ही जाएगी कितने कांच तोड़ोगे , कितने आइने लिपोगे नकाब - मुखौटे सब घिस जाते है , सच्चाई चीज है ऐसी फट कर जाल हो गई है उम्मीदें तुम्हारी अब नए ख्वाब बुनो, अरे ! पुरानी यादें कितना सीलोगे पुरानी यादें को दफन करो अब नए ख्वाब जिंदा करो अरे पत्थर तो पत्थर है हीरा समझ कर कब तक घिसोगे आखिर सच कड़वी क्यों लग रही है कितने जबानो पर ताला लगाओगे कितनो के मुंह सिलोगे कितने मुंह की बात छिनोगे #Poetic_Pandey #कब
नन्हीं कवयित्री sangu...
.....कब.....? ये गम की रात कब मिटेगी खुशियों का सवेरा कब होगा...। टूट चुका तन- मन दिल जुड़ने का आगाज़ कब होगा....।। सब पराए - पराए कह रहे अपनेपन का एहसास कब होगा....। जमी पड़ी है नफरत की बर्फ ये पिंघले ऐसा बुखार कब होगा......।। दुखो से भरा पड़ा है घर खुशियों का संसार कब होगा......। कोई दिल से चाहे मन को भाए ऐसा इकरार कब होगा......।। .............. ©नन्हीं कवयित्री sangu... #कब ?