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Ritesh Ranjan
फिर फेरा किया बाज़ीचा ए अतफ़ाल का छुटपने छूटे हैं मीरे जहां.. बाज़ीचा ए अतफ़ाल-kids playground #ghalib #chhutpan #yqdidi #yqbaba #yqaestheticthoughts #yqquotes #yqtales #yqhindi
Shubhro K
THE EVENT IN EVERY STREET (R K C)
मनवा रे ए ए ए मनवा रे ओ ओ ए ओ मेरे मनवा तू कँहा छोड़ आयी अपनी चंचलवा सुन रे। सुन रे सुन रे सुन रे बावरी कोई है जो सो गया , गहराई में खो गया तू आई न वो छोड़ गया, ©R K Choudhary(T.E.I.E.S) मनवा रे ए ए
मनवा रे ए ए #विचार
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#MessageOfTheDay ए सखी सुन तो सखी तेरे बिन हम अधूरे हे जीवन में आज भी अकेले हे यूँ न समझ हम भूल गए हे कुछ मजबूरियों में धूल गई हैं सुन सखी हम तेरे बिन अधूरे हे बचपन की यादें जवानी की यादें कुछ ओर ही आलम था कुछ ओर ही मस्ती थी बस अब यादों का भवर हे सुन सखी हम तेरे बिन अधूरे हे वो रातो को तारे गिनना फिर मिलने का वादा करना वो चिल्ला ना व चीखना सब कुछ बदला सा हे सुन तो सखी हम तेरे बिन अधूरे हे वो सावन की फुहार वो मस्ती की बहार वो अठखेलिया तेरा रूठना मेरा मनाना सब कुछ याद हे मुझें सुन सखी हम तेरे बिन अधूरे हे ©yogitaupadhyay45gmailcom #ए सखी #@ए सहेली
#ए सखी #@ए सहेली #कविता #Messageoftheday
read moreShiv Narayan Saxena
मुनव्वर राणा को रात ख़्वाब में योगी महाराज जी शपथ ग्रहण करते हुए दिखाई दिये, तो डर के मारे शायर सा'ब का सोते हुए पेशाब निकल गया। बीवी ने पूछा ?? ये क्या कर दिया शायर सा'ब? तो उन्होंने ने जवाब दिया ............................. नाकामी-ए-राजनीति का इतना असर है गालिब कि आँसू निकल रहे हैं, रास्ते बदल - बदल कर। ©Shiv Narayan Bharatee बेदर्दी-ए-ख़्वाब-ए-शायर .........
बेदर्दी-ए-ख़्वाब-ए-शायर ......... #Shayari
read morefahmi Ali
सर छुपाने के लिए कोई ठीकाना चाहिए भूख से हम जां-ब-लब हैं आब-ओ-दाना चाहिए दूसरों के घर बनाना काम ये भी ठीक है हां मगर अपने लिए भी घर बनाना चाहिए सुन रहा हूं कुछ रक़म मिलती है मर जाने के बाद गर है ऐसा, तो मोक़द्दर आज़माना चाहिए ,✍️Fahmi आवाज़-ए-दिल-ए-मज़दूर
आवाज़-ए-दिल-ए-मज़दूर
read moreDeepak "New Fly of Life"
आशिक़ी की ख़बर लिया नहीं करते! साँसों को जैसे गिना नहीं करते!! जलानी हो अग़र लौ दिल से दिल की! फिर तिल्ली को माचिस पे घिसा नहीं करते!! बस हो जाती है मोहब्बत साँसों की तरह चल पड़ती है! फिर न पाने की जिद्द और न खोने का गम! बन जाती है जिंदगी ऐसी कि दीपक की ज्योति! बनकर खुद जलकर! फिर रोशनी हैं करते!! ©Deepak Bisht #ज्योति-ए-दीपक-ए-इश्क़