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Stories related to हिमनद हिमोढ़

    LatestPopularVideo

N. Panghal

हिमनद = glacier सुप्रभात। सूरज ये न समझे कि आग उसमें ही है। आग मुझमें भी है। #आगमुझमेंभीहै #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with You

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         ख़ामोश हूँ कमज़ोर नही,
            ताप मुझमें भी है
         ज्वालामुखी हूँ हिमनद नही।

            (ज़रा सम्भलकर) हिमनद = glacier
सुप्रभात।
सूरज ये न समझे कि आग उसमें ही है। आग मुझमें भी है।
#आगमुझमेंभीहै #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with You

ASHKAR Shahi

प्रेम बंधन हिमनद से निकलने वाली भागीरथी नदी सा होना चाहिए, जो कि एक स्तिथि में समय के खेल में कई छोटी छोटी धाराओं में बँट जाती हैं, पहाड़ो #yqbaba #yqdidi #healing__heartt #Kanhakiradha #i_am_lonely #kanha_ki_radha

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प्रेम बंधन गंगा सा  प्रेम बंधन हिमनद से निकलने वाली 
भागीरथी नदी सा होना चाहिए,
जो कि एक स्तिथि में समय के खेल में 
कई छोटी छोटी धाराओं में बँट जाती हैं,
पहाड़ो

Aprasil mishra

********************************* पीड़ायें तो पीड़ायें हैं विह्वल पीड़ायें क्या जाने, है हिमनद में यों तपी देह कि वह बह बह कर ही म #Pain #Struggle #tears #river #View #yqhindi #हरिगोविन्दविचारश्रृंखला

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"जलप्लावन : शैवालिनि(नदी) पीड़ा"
( अनुशीर्षक👇)  *********************************

पीड़ायें  तो  पीड़ायें   हैं   विह्वल  पीड़ायें  क्या  जाने,
है हिमनद में यों तपी देह कि वह बह बह कर ही म

Rupam Jha

पर्यावरण संरक्षण 🌱🌿✍️. •SAME IN CAPTION 👇 त्राहि - त्राहि सब पंछी करते, सब ताल- तलैये सूख गए, पेड़ों के अंधा धुंध कटाई से, हर प्राणी इस जग क #Nature #yqdidi #yqhindi #अनवरत #नवरूप #jhapost

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त्राहि - त्राहि सब पंछी करते, सब ताल- तलैये सूख गए,
पेड़ों की अंधा धुंध कटाई से, हर प्राणी इस जग के रो रहे।
बारिश की आस में धरती पलकें बिछाए रह जाती है,
बूंद बूंद पानी को तरसे ऐसी हालात क्यों हो आती है?
पंछियों के मधुर कलरव अब जाने कहां गुम हो गई है,
वो रंग- विरंगे तितलियों की टोली आंखो से ओझल हो गई है।
बाढ़ ढ़ाने लगी है कहर अपना, किसानों को प्रतिवर्ष रुला कर जाती है,
हिमनद पिघलते दावानल में, जनजीवन अस्त - व्यस्त हो जाती है।
कूड़े - कर्कट के ढ़ेर शुद्ध सांस भी न लेने देती है,
प्लास्टिक के अत्यधिक उपयोग जीना दूभर कर देती है।
हाहाकार है समस्त भू भाग में,प्रकृति भी घबराई है,
पूछ रही है मनु पुत्रों से कैसी ये विपदा आयी है?
धरती,पानी बिन हवा के तुम कैसे रह पाओगे?
सोचो न हो गर वृक्ष धरा पर, सांस कैसे ले पाओगे?
पर्यावरण के इस कदर दोहन से हे मानव तुम एकदिन पछताओगे,
जो रखनी हो सबको स्वस्थ यहां तो लो संकल्प कि एक वृक्ष प्रतिवर्ष लगाओगे।। पर्यावरण संरक्षण 🌱🌿✍️.
•SAME IN CAPTION 👇
त्राहि - त्राहि सब पंछी करते, सब ताल- तलैये सूख गए,
पेड़ों के अंधा धुंध कटाई से, हर प्राणी इस जग क
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