Nojoto: Largest Storytelling Platform

New चोलों के मंदिरों Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about चोलों के मंदिरों from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, चोलों के मंदिरों.

Stories related to चोलों के मंदिरों

    LatestPopularVideo

Swati Pandey

मंदिरों

read more

DR. LAVKESH GANDHI

GuzartiZindagi # # मंदिरों की शोभा #

read more

pradeep

मंदिरों में इतना चढ़ावा

read more
हे माँ माता जी ! मंदिरों में इतना चढ़ावा मंदिरों में इतना चढ़ावा

Akhilesh Mishra

मंदिरों में कौन है, सुनिएगा, #शायरी

read more

Ravendra

नवरात्रि के पहले दिन से मंदिरों में शुरू हुई पूजा पाठ आरती #वीडियो

read more

Ek villain

#ravishkumar समानता का सिद्धांत हो सुनिश्चित मंदिरों के पैसों से ना हो कार्य #Society

read more
राजीव सचान का आलेख समानता के सिद्धांत की धज्जियां आंखें खोलने वाला है भारत की विडंबना ही है कि पंथनिरपेक्षता के छल के नाम पर इमामो को सरकारी भत्ता दिया जाना भी इतने वर्षों से स्वीकार्य है दूसरी तरफ मंदिरों में आने वाले करोड़ों रूपए का चढ़ावा लेकर पुजारियों को मात्र न्यूनतम राशि देने वाले कुछ दक्षिण भारतीय राज्य यह दलील देते हैं कि अगर मंदिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त हो गया तो हजारों पुजारी की देखभाल कौन करेगा बहुत से मामलों में यह तो भी पाया गया है कि मंदिरों के धन को दूसरे तथा पंत महाजनों के कामों के लिए सड़कों के निर्माण आदि के लिए बिना किसी अनुमति के प्रयोग किया जा रहा है ज्यादा समय नहीं बीता है जब महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर से जुड़ी भूमि विक्रय का प्रकरण सामने आया था

©Ek villain #ravishkumar समानता का सिद्धांत हो सुनिश्चित मंदिरों के पैसों से ना हो कार्य

Brajesh Kumar Bebak

तू काशी के मंदिरों सी तू गंगा घाट सी लगती ।। (बृजेश कुमार बेबाक़) #शायरी

read more

saurabh

love #इश्क़ #तुम life poetry #सौरभ_सहज मंदिरों के द्वारों पर उर के बंद द्वारों पर #मसालाकोट #ग़लतहै

read more
जिन्हें तराश के हमने रखा है मंदिरों के द्वारों पर
आज हम को हि नचाते हैं वो इशारों पर
जिनको पूजा में इबादत में दुआ में माँगा
वे भंवर मे छोड़ , हमे बैठे है किनारों पर
 #love #इश्क़ #तुम #life #poetry #सौरभ_सहज    
मंदिरों के द्वारों पर
उर के बंद द्वारों पर
#मसालाकोट    
#ग़लतहै

Ravendra

चैत्र नवरात्र प्रारंभ में पहले दिन से पूजा अर्चना के साथ मंदिरों में शुरू हुई आरती, #न्यूज़

read more

khadiya naga bhaihani

# हिंदू मंदिरों में नारियल क्यों तोड़े जाते हैं #विचार

read more
हिंदु मंदिर में नारियल क्यो फोड़ा जाता है??इसके बारे में यह ऐतिहासिक जानकारी होना जरूरी है.......

मगध की राजधानी पाटलिपुत्र में चक्रवर्ति सम्राट अशोक के वंशज मोर्य वंश के बौद्ध सम्राट राजा बृहद्रथ मोर्य की हत्या उसी के सेनापति ब्राह्मण पुष्यमित्र शुंग ने धोखे से की थी और खुद को मगध का राजा घोषित कर लिया था ।
उसने राजा बनने पर पाटलिपुत्र से श्यालकोट तक सभी बौद्ध विहारों को ध्वस्त करवा दिया था तथा अनेक बौद्ध भिक्षुओ का कत्लेआम किया था।पुष्यमित्र शुंग, बौद्धों पर बहुत अत्याचार करता था और ताकत के बल पर उनसे ब्राह्मणों द्वारा रचित मनुस्मृति अनुसार वर्ण (हिन्दू) धर्म कबूल करवाता था।
*इसके बाद ब्राह्मण* *पुष्यमित्र शुंग ने अपने समर्थको के साथ मिलकर पाटलिपुत्र और श्यालकोट के मध्य क्षेत्र पर अधिकार किया और अपनी राजधानी साकेत को बनाया।
पुष्यमित्र शुंग ने इसका नाम बदलकर अयोध्या कर दिया। अयोध्या अर्थात-बिना युद्ध के बनायीं गयी राजधानी*…
*राजधानी बनाने के बाद पुष्यमित्र शुंग ने घोषणा की कि जो भी व्यक्ति, भगवाधारी बौद्ध भिक्षु का सर(सिर) काट कर लायेगा, उसे 100 सोने की मुद्राएँ इनाम में दी जायेंगी।

*इस तरह सोने के सिक्कों के लालच में पूरे देश में बौद्ध भिक्षुओ का कत्लेआम हुआ।

राजधानी में बौद्ध भिक्षुओ के सर आने लगे ।

इसके बाद कुछ चालक व्यक्ति अपने लाये सर को चुरा लेते थे और उसी सर को दुबारा राजा को दिखाकर स्वर्ण मुद्राए ले लेते थे। राजा को पता चला कि लोग ऐसा धोखा भी कर रहे है तो राजा ने एक बड़ा पत्थर रखवाया और राजा ,बौद्ध भिक्षु का सर देखकर उस पत्थर पर मरवाकर उसका चेहरा बिगाड़ देता था* । इसके बाद बौद्ध भिक्षु के सर को घाघरा नदी में फेंकवा दता था*।
*राजधानी अयोध्या में बौद्ध भिक्षुओ के इतने सर आ गये कि कटे हुये सरों से युक्त नदी का नाम सरयुक्त अर्थात “सरयू” हो गया*।
*इसी “सरयू” नदी के तट पर पुष्यमित्र शुंग के राजकवि वाल्मीकि ने “रामायण” लिखी थी।* *जिसमें राम के रूप में पुष्यमित्र शुंग और रावण के रूप में मौर्य सम्राट का वर्णन करते हुए उसकी राजधानी अयोध्या का गुणगान किया था और राजा से बहुत अधिक पुरस्कार पाया था।
*इतना ही नहीं, रामायण, महाभारत, स्मृतियां आदि बहुत से काल्पनिक ब्राह्मण धर्मग्रन्थों की रचना भी पुष्यमित्र शुंग की इसी अयोध्या में “सरयू” नदी के किनारे हुई।
*बौद्ध भिक्षुओ के कत्लेआम के कारण सारे बौद्ध विहार खाली हो गए।तब आर्य ब्राह्मणों ने सोचा’ कि इन बौद्ध विहारों का क्या करे की आने वाली पीढ़ियों को कभी पता ही नही लगे कि बीते वर्षो में यह क्या थे* ?*
*तब उन्होंने इन सब बौद्ध विहारों को मन्दिरो में बदल दिया और इसमे अपने पूर्वजो व काल्पनिक पात्रो को भगवान बनाकर स्थापित कर दिया और पूजा के नाम पर यह दुकाने खोल दी*।
*ध्यान रहे उक्त ब्रह्दथ मोर्य की हत्या से पूर्व भारत में मन्दिर शब्द ही नही था ना ही इस तरह की संस्क्रति थी।वर्तमान में ब्राह्मण धर्म में पत्थर पर मारकर नारियल फोड़ने की परंपरा है ये परम्परा पुष्यमित्र शुंग के बौद्ध भिक्षु के सर को पत्थर पर मारने का प्रतीक है*।
*पेरियार रामास्वामी नायकर ने भी ” सच्ची रामायण” पुस्तक लिखी जिसका इलाहबाद हाई कोर्ट केस नम्बर* *412/1970 में वर्ष 1970-1971 व् सुप्रीम कोर्ट 1971 -1976 के बिच में केस अपील नम्बर 291/1971 चला* ।
*जिसमे सुप्रीमकोर्ट के जस्टिस पी एन भगवती जस्टिस वी आर कृषणा अय्यर, जस्टिस मुतजा फाजिल अली ने दिनाक 16.9.1976 को निर्णय दिया !
की सच्ची रामायण पुस्तक सही है और इसके सारे तथ्य वेध है*।
*सच्ची रामायण पुस्तक यह सिद्ध करती है!
कि ” रामायण नामक देश में जितने भी ग्रन्थ है वे सभी काल्पनिक है और इनका पुरातातविक कोई आधार नही है*।
*अथार्त् फर्जी है*। # हिंदू मंदिरों में नारियल क्यों तोड़े जाते हैं
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile