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manoj kumar jha"Manu"
यस्मिन्दृष्टे प्रसीदेत्स्वं मनः स हितकृद्ध्रुवम्।। जिसे देखने से अपना मन प्रसन्न होता, वह निश्चय ही हितैषी होता है। शतरुद्र संहिता ७/३९/१७ शुभचिंतक
शुभचिंतक
read moreAvni R Lahariya
हर कोई आपका शुभचिंतक नही होता, बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जिन्हें आप का शुभ होते हुए देख चिंता होने लग जाती हैं।✍️💯 ©Avni R Lahariya ,#शुभचिंतक
Riya Jaiswal
आपकी बातें, आपकी सोच चाहे कितनी भी अच्छी हों, लोग आपकी अहमियत आपकी हैसियत और अपनी सोच के अनुसार ही समझेंगे। फिर, वही लोग आपसे अपना मतलब निकालने के लिए आपका शुभचिंतक होने का ढोंग करेंगे। ©Riya Jaiswal #guru #शुभचिंतक
Adv.Sanjay singh Bhadouria
आज के जमाने में अजनबी दोस्तों शुभचिंतक ऐसे होते जा रहे हैं। जो आपका शुभ होता देख चिंतित होते जा रहे हैं। ©sanjay singh Bhadouria #आज के शुभचिंतक
Prakash Aditya
पूरी कायनात हमें मिलने ना देगी , समाज की कड़वी बातें जीने नहीं देगी । कोई नहीं, हम एक-दूसरे के दिल की धड़कन में बसकर धड़कते रहेंगे, चाहे कोई हमें कितना भी दूर करें, हम एक-दूसरे की यादों के सहारे जीते रहेंगे ।। ###निर्भरता ###शुभचिंतक ###nojoto
##निर्भरता ##शुभचिंतक ##nojoto
read moreअशोक द्विवेदी "दिव्य"
आज के शुभचिंत्तक, आपका शुभ होते देख, चिंता में आ जाते है। ©अशोक द्विवेदी "दिव्य" #Sawera #चिंता #शुभचिंतक
ARVIND KUMAR KASHYAP
बच्चों वाली बात "प्रशंसक" वो होते हैं जो आपकी "स्थिति" देखते और परखते हैं परन्तु "शुभचिंतक" वो होते हैं जो आपकी "परिस्थिति" देखते और समझते हैं ©ARVIND KUMAR KASHYAP प्रशंसक और शुभचिंतक
प्रशंसक और शुभचिंतक #विचार
read moreEk villain
चुनाव से ठीक पहले दलबदल करने वाले नेता पार्टी से कदर विमुख हो जाते हैं जैसे उनका पार्टी से कोई संबंध रहा ही ना हो ऐसे में नेता जो केवल अपने परिवार के लिए ही राजनीति में दर्पण करते हैं मैं बहुत जल्दी पार्टी से संबंध विच्छेद कर लेते हैं ऐसे नेता चुनाव की घोषणा होते ही अपने फायदे अनुसार दल बदलने की प्रक्रिया को तेज कर देते हैं जैसा कि उनको आशा है कि अनुरूप फल की प्राप्ति हो सके यह लोग इस जुगत में लगा जाते हैं यह परिवार में कितने सदस्य को टिकट मिल सकता है अगर उचित परिश्रम नहीं मिल पाता तो वेतन बदलने के लिए बेचैन हो जाते हैं यह सोचने वाली बात है कि जो पार्टी लोगों को एक पहचान देने का काम करती है उसको सिर्फ निजी स्वास्थ्य के कारण क्षण क्षण भर में ही खत्म कर देती है ऐसे लोगों को अपने मान सम्मान का बिल्कुल भी ख्याल नहीं होता यह सिर्फ पार्टी में तब तक रहते हैं जब तक परिवार का भरण पोषण चलता है जहां परिवार के किसी सदस्य को टिकट नहीं मिला तो फिर पार्टी से अलग हो जाते हैं सबसे अच्छा लेख बात यह है कि किसी को दूसरी पार्टी बहुत ही जल्द ही लेती है भले ही इनको अपने पुराने कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करना पड़े जबकि पुराने कार्यकर्ताओं की अपेक्षा करने से पार्टी में असंतोष पैदा होता है लेकिन पार्टी अपने अंदर बागी उम्मीदवारों को रखने में अपना समझती है जबकि बाकी होता है ना कि शुभचिंतक ©Ek villain # बागी शुभचिंतक नहीं #hills