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seema patidar
सुनो.. मैं तुम्हे कभी अब बांधूंगी नहीं ना कच्ची पक्की किसी डोर से ना किन्ही कसमों और वादों में मगर हां, जब तुम्हे जरूरत पड़ी साथ हमेशा दूंगी तुम्हारा क्यों की........ तुम्हे आजाद देखकर मेने महसूस किया कि तुम्हारी आजादी मेरे बंधन की जंजीर से ज्यादा खूबसूरत है kamini ........ ©seema patidar आजादी
आजादी #Love
read morearvind bhanwra ambala. India
पक्षी नभ मे उड़ रहे, सबको दे रहे संदेश। ईक नये संसार मे तुम भी कर जाओ प्रवेश। तोड़ गुलामी जंजीरों को एक नया ही रूप धरो। 'भंवरा' विचरों यंहा-वंहा, प्रेम भाईचारे का, सारे जग मे संदेश करो। ©arvind bhanwra ambala. India गुलामी से आजादी
गुलामी से आजादी #Shayari
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :- आजादी का दिवस मनाऊँ ,भूखा अपना लाल सुलाऊँ । कर्ज बैंक का सर के ऊपर, खून बेचकर उसे चुकाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ.... सरकारें करती मनमानी , पीने का भी छीने पानी । कैसे जीते हैं हम निर्धन , कैसे तुमको व्यथा सुनाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ... मैं ही एक नहीं हूँ निर्धन , आटा दाल न होता ईर्धन । जन-जन का मैं हाल सुनाऊँ , आओ चल कर तुम्हें दिखाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ... शिक्षा भी व्यापार हुई है , महँगी सब्जी दाल हुई है आमद हो गई है आज चव्न्नी, कैसे घर का खर्च चलाऊँ । आजादी का दिवस मनाऊँ... सभी स्वस्थ सेवाएं महँगी , जीवन की घटनाएं महँगी । आती मौत न जीवन को, फंदा अपने गले लगाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ... ज्यादा हुआ दूध उत्पादन, बिन पशु के आ जाता आँगन । किसको दर्पण आज दिखाऊँ दिल कहता शामिल हो जाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ..... आजादी का दिवस मनाऊँ ,भूखा अपना लाल सुलाऊँ । महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- आजादी का दिवस मनाऊँ , भूखा अपना लाल सुलाऊँ । कर्ज बैंक का सर के ऊपर,
गीत :- आजादी का दिवस मनाऊँ , भूखा अपना लाल सुलाऊँ । कर्ज बैंक का सर के ऊपर, #कविता
read moreBabita Bharati
White जिस देश की आधी जनसंख्या सुरक्षित महसूस नहीं करती, क्या वो देश सही में आजाद है? ©Babita Bharati क्या जश्न मनाएं ऐसी आजादी का, जहां सिर्फ आदमी ही आजाद हैं? औरतें नहीं!
क्या जश्न मनाएं ऐसी आजादी का, जहां सिर्फ आदमी ही आजाद हैं? औरतें नहीं! #Quotes
read moreMuskan (MJ)
Girl quotes in Hindi देश तो आजाद हो गया देश की बेटियां आज भी गुलाम है कितने भी कानून बने उसका क्या फायदा जब बेटियां कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं हर पल डर में जीती हैं कहीं उसके साथ गलत ना हो जाए क्या करें ऐसे समाज का जो बेटियों को तो संस्कार का ज्ञान देते हैं लेकिन बेटों को संस्कार देना भूल जाते हैं ©Muskan (MJ) #आजादी #बेटीयाँ
Anushka Tripathi
पंद्रह अगस्त का दिन कहता है आजादी अभी न पूरी है कुछ ख्वाब जो उसने देखे हैं उसमें हालातों की मजबूरी है संसद जैसी पवित्र जगह पर बस हिंदू - मुस्लिम का ताना है ना शब्दों की कोई गरिमा है न लहजों का अफसाना है लाल किला भी सोच रहा आखिर आजादी किस ओर चली संसद जो की नई बनी वो भी क्या मुंह मोड़ चली देश में बेरोजगारों का न कोई ठौर ठिकाना है सरकारों में बस बहस चल रही यूंही बस तारीखों का आना - जाना है ©Anushka Tripathi #Independence #आजादी #Freedom poetry in hindi
#Independence #आजादी #Freedom poetry in hindi #Poetry
read moreseema patidar
कैसे न देते रजामंदी तुझे जाने की तु अपनी अलग ही जिद में था खो जायेगा दुनिया की भीड़ में कहीं जानते तो अच्छे से थे यह बात हम पर तू अपनी आजादी की हर उम्मीद में था कब तक रोकते टोकते तुझे ऐसे तेरे ख्वाबों का सितारा शायद किसी गर्दिश में था ढीली कर दी पकड़ अपनी और भारी मन से कर दिया आजाद तुझे जिस आज़ादी की तु उम्मीद में था । ©seema patidar आजादी
आजादी #Motivational
read moreDev Rishi
White नाप ली गयी जमीं मन के कानूनों से विखंडित हो गई... शहर औ कस्बे इतिहास के पन्नों से...! ©Dev Rishi #love_shayari इतिहास, आजादी ...
#love_shayari इतिहास, आजादी ... #शायरी
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