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samandar Speaks
मै तुम्हारा हूँ प्रभु ,मुझपे ईक नजर रखना..2 वक्त कैसा भी हो तुम ध्यान मे सदा रहना मैं तुम्हारा............................. बनके रहबर हीं सदा रास्ते दिखाना तुम हो अगर दम्भ कभी उसको भी मिटाना तुम मै निरा मूरख हूँ मुझमे ज्ञान को भरना मैं तुम्हारा......................... पाँव हैं दलदल मे तम से अब घिरा है मन राह दिखता हीं नही ,हर तरफ मची हलचल मेरी हर कुण्ठा को स्नेह से सदा हरना मैं तुम्हारा...........................। खुद से लड़ने का यहाँ आके हौसला दे दो मुझमे हिम्मत दो यहाँ ,प्यार की सदा दे दो मन से तम को हीं सदा दुर हे प्रभु रखना मैं तुम्हारा...........................। राजीव खुशवंत Mukesh Poonia Satyaprem Vinay Vinayak नयनसी परमार
खुशवंत Mukesh Poonia Satyaprem Vinay Vinayak नयनसी परमार #कविता
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लब्ज हैं बेजुबां सांस हैं कुछ खफा नब्ज है जमरहीअलविदाअलविदा रात के आब मे जज़्ब सारा जहाँ अब्द है दिल तेरा ऐ जमीं जाने जां आजमाईश हुई बर्फ पे जख्म की इश्तियाक-ए-वफा नाखुदा नाखुदा कल फिर आ गया चाँद अरमान पर आईना आईना काफिया बन गया रात के जुल्फ मे कोई ढुंढे जहाँ कोई चुमे वतन की जमीं आसमां तर्स है हर तरफ आग की राख की घुल गया है वतन मे जहर का धुआं राजीव ... खुशवंत Disha Patel Neha Kar Radhey Ray mishrariya1104
खुशवंत Disha Patel Neha Kar Radhey Ray mishrariya1104
read moreAD Grk
ज़िन्दगी जरूरत है दोस्ती चाहत है।। #ज़िन्दगी Satyaprem Mukesh Poonia Internet Jockey खुशवंत Pervaz Dhiman
#ज़िन्दगी Satyaprem Mukesh Poonia Internet Jockey खुशवंत Pervaz Dhiman
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रुठे-रुठे क्यों बैठे हो,गुमसुम से क्यो दुर खड़े हो आओ!जरा मैं तुमको हंसा दूँ,रुठे हो अब तुमको मना लूँ तेरी नजर मे सावन रख दूँ,खुद को मैं बरसात बना लूँ कुछ तो कहो ,क्यो बूत बने हो गुमसुम से क्यों दूर खड़े हो ---------------------------------------- मौसम भी है रुठ गया सा,मिलता नहीं है मुझको दिलाशा आओ हंस के बाते कर.लें,बीते पल में जी ले मर लें देखो इधर,क्यों रुठ रहे हो,गुमसुम से क्यो दुर खड़े हो ---------------------------------------- आओ तुम्हें ईक ख्वाब दिखाउँ,ख्वाबों मे तेरी जुल्फें सजाउँ पाँव को तेरे हाथ मे रखकर,अपने लब से रंग लगाउँ रूको जरा मेरा हाथ पकड़ लो,गुमसुम से क्यों दुर खड़े हो ---------------------------------------- रुठे-रुठे.............................। गुमसुम से .............................। समन्दर #NojotoQuote Satyaprem Internet Jockey खुशवंत Harvinder Singh Virdi Vinay Vinayak
Satyaprem Internet Jockey खुशवंत Harvinder Singh Virdi Vinay Vinayak
read moreKhushwant Deo
आँसू सुख गए हों जैसे सिसकियाँ नहीं आती, तू नहीं है तो हमें हिचकियाँ नहीं आती। लिखने को लिख रखी है तेरे नाम की कई चिट्ठियां,, पर तू जहाँ है वहाँ चिट्ठियां नहीं आती।।।।। By .......SUNIL RATHORE... Satyaprem खुशवंत Supriya Tewari Shivansh Mishra Anant Shivam Vishwakarma
Satyaprem खुशवंत Supriya Tewari Shivansh Mishra Anant Shivam Vishwakarma
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