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Rimpi chaube
White मां ने जिस भाषा में मुझको,दुनियादारी सिखलाई। मां को मां ही क्यूं कहते,इस बात की समझी गहराई। अपनापन का बोध कराती मेरी प्यारी भाषा हिंदी, भावों को भावों में पिरोकर,जो भावपूर्ण है कर पाई।। निज भाषा उन्नति की द्योतक,अन्य में न जिह्वा रस पाई। हिंदी सिर्फ भाषा नही,ये मां के आंचल–सी सर पे छाई।। समस्त जन को हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई। ©Rimpi chaube #मेरी_प्यारी_भाषा_हिन्दी मां ने जिस भाषा में मुझको,दुनियादारी सिखलाई। मां को मां ही क्यूं कहते,इस बात की समझी गहराई। अपनापन का बोध कराती मे
#मेरी_प्यारी_भाषा_हिन्दी मां ने जिस भाषा में मुझको,दुनियादारी सिखलाई। मां को मां ही क्यूं कहते,इस बात की समझी गहराई। अपनापन का बोध कराती मे
read moreSarfaraj idrishi
बड़े शौक से मेरा घर जला, कोई आंच तुझ पे ना आयेगी!! ये जुबां किसी ने खरीद ली, ये कलम किसी का गुलाम है !! ©Sarfaraj idrishi बड़े शौक से मेरा घर जला, कोई आंच तुझ पे ना आयेगी!! ये जुबां किसी ने खरीद ली, ये कलम किसी का गुलाम है !! life quotes in telugu Islam in life
बड़े शौक से मेरा घर जला, कोई आंच तुझ पे ना आयेगी!! ये जुबां किसी ने खरीद ली, ये कलम किसी का गुलाम है !! life quotes in telugu Islam in life #Life
read moreAnkur tiwari
bharat quotes सन सत्तावन में उमड़ी थी जो,सैंतालीस में जाकर सफ़ल हुई गोरों की काले दिल की सब,करतूतें तब असफल हुई जब एक एक रणबांकुर करने को,अपना सर्वस्व न्योछावर कूद पड़े तब अंग्रेजी हुकूमत के तख्तों के,पावदान सब टूट पड़े लाला सुभाष और तिलक की बातें ,जनमानस में गूंज पड़ी अरुणा,सावित्री और चेन्नमा ,भी इस रण में कूद पड़ी जलियांवाला केवल एक बाग नहीं ,वीरों की अमर निशानी हैं बचपन से सुन रहे है हम जो,वो लक्ष्मी बाई की अमर कहानी हैं आजाद,भगत, सुखदेव राजगुरु ,थे सब आजादी के दीवाने बिस्मिल,हमीद के बलिदानों को,हैं कौन यहां जो ना जाने इनके त्याग ही का प्रतिफल है यह,आज़ादी जो हमने पाया है स्वच्छंद हिमालय है खड़ा बुलंद, हम पर भारत मां के आंचल की छाया है अंकुर तिवारी ©Ankur tiwari सन सत्तावन में उमड़ी थी जो सैंतालीस में जाकर सफ़ल हुई गोरों की काले दिल की सब करतूतें तब असफल हुई जब एक एक रणबांकुर करने को अपना सर्वस्व न्
सन सत्तावन में उमड़ी थी जो सैंतालीस में जाकर सफ़ल हुई गोरों की काले दिल की सब करतूतें तब असफल हुई जब एक एक रणबांकुर करने को अपना सर्वस्व न् #Motivational
read moreलेखक ओझा
White जिसके रक्त को पीकर हुआ बहाल आज वो उसी पर बहादुरी दिखाता है शर्म आती है उसे लाल कहते हुए जो ममता के आंचल पर उंगली उठाता है!! ©लेखक ओझा #mothers_day ममता आंचल
#mothers_day ममता आंचल #Love
read morePURAN SINGH CHILWAL
White वक्त भी सीखना है और टीचर भी पर दोनों में फर्क होता है टीचर सीखाकर इम्तिहान लेता है और वक़्त इम्तिहान लेकर सिखाता है ©PURAN SINGH CHILWAL #love_shayari तेरी उंगली पड़कर चला ममता के आंचल में पला मां ओ मां मेरी मां तेरा लाडला 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏🏻 हालातो ने खोदी इस चेहरे की मुस्कान वरना जहां
#love_shayari तेरी उंगली पड़कर चला ममता के आंचल में पला मां ओ मां मेरी मां तेरा लाडला 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏🏻 हालातो ने खोदी इस चेहरे की मुस्कान वरना जहां #विचार
read moreViraaj Sisodiya
मेरी ख़्वाहिशों ने दम तोड़ा है वो खुद को महफूज़ न कर पाई रेग्ज़ार-ए-आरज़ू की आंच में ©Viraaj Sisodiya #ख़्वाहिशों #दम #महफ़ूज़ #आंच #Viraaj
#ख़्वाहिशों #दम #महफ़ूज़ #आंच #Viraaj
read moreNirankar Trivedi
सांझ के आंचल में, जब सूरज ढलता है, धरती पर सोने की चादर सा फैलता है। आसमान के रंगों में, सुनहरी लहरें खिलती हैं, प्रकृति की गोद में, मानो स्वर्णधारा बहती है। ©Nirankar Trivedi सांझ के आंचल में, जब सूरज ढलता है, धरती पर सोने की चादर सा फैलता है। आसमान के रंगों में, सुनहरी लहरें खिलती हैं, प्रकृति की गोद में, मानो स्
सांझ के आंचल में, जब सूरज ढलता है, धरती पर सोने की चादर सा फैलता है। आसमान के रंगों में, सुनहरी लहरें खिलती हैं, प्रकृति की गोद में, मानो स् #Poetry #GoldenHour
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