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Writer Mamta Ambedkar
White **गृहणी का स्वर** क्यों कहें कि गृहणी का स्वर, दब जाए हर इक कोने पर? क्यों न गूंजे उसकी वाणी, स्नेह भरी, ममता की रवानी। वो जो दिन-रात घर संवारती है, हर सपने को आकार देती है। क्या उसका स्वर इतना हल्का हो, कि आंधियों में दबा सा लगे? नहीं, गृहणी का भी अधिकार है, अपने मन के विचार है। उसकी बातें भी हों मुखर, घर के आंगन में गूंजे स्वर। वो शांति का दीप जला सकती है, तो संघर्ष का बिगुल बजा सकती है। उसके स्वर की मिठास भी सुनो, पर उसकी ताकत की परख करो। दबाना नहीं, उसे समझो तुम, गृहणी है, कोई मौन नहीं। उसका स्वर हो प्रेम का गान, न दबा हो, न चढ़ा अभिमान ©Writer Mamta Ambedkar #mothers_day
kavi abhiraj
White सबर कह लो ,असर कह लो सुकून कह लो ,बसर कह लो खुशी हो मां के चेहरे पर उसे जन्नत का सफ़र कह लो ©kavi abhiraj #mothers_day
रिपुदमन झा 'पिनाकी'
White छाती से चिपक कर एक बच्चा रोता है बिलखता रहता है नन्हा शिशु भूख की लपटों मे हर घड़ी झुलसता रहता है।। माँ के आँचल में दूध नहीं पानी भी आँख का सूखा है क्या करे किस तरह शांत करे उसका बालक जो भूखा है।। मानस कोई भला दया कर दे इसलिए वो हाथ पसारे है लोगों के दया की आस लिए लोगों की ओर निहारे है।। तन पर कुछ कपड़ों का टुकड़ा आँखों में लाज का परदा है लोगों की नजर कँटीली है अंग प्रत्यंग उसका छिलता है।। ममता रोती है सिसक सिसक क्या करे नहीं कुछ सूझ रहा क्या मजबूरी है उस मां की नन्हा बालक नहीं बूझ रहा।। या करे खुदकुशी बच्चे संग या बिक जाए बाजारों में आँखों को मूंदे खड़ी खड़ी वो पड़ी है गहन विचारों में।। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©रिपुदमन झा 'पिनाकी' #mothers_day कविता
#mothers_day कविता
read moreSagar Aryan
White बारिश के बाद भींगे झोपड़े से निकलने वाले धुंए कम हो गए है, बेटे शहर गए है, या शहर के हो गए है? ©Sagar Aryan #mothers_day Maa पर कविता
#mothers_day Maa पर कविता
read moreAlka pandey
White क्या कभी देखा है? ब्रधाआश्रम में बैठी हुई उन बूढ़ी आंखो को? जो हर पल रह देखती हैं, जिनके लिए जीवन का पर्याय सिर्फ "तुम" हो ,देखना चाहती हैं तुम्हारे उन नन्हे कदमों को जो दौड़ कर मां से लिपट जाते थे,दिल से न सही, गिरने के भय से ही लिपट जाओ एक बार आश्रम की दहलीज पर मां से मिलने फिर आ जाओ। ©Alka Pandey #mothers_day Maa पर कविता hardik Mhajan, Anshu writer, Prem Lata solanki, Anu Agarwal, Ravi vibhuti, shudha tripathi, kesav Kamal, Seth ji, Ambika jha, Brijesh Singh yadav, Vandana mishra, Suraj pal Singh, Ad Grk, Monis Khan, Mind talk, Anil Kumar Ray, adg grk, GRHC~TECH~TRICKS हिमांशु Kulshreshtha Dayal "दीप, Goswami.. vineetapanchal masung Chaudhary Asif Hindustani Official
#mothers_day Maa पर कविता hardik Mhajan, Anshu writer, Prem Lata solanki, Anu Agarwal, Ravi vibhuti, shudha tripathi, kesav Kamal, Seth ji, Ambika jha, Brijesh Singh yadav, Vandana mishra, Suraj pal Singh, Ad Grk, Monis Khan, Mind talk, Anil Kumar Ray, adg grk, GRHC~TECH~TRICKS हिमांशु Kulshreshtha Dayal "दीप, Goswami.. vineetapanchal masung Chaudhary Asif Hindustani Official
read moreMamtaYadav
White नखरे और खर्चे बिना उफ़ किए सिर्फ मां बाप ही उठाते हैं बाकी दुनियां के हर एक रिश्ते के लिए हम सदा के लिए बोझ ही रहते हैं ।। ©MamtaYadav #mothers_day
Jaykishan Dani
White वो माँ थी जो लॉरी गा के सुलाती थी वो माँ थी जो कान्हा कहे के बुलाती थी वो माँ थी जो अपने आंचल में छुपाती थी वो माँ थी जो दुवा में दोनो हाथ उठाती थी वो माँ थी जो सपने दिखाती थी वो माँ थी जो जूलो में जुलाती थी वो माँ थी जो आधी रात तक जगती थी वो माँ थी जो गोद में बिठाके खिलाती थी वो माँ थी जो रूठे हुए को मनाती थी वो माँ थी जो भगवान से भी लड़ जाती थी ©Jaykishan Dani #mothers_day
Preet✍️✍️✍️
White ਅੱਖ ਖੁੱਲੀ ਤਾਂ ਪ੍ਰੀਤ ਇਕੱਲਾ ਬੈਠਾ ਸੀ ਭਾਦਲੇ ਵਿੱਚ ਬਣਿਆ ਝੱਲਾ ਬੈਠਾ ਸੀ ਮਾਂ ਨਿੱਤ ਹੀ ਆ ਕੇ ਬਸ ਮੈਨੂੰ ਮਿਲਜੇ ਮੈ ਕੁੱਟ ਚੂਰੀ ਕਾਵਾਂ ਨੂੰ ਤਾਂ ਪਾਈ ਸੀ ਰਾਤੀ ਸੁਪਨੇ ਦੇ ਵਿੱਚ ਮਾਂ ਆਈ ਸੀ ਹਰਪ੍ਰੀਤ ਸਿੰਘ ਪ੍ਰੀਤ ✍️ ✍️ ©Preet✍️✍️✍️ #mothers_day
ARIF ANSARI
White khete hai orat kisi ki nahi hoti to fir wo apne pati kaise hoti h jise baap banne mai apni zindagi daw pe laga deti hai 👍 ©ARIF ANSARI #mothers_day
Alien's Cry
White ماں : بیٹا تمہیں معلوم ہے طاغوت کیا ہے؟ بیٹا: نہیں ماں۔ ماں : تو کتنا معصوم ہے۔ باپ (ساحل عدیم) : جاہل عورت، تمہیں معلوم بھی ہے طاغوت کسے کہتے ہیں؟ بیٹی: نہیں۔ باپ: جاہل، میری بیٹی جاہل ہے، مجھے اس بات کا دکھ ہے۔ ©Alien's Cry #mothers_day