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Azeem Khan
हमारी पेशानी पर सितारा बने । जो यहां नक्श ए लब तुम्हारा बने । हम तो मिट्टी हैं सिर्फ़ मिट्टी हैं । आप जो छूं लें तो कुछ हमारा बने । # ख़्वाजा तारिक़ उस्मानी # ©Azeem Khan #ख़्वाजा तारिक़ उस्मानी # poetry
ख़्वाजा तारिक़ उस्मानी # poetry
read moreMadhur Yadav
इब्न-ए-मरियम हुआ करे कोई ! मेरे दुख की दवा करे कोई !! -मिर्ज़ा गालिब इब्न-ए-मरियम - son of mary (Jesus) #गालिब_तेरी_याद_में #गालिब_की_कलम #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqhindi
इब्न-ए-मरियम - son of mary (Jesus) #गालिब_तेरी_याद_में #गालिब_की_कलम #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqhindi
read moreKalavati Kumari
एक बुद्धिमान व्यक्ति के प्रश्न में भी आधा उत्तर छिपा रहता है। - सोलोमन इब्न गैबिरोल एक बुद्धिमान व्यक्ति के प्रश्न में भी आधा उत्तर छिपा रहता है। - सोलोमन इब्न गैबिरोल
एक बुद्धिमान व्यक्ति के प्रश्न में भी आधा उत्तर छिपा रहता है। - सोलोमन इब्न गैबिरोल
read moreनादान❤️दिल
इक न इक शमा अँधेरे में जलाए रखिए सुब्ह होने को है माहौल बनाए रखिए #NojotoQuote इक न इक शमा अँधेरे में जलाए रखिए सुब्ह होने को है माहौल बनाए रखिए ~तारिक़ बदायुनी
इक न इक शमा अँधेरे में जलाए रखिए सुब्ह होने को है माहौल बनाए रखिए ~तारिक़ बदायुनी
read moreaaj_ki_peshkash
White कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तिरा कुछ ने कहा ये चाँद है कुछ ने कहा चेहरा तिरा इब्न-ए-इंशा ©aaj_ki_peshkash कल चौदहवीं की #रात थी शब भर रहा #चर्चा तिरा कुछ ने कहा ये #चाँद है कुछ ने कहा #चेहरा तिरा इब्न-ए-इंशा #Moon
Bobby(Broken heart)
इब्न-ए-मरियम हुआ करे कोई.... मिर्जा गालिब साहब की बेहतरीन ग़ज़ल आपकी नजर करता हूं सुनिए गा आपको मजा आएगा....#bobby_sadeyes #Shayari Urdugha
read morePrerit Modi सफ़र
अब जाएँ तो कहाँ जाएँ ए ख़ुदा सोचते हैं कि ख़ुद में ही खो जाएँ कहीं...... इब्न ए इंशा के कण के बराबर भी नहीं हूँ मैं पर एक कोशिश इस पे collab करने की #yqbaba #yqdidi #yqbhaijan #yqthoughts #YourQuoteAndMine Col
इब्न ए इंशा के कण के बराबर भी नहीं हूँ मैं पर एक कोशिश इस पे collab करने की #yqbaba #yqdidi #yqbhaijan #yqthoughts #YourQuoteAndMine Col
read moreARZ-ए-SAYED
ख़ुशी भी थी गम भी था कभी ज़ियाद था कभी कम था तलाश कर भी नहीं मिली जमानत मुझे सब से सब का फ़ैसला भी था ,सब से फासला भी था।। Arz- ए- Sayed ख़ुशी भी थी गम भी था कभी ज़ियाद था कभी कम था तलाश कर भी नहीं मिली जमानत मुझे सब से सब का फ़ैसला भी था ,सब से फासला भी था।।
ख़ुशी भी थी गम भी था कभी ज़ियाद था कभी कम था तलाश कर भी नहीं मिली जमानत मुझे सब से सब का फ़ैसला भी था ,सब से फासला भी था।।
read moreNaman Bhalla
#lovebeat कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तिरा , कुछ ने कहा ये चाँद है कुछ ने कहा चेहरा तिरा ... ~ इब्न-ए-इंशा Suman Zaniyan shayariwo
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