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Stories related to डैश डाइट

encourage.to_live

डाइट लखीसराय प्राचार्या डॉ० वंदना कुमारी.....

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Irfan Saeed

मेरी प्यारी डाइट 😂🥰🥰 #Fitness #Health&Fitness

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Dr. Asha Yashshree

हम से डाइट फॉलो नहीं हो पाती #drashayashshree #Health

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Poonam Ritu Sen

चंद पैसे कमाये और नन्हें कदमों की सीख उसे भूल गये क्या.. सूट बूट पहन लिये और पिता के फटे पैजामे उसे भूल गये क्या.. लो शुगर और लो कैलोरी डाइट

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चंद पैसे कमाये और नन्हें कदमों की सीख
उसे भूल गये क्या..
सूट बूट पहन लिये और पिता के फटे पैजामे
उसे भूल गये क्या..
लो शुगर और लो कैलोरी डाइट खाना खाकर,
माँ के हाथ का प्यार भरा तड़का
उसे भूल गये क्या..
ऊंचे मकानों में रहकर गांव के आंगन में बीता बचपन
उसे भूल गये क्या..
वृद्धाश्रम में उन्हें भेजते वक़्त अबतक का त्याग और प्यार
उसे भी भूल गये क्या.. 

 चंद पैसे कमाये और नन्हें कदमों की सीख
उसे भूल गये क्या..
सूट बूट पहन लिये और पिता के फटे पैजामे
उसे भूल गये क्या..
लो शुगर और लो कैलोरी डाइट

Raj 94myfm

ज्‍यादातर महिलाएं अपनी डाइट में विटामिन बी-12 युक्‍त फूड्स का सेवन नहीं करती हैं, जिससे वह हमेशा विटामिन बी-12 की कमी से ग्रस्‍त रहती हैं। ज

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ज्‍यादातर महिलाएं अपनी डाइट में विटामिन बी-12 युक्‍त फूड्स का सेवन नहीं करती हैं, जिससे वह हमेशा विटामिन बी-12 की कमी से ग्रस्‍त रहती हैं। ज

OMG INDIA WORLD

छोड़ो ना जान, ये सफेद बालों की फ़िक्र मैं हूं ना जो तुम्हारी सिर्फ माथे की बिंदी पर मरता हूं....। छोड़ो ना जान,

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छोड़ो ना जान

ये सफेद बालों की फ़िक्र
मैं हूं ना

जो तुम्हारी सिर्फ माथे की बिंदी पर मरता हूं....।

छोड़ो ना जान,

बढ़ते हुए वज़न की फ़िक्र ।

मैं हूं ना,

जो सिर्फ तुम्हारे खूबसूरत दिल पे मरता हूं....।।

छोड़ो ना जान,

ये गालों पे आने वाली सिलवटों की फ़िक्र ।

मैं हूं ना, जो सिर्फ तुम्हारी प्यारी सी मुस्कान पे मरता हूं.....।।

छोड़ो ना जान,

ये डाइट के नाम पर मन मार कर जीना। तुम वही करो, वही खाओ, जिससे तुम्हारे दिल को खुशी मिले। क्योंकि मैं हूं ना,

जो सिर्फ तुम्हारे खुश होने पे मरता हूं......।।।

©OMG INDIA WORLD छोड़ो ना जान,


ये सफेद बालों की फ़िक्र मैं हूं ना

जो तुम्हारी सिर्फ माथे की बिंदी पर मरता हूं....।

छोड़ो ना जान,

Anuradha T Gautam 6280

वाह रे हॉस्पिटल वालों शुगर कंट्रोल किया 30 में पहुंच गया तो वेट बढ़ने लगा डायट प्लान दिया है 5 टाइम खाने के लिए और हैवी एक्सरसाइज करने के लि

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Arunima Thakur

क्षमा चाहती हूँ पर इस तरह की गलियाँ इस मंच पर तो क्या कहीं भी शोभा नहीं देती हैं। इस तरह की गालियों में लिखा नहीं होता कि माँ और बहन किसकी

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क्षमा चाहती हूँ पर इस तरह की गलियाँ इस मंच पर तो क्या कहीं भी शोभा नहीं देती हैं।
 इस तरह की गालियों में लिखा नहीं होता कि माँ और बहन किसकी हैं, वह आपकी भी हो सकती है। 
एक सभ्य समाज में गालियाँ किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं होनी चाहिए, ना दोस्ती ना मजाक I 
एक स्टार या डैश डाल देने से गालियों का स्वरूप परिवर्तित नहीं हो जाता है। इस तरह की गालियाँ एक प्रकार का मानसिक बलात्कार है। 
आजकल वास्तविकता दिखाने के चक्कर में देश सीरियल पिक्चरों में गालियों की भरमार शुरू हो गई है क्या यह सही है ?
एक व्यक्ति की वास्तविकता दिखाने में आप पूरे समाज की वास्तविकता परिवर्तित कर रहे हैं।  क्षमा चाहती हूँ पर इस तरह की गलियाँ इस मंच पर तो क्या कहीं भी शोभा नहीं देती हैं। 

इस तरह की गालियों में लिखा नहीं होता कि माँ और बहन किसकी

Rj medy ❤️ RadiO GirL❤️

बात केवल वक़्त वक़्त की हैं , उस कोशिश की हैं जो हम पूरी ज़िन्दगी सबको समझने में गुज़र देते हैं , और सच कहे तो सबसे ज़्यादा ज़रूरी सिर्फ ये होता ह

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बात केवल वक़्त वक़्त की हैं , उस कोशिश की हैं जो हम पूरी ज़िन्दगी सबको समझने में गुज़र देते हैं ,
और सच कहे तो सबसे ज़्यादा ज़रूरी सिर्फ ये होता हैं की हम खुद को बखूबी जान पाए 
आखिर सही मायने में जीवन क्या है , क्या दूसरों को खुश करने और खुद को उनसे ऊँचा बनाने की होड ही असल में ज़िन्दगी का सही मकसद हो सकता है , ठहर कर कुछ पल के लिए खुद से बात करना बहुत ज़रूरी है , जो शायद हम करते ही नहीं है , 
जब लोगो को अपनी ज़िन्दगी से हार मानते देखती हु तो लगता है की शारीरिक स्वस्थ रहने की बात तो हर कोई करता है , कीटो डाइट और ज़ुम्बा का फैशन तो खूब दिखावे के साथ किया जाता है पर मानसिक स्वस्थ रहने के बारे में कोई बात क्यों नहीं करता , क्या ज़रूरी है हमारे लिए , मैंने ऐसे कई लोग देखे है जो शरीर से तो बहुत मज़बूत हैं पर मानसिक रूप से उतने ही दुर्बल , 
ये बात करना कोई ज़रूरी क्यों नहीं समझता , जो जीवन की उलझनों को नहीं समझ पाते उनके पास अक्सर दो ही विकल्प शेष रह जाते है : यात्रा या आत्महत्या 
पर दोनों ही विकल्प किसी समस्या के अस्थायी समाधान हो सकते है , स्थायी हल नहीं .....

 - secret letter - Rj medy बात केवल वक़्त वक़्त की हैं , उस कोशिश की हैं जो हम पूरी ज़िन्दगी सबको समझने में गुज़र देते हैं ,
और सच कहे तो सबसे ज़्यादा ज़रूरी सिर्फ ये होता ह

Ravendra

जिला अधिकारी ने दिए निर्देश वार्षिक लक्ष्य के अनुसार शत प्रतिशत हो राजस्व वसूली कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक के दौरान जिलाधिकारी मोनिक

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