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IG @kavi_neetesh
White शरद पूर्णिमा उत्सव हमको, केवल यही बताता है। किरणपुंज इस भू पर आकर, अमृतमय हो जाता है।। सबसे निकट चंद्रमा होता, आज रात इस पृथ्वी पर। सोलह सभी कलायें खिलतीं , इंद्रधनुष सी धरती पर।। लक्ष्मी श्री का शुभ आराधन, सबको सुखद बनाता है।। किरणपुंज इस भू पर आकर.......... रात सुई में धागा डालो, नेत्र ज्योति बढ़ जायेगी। खीर खिलाओ खुद भी खाओ, उम्र बहुत बढ़ जायेगी।। जो कोजागर होकर रहता, वो ही प्रभु को पाता है।। किरणपुंज इस भू पर आकर............ कृष्ण मनाते महारास हैं, शिव गोपेश्वर हो जाते। महारास की इस लीला में, मन वृंदावन हो जाते।। अंतर्मन आनंदित होता, उत्सव मुदित मनाता है।। जो कोजागर होकर रहता.......... ©IG @kavi_neetesh पवित्र शरद पूर्णिमा के अवसर पर :::::::::::::::::::: जो कोजागर होकर रहता ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;
काव्य महारथी
काव्य महारथी डॉ ज्योति कृष्ण , पुणे, महाराष्ट्र हिंदी दिवस पर कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी हिंदी कविता कविता कोश कविताएं
read moreAnjali Singhal
"घुमड़-घुमड़ रहे प्रेम के बादल, ज्योति कलश छलके नयनों में आकर; मन अपनी धुन में नाचे, दुनिया को बिल्कुल बिसराकर। रहती है हर धड़कन पागल, कोई #Poetry #loveshayari #lovestatus #AnjaliSinghal
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White // आजादी कैसे पाई थी // देश के हजारों वीरो ने फांसी के फंदे पर झूले थे, लाखो वीरो ने गोलियां भी यु खाई थी । तब कही बड़ी मुश्किल से हमने, इस भारत में यु आजादी को पाई थी ।। कहते है कि , कुछ सत्ता के लोभी थे यु लोग, आजादी का वो चरखा चला कर खुद आई थी । तुम उन वीरों को वे अब भूल गए हैं, जिन्होंने काल कोठरी में यातना पाई थी ।। वीर सावरकर को अब भूल गए हैं, जिसने आजादी की वो ज्योति जलाई थी । कील , कांटो और अपने नाखूनों से , आजादी का ये नारो को ,जिसने को लिखाई थी ।। भगत सिंह को हम सब भूल गए हैं, जिसने छोटी सी उम्र में यु फांसी खाई थी ।। आजाद को अब कौन यु ही याद करे, जिसने भारत को , उन अंगरेजो के गुलामो से आजादी दिलाई थी ©बेजुबान शायर shivkumar #happy_independence_day #happyindependenceday #IndependenceDay2024 #IndependenceDay2025 #IndependenceDay #Nojoto #IndependenceDayIndia //
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White राधिका छन्द :- सुनकर विनती मातु अब , कृपा कर देना । रोग दोष सारे अभी , सुनों हर लेना ।। मैं बालक नादान हूँ , भूल हो जाती । करो क्षमा अपराध सब , आप हो दाती ।। प्रेम ज्योति सब में जले , यही वर माँगा । दे दो भोलेनाथ जी , प्रेम का धागा ।। देख पराई पीर को , लगे सब रोने । यही भाव उत्पन्न हो, हृदय के कोने ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR राधिका छन्द :- सुनकर विनती मातु अब , कृपा कर देना । रोग दोष सारे अभी , सुनों हर लेना ।। मैं बालक नादान हूँ , भूल हो जाती ।
राधिका छन्द :- सुनकर विनती मातु अब , कृपा कर देना । रोग दोष सारे अभी , सुनों हर लेना ।। मैं बालक नादान हूँ , भूल हो जाती । #कविता
read moreRajesh vyas kavi
White गुरुजनों की सीख ने_ ऐसा किया कमाल । राह चलत सदगुरु मिले_ दे गए ऐसा ज्ञान _ जिसे कोई छीन ना पाए_ दिनों दिन बढ़ता जावे।। 🙏🙏 आप सभी को _ "गुरु पूर्णिमा" उत्सव की, बहुत-बहुत शुभकामनाएं🙏🙏 © Rajesh vyas kavi गुरु पूर्णिमा उत्सव की बहुत-बहुत शुभकामनाएं #गुरुपूर्णिमा #गुरु #ज्ञान #ज्योति #guru_purnima
गुरु पूर्णिमा उत्सव की बहुत-बहुत शुभकामनाएं #गुरुपूर्णिमा #गुरु #ज्ञान #ज्योति #guru_purnima
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