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G PATEL
स्कूल,कॉलेज,शिक्षा के दरवाजे बन्द शराब ठेके चालू,शराब तो देश की अर्थव्यवस्था का सुधार है। ओर शिक्षा के बिना बच्चों का भी तो भविष्य खराब है, बच्चों की शिक्षा ऑनलाइन चालू की, और राजनैतिक रैलियां ऑफलाइन चल रही है अन्य कार्य में कम से कम लोग शामिल होंगे तो अच्छा रहेगा , राजनैतिक पार्टी मे जितने हो उतने शामिल करों - धन्य है आप लोग ©G PATEL देश की राजनीति। #hills
Baijnath Maurya
देश की राजनीति चाय से शुरू हुई थी और गाय पर अटक गई है.. जनता बेरोजगार हो रही है। #sholay
read morePrabhat malik
shayarana andaz hai
" कभी धोनी के बालों , कभी कैटरीना के गालों के लिए मर गए , कभी चेहरों , कभी चालो के लिए मर गए , जहाँ होंगें भगत सिंह कहते होंगे , यार सुखदेव - राजगुरु हम भी किन सालों के लिए मर गए !!! " _संजय झाला वीर भगत सिंह के जन्मदिन पर उनको शत-शत नमन❤️🇮🇳🙏 _dabbi🌼 Shayarana andaz hai यह बहुत दुखद है जहां भगत सिंह जैसे वीर जवानों ने अपनी जान की बाजी देदी वहां उस देश में हर तीसरा लड़का एक लड़की पर लाइन मारता दिखता है । जहां
यह बहुत दुखद है जहां भगत सिंह जैसे वीर जवानों ने अपनी जान की बाजी देदी वहां उस देश में हर तीसरा लड़का एक लड़की पर लाइन मारता दिखता है । जहां #bhagatsingh
read moreVedantika
बदल रहे जब विचार के आधार स्तंभ जब देश का चेहरा भी एक दिन बदल ही जाएगा देश का युवा लेकर हाथ में इस देश की डोर देश के रथ को सही दिशा में लेकर जाएगा बीते हुए कुछ सालों में हमारे देश में बहुत ज्यादा परिवर्तन आया है। बात चाहे स्वास्थ्य की हो या शिक्षा की धीरे-धीरे ही सही एक अनुकूल परिवर्तन
बीते हुए कुछ सालों में हमारे देश में बहुत ज्यादा परिवर्तन आया है। बात चाहे स्वास्थ्य की हो या शिक्षा की धीरे-धीरे ही सही एक अनुकूल परिवर्तन
read moreMohiniGupta
रात तले शमा जले दो बोतल खुले तो कुछ बात हो तुम अपनी दिलरुबा को कहना मैं अपना दर्द कहूँगा, तुम पेड़ की ठंडी छांव कहना और मैं रातें सर्द कहूँगा कुछ तेरे ख्वाब कुछ हक़ीक़त मेरी साथ हो रात तले शमा जले दो बोतल खुले तो कुछ बात हो तुम नशा कह देना तो मैं उसके नुकसान कहूँगा, तुम देश की राजनीति कहना और मैं नेता का ईमान कहूँगा। दो घूँट बोतल और देश के हालात हो रात तले शमा जले दो बोतल खुले तो कुछ बात हो। तू राम मंदिर कहना मैं मक्का मदीना कहूँगा तू bank का घोटाला कहना मैं किसान का पसीना कहूँगा। दंगे फसाद धर्म और कुछ जात पात हो रात तले शमा जले दो बोतल खुले तो कुछ बात हो। {full poem read in caption} रात तले शम्मा जले दो बोतल खुले तो कुछ बात हो तुम अपनी दिलरुबा को कहना मैं अपना दर्द कहूँगा, तुम पेड़ की ठंडी छांव कहना और मैं रातें सर्द कहूँ
Poonam Suyal
चाय पियेंगें Found it worth a read, so sharing See caption चाय के बहाने 🌷 *चाय_पियेंगे*? जब कोई पूछता है "चाय पियेंगे..?" तो बस नहीं पूछता वो तुमसे दूध ,चीनी और चायपत्ती
चाय के बहाने 🌷 *चाय_पियेंगे*? जब कोई पूछता है "चाय पियेंगे..?" तो बस नहीं पूछता वो तुमसे दूध ,चीनी और चायपत्ती
read moreDivyanshu Pathak
मन नित्य नया चाहता है। जो वस्तु प्राप्त नहीं होती उसके लिए भटकता है।प्राप्त होते ही उसके प्रति उदासीन भी शीघ्र ही हो जाता है और फिर नई वस्तु के प्रति दौड़ने लगता है। मन की कामना ही ईष्र्या और अहंकार का मूल है। इसी कारण व्यक्ति मर्यादाओं का लंघन करता है। येन-केन-प्रकारेण प्राप्ति ही उसका लक्ष्य रहता है। संग्रहण और फिर उसकी सुरक्षा में लगा ही रहता है। भय की उत्पत्ति का भी यही कारण बनता है। किसी की समझ में न आए उसी का नाम माया है। जीवन का आधार कामना है और अत्यन्त तीव्र कामना को ही तृषा या तृष्णा कहते हैं। व्यक्ति जैसे-जैसे अपनी