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Stories related to वृद्धावस्था पर कविता

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Swåßhímåñ Sîñgh

क्या होगी ये काया
जब वृद्ध हो जायेंगे,
चेहरे पर सिकुङन
 होठ लङखङायेंगे | #वृद्धावस्था

kumarउमेश

सुखमय वृद्धावस्था #Thoughts

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अनुषी का पिटारा "अंग प्रदेश "

जब "हक" ही आपको एक बोझ लगने लगे
बेटा बहू के समक्ष ज्यादा कमजोर लगने लगे
सुबह -शाम "चाय"  मिलने में देर लगने लगे
बातों - बातों पर "बंदिशों" का ढ़ेर लगने लगे
'संतानों' को आप 'गठरी' सा बोझ लगने लगे
तब समझो बहू नहीं 'लहू' तुझे धोखा देने लगे

©Anushi Ka Pitara #वृद्ध #वृद्धावस्था

Saumitra Tiwari

वृद्धावस्था की कहानी

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।।वृद्धावस्था की कहानी।।

छोटे बच्चों को नींद गहरी आती है
बड़े होने पर ये अवधि घटती जाती है
किशोरों में ये समस्या कुछ काम तक चलती है
अधेड़ होते होते ये सीमित हो जाती है!!!
वृद्धावस्था है नींद घटने की कहानी
शरीर को साधे शिथिल होती है जवानी
कमजोर शरीर है भविष्य होती डरावनी
चिंताये बढ़ाती है नींद लेने की रूहानी!!
वृद्धावस्था है नींद घटने की कहानी
शरीर को साधे शिथिल होती है जवानी!!!
पोषण कम मिलता है, चिंतन की श्रृंखला गड़बड़ाती है.…...
दबाव अधिक पड़ता है,संपत्ति की याद आती है
सब घटने की व्यवस्था है स्मृति की निशानी
नींद बड़ी बाधक है चिंता की कहानी !!!
वृद्धावस्था है नींद घटने की कहानी 
शरीर को साधे शिथिल होती है जवानी!!!

                      ----पंडित सौमित्र तिवारी वृद्धावस्था की कहानी

Harendra Singh Lodhi

tanvi(^_^)

कविता बारिश पर कविता प्यार पर कविता कविता कोश

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Shashi parewa

vridhavastha mein keval sharir hi nahin rishte bhi kamjor ho jaate Hain

-शशि परेवा

@shayranaarziyaan #वृद्धावस्था #शरीर #rishte 

#NightPath

Shikha Pari

#OpenPoetry माँ बैठी रही इंतज़ार में ,जब बँटवारा शुरू हुआ बाज़ार में
सब अपने अपने हिस्से को सँजो  रहे थे
माँ अपनी हस्ती को सिकोड़ रही थी

नीलाम हुआ घर ,माँ काँपी थर थर
जब माँगे गए पैसे,माँ ने सोचा ऐसे ही माँगे होंगे ज़रूरत के जैसे।

जब बात आई ज़ेवर पे ,बोली पिता की निशानी है इसमें
कोई न सुना न समझा सबको तो अब कुछ न दिखा।
माँ ने सोचा शायद अब लगेगा मेरा हिस्सा ,होगा मेरा भी अहम किस्सा 
वो टूट जब सबने बांधे सूट बूट और दरवाजे पर कार आयी माँ को लगा अब मेरी बारी आई
पर सबकुछ गया था बदल ,सब हो गए उथल पुथल ।
माँ खड़ी रही जब एक गाड़ी आयी दरवाजे पे।
माँ की आँखों की रोशनी में चमक आयी वो इतराई।
बोली देखो बच्चों ने लाने के लिए नौकर भेजा है।

उस शख्स ने बताया माँ जी ये आपका भ्रम है 
लेजाना तो आपको वृद्धाश्रम है। #बुढ़ापा #माँ #वृद्धावस्था #वृद्धाश्रम

VIKY KIWI

कविता पर कविता

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