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Manmohan Dheer
दुनिया के एक कोने में दूर उन्होंने मना लिया है उत्सव अगले बरस तक उन्हें अब अपने कुनबे पर गर्व होगा कुनबा
कुनबा
read morekrisha
#डर मेरी नाकामी का डर कुछ इस तरह मुझ पर छाया कि अपनी कामयाबी का कुनबा कभी खोज न पाया... कुनबा-घर , परिवार #डर
कुनबा-घर , परिवार #डर
read morepratibha Singh thakur
सफाई देते देते थक गयें है हम। सीधी बात बुरे हो गये हैं हम। ©pratibha Singh thakur सफाई
सफाई #शायरी
read moreSangam Ki Sargam
हर चीज में सफाई दूँ, हर काम में सफाई दु। इतना समय नहीं है और ना तुम इतने महत्वपूर्ण मेरे लिए। और ना मैं सीता की परीक्षा देती रहूं। निकलो आगें। #सफाई
Kalpana Srivastava
घर की सफाई के साथ - साथ अपने जीवन से उनलोगों का भी सफाया कर देना जो अपना बनने का ढोंग करते हैं, और अच्छाई का नक़ाब ओढ़े रहते हैं.. ©kalpana srivastava #सफाई
Naveen Mahajan
'सफ़ाई' बड़ा ही दिल दुखाते हो जब इल्ज़ाम लाते हो क्यों शंख न निकले बजाईं घण्टी - न थाली सुनो बे अक्ल के अन्धों सफ़ाई ये है दिल वाली अक़ीदे अलहदा से हैं ना ही शंख रक्खे हैं न ही घण्टी - न घण्टे हैं महज़ एक गोल थाली थी मगर वो छेद वाली थी। #NaveenMahajan सफाई
सफाई #poem #NaveenMahajan
read moreAkhil Arya
तुमसे मुहब्बत न करें तो क्या करें और किधर जाएं, इस ज़िन्दगी से बेहतर है कि हम मर जाएं, बीती रात गयी बहुत ज़ालिम था मैं, अब सोचता हूँ कि अपने कुनबे के लिए सवंर जाएं|| #akhil_arya #कुनबा=परिवार #yqbaba #yqdidi #yqquotes
#akhil_arya कुनबा=परिवार #yqbaba #yqdidi #yqquotes
read moreAshok Sah
कुछ अनकही कुनबापरस्ती दास्तां ... कभी किसी के आंसू धोखा दे जाए, कभी छल कर जाए किसी की मुस्कान, काश हर किसी को कोई समझ जाए, कोई और नहीं, आइने में ही है वो इंसान। खुशी और गम के तराजू में ज़िन्दगी झूल रही, सफलता और संघर्ष की सियाही भी अब सूख रही, ज़िन्दगी के ये कोरे कागज़ अब संभाले नहीं संभल रही, और कुनबापरस्ती की आंग में भस्म हो रही । मानसिक तनाव और चिंता से हर कोई जूझ रहा, आंसू और पसीने से इंसान अपनी मंज़िल सींच रहा, खुशियों का बगीचा भी अब सूना सा है, तनावग्रस्त जीवन में यही एक आशियाना सा है । वर्षा और तूफान का भी विचित्र संगम है, आंसू और पसीने तो धो देती है, पर आगे बढ़ते कदमों को भी रोक देती है। रोड़े तो आएंगे, पथ भी दुर्गम होते जाएंगे, दशरथ मांझी सा ठोस तो कर इरादों को, पर्वत के गर्भ से भी नए राह बनते जाएंगे, और गैरों की महफ़िल में एक पहचान बना कर जाएंगे । ©अशोक साह #SushantSinghRajput कुछ अनकही कुनबा-परस्ती दास्तां
#SushantSinghRajput कुछ अनकही कुनबा-परस्ती दास्तां #कविता
read moreUma Vaishnav
दिवाली की सफाई *************** ये कोने होते हैं, किट का घर, इनमे छुपे हुए होते हैं मच्छर, हमने ठीक से की थी सफाई, जाने कहाँ से ये मकड़ी आई, टूट कर रह गई हमारी कमर, काम करते रहे हम दिन-भर, कपड़े धोये और झाड़ी कम्बल आराम न किया हमने पल भर कैसी है देखो ये दिवाली आई उस पर देखो ये महंगाई छाई, आती नहीं अब तो कोई बाईं, कहती मुझे भी करनी सफाई उलझन ये सुलझा नहीं पाई, कैसे करूँ बाकी की सफाई अब तो बस एक ही उपाई, पतिदेवी जी की सामत आई, वो भी संग मिल करे सफाई, तब कहेगें वाहा. क्या दिवाली आई 😀😀 Happy divali 😊 ©Uma Vaishnav #सफाई #MessageToTheWorld
#सफाई #MessageToTheWorld #कविता
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