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कलम की दुनिया
बहुत किताबें पढ ली तुमने कुरान और वेदें पढ ली तुमने बोलो, क्या पढा है मुझे तुमने? मुझे जिसने लिखा उसकी जीवनी पढ ली तुमने जिसने उसका साथ दिया उसकी भी जीवनी पढ ली तुमने मुझे पढने के लिए लिखा गया बोलो क्या पढा है मुझे तुमने? वकीलों ने पढा मुझे पुलिसकर्मियों ने पढा मुझे क्या उन्होंने सदा सदुपयोग ही किया मुझे? बोलो क्या पढा है मुझे तुमने? ©कलम की दुनिया #संविधानकीआवाज
Vijay Vidrohi
दोस्तों मैनें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में कविता लिखी है आपको पसंद आए तो लाइक और शेयर करें "संविधान जरूरी है" युवाओं के मन में कुछ अरमान जरूरी है जवानी में उठने वाला तूफान जरूरी है। जो रखते हैं माद्दा कुछ करने का दिल में हौसलों में होना उनकी उड़ान जरूरी है। दुश्मन पर तो सब नजरें रखते लेकिन दोस्त बने हैं जो रखना उन पर ध्यान जरूरी है। जो जीना चाहते हैं जिंदा दिल बनकर चेहरे पर उनके होना मुस्कान जरूरी है। बिक कर जो अखबार है छपते भारत में जन-जन को करना उनकी पहचान जरूरी है। जो आतंकवादी माओवादी करते फिरते उन झूठे देशभक्तों से होना सावधान जरूरी है। और सीमाओं पर क्यों मरते सैनिक आखिर राजनीति के खातिर उनकी जान जरूरी है। आजादी के लिए जो झूले फांसी पर उन शहीदों के लिए आंखों में सम्मान जरूरी है। नोच नोच और बेच बेच खा गए देश को उन गद्दारों का मिटना नामोनिशान जरूरी है। राजनीति में धर्म को शामिल जो करते उनके लिए बस हिंदू और मुसलमान जरूरी है। और पैदा होते ही बन जाते हिंदू-मुस्लिम पर सबसे पहले बनना इंसान जरूरी है। मंदिर मस्जिद के झगड़ों का निपटारा करने के लिए भी संविधान जरूरी है। ©Vijay Vidrohi #संविधानजरूरीहै
LOL
कुर्सी के चक्कर में जनमत को दूर खदेड़ के रख दिया सियासत तेरे सिपह-सालारों ने संविधान उधेड़ के रख दिया! ©KaushalAlmora #महाराष्ट्र का ड्रामा! #सियासत #चारदिनकीचांदनी #yqdidi #संविधान #रोजकाडोजwithkaushalalmora #संविधानदिवस #365days365quotes
#महाराष्ट्र का ड्रामा! #सियासत #चारदिनकीचांदनी #yqdidi #संविधान #रोजकाडोजwithkaushalalmora #संविधानदिवस #365days365quotes
read moreSumitGaurav2005
नेहा उदय भान गुप्ता😍🏹
जो जीवन का सार हैं, जिसको जानता हैं जग सारा। आज उदय दुलारी नेह बताएगी, संविधान की गाथा। बहुत पुरानी बात हैं, आजादी का जब बजा बिगुल था। चारों तरफ खुशी का माहौल, पर कुछ तो कमी था। कौन कैसे कहां से शुरुवात करें, था यें प्रश्न गंभीर। तब आएं बाबा भीमराव, बनकर भारत का वीर। 58 देशों का भ्रमण किया, किया वहां की बातों का अध्यन। करके एक सभा गठित, होने लगा फ़िर संविधान पर मंथन। 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय, बन तैयार हुआ हमारा संविधान। 299 लोगों ने लिखा इसे, स्थाई अध्यक्ष बनें राजेन्द्र प्रसाद। 26 जनवरी 1950 को, लागु हुआ हमारे संविधान का विधान। तबसे हर वर्ष 26 नवंबर को मनाया जाता संविधान दिवस। सबसे बड़ा लिखित संविधान ये, सब कुछ का इसमे विधान। बाबा भीमराव ने हर वर्ग के लिए इसमें किया है प्रावधान। है इसमें एक उद्देशिका सम्मिलित, 448 हैं इसमें अनुच्छेद। 12 अनुसूची सम्मलित इसमें, संविधान में हैं 25 भाग।। 5 अनुलग्नक इसमें समलित, 125 हुए अभी तक संशोधन। धर्म निरपेक्ष शब्द जोड़ा गया, करके अलग संशोधन। एकता अखंडता का प्रतीक, मूल कर्तव्यों का हैं समावेश। सभी वर्णों का मूल अधिकार इसमें, इसमें नहीं कोई द्वेष। नीति निदेशक तत्व की, बात हैं सबसे प्यारी। बच्चों से लेकर बूढों तक, रक्षा करती ये हमारी। 26 जनवरी का दिन हैं इतना प्यारा, कैसे करूं मैं इसकी बखान। इसी दिन दिए जाते हैं, भारत रत्न, पद्म भूषण आदि सम्मान। #नेह_की_गाथा #NUBGupta #संविधान_की_गाथा
#नेह_की_गाथा #NUBGupta #संविधान_की_गाथा
read moreनेहा उदय भान गुप्ता
जो जीवन का सार हैं, जिसको जानता हैं जग सारा। आज उदय दुलारी नेह बताएगी, संविधान की गाथा। बहुत पुरानी बात हैं, आजादी का जब बजा बिगुल था। चारों तरफ खुशी का माहौल, पर कुछ तो कमी था। कौन कैसे कहां से शुरुवात करें, था यें प्रश्न गंभीर। तब आएं बाबा भीमराव, बनकर भारत का वीर। 58 देशों का भ्रमण किया, किया वहां की बातों का अध्यन। करके एक सभा गठित, होने लगा फ़िर संविधान पर मंथन। 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय, बन तैयार हुआ हमारा संविधान। 299 लोगों ने लिखा इसे, स्थाई अध्यक्ष बनें राजेन्द्र प्रसाद। 26 जनवरी 1950 को, लागु हुआ हमारे संविधान का विधान। तबसे हर वर्ष 26 नवंबर को मनाया जाता संविधान दिवस। सबसे बड़ा लिखित संविधान ये, सब कुछ का इसमे विधान। बाबा भीमराव ने हर वर्ग के लिए इसमें किया है प्रावधान। है इसमें एक उद्देशिका सम्मिलित, 448 हैं इसमें अनुच्छेद। 12 अनुसूची सम्मलित इसमें, संविधान में हैं 25 भाग।। 5 अनुलग्नक इसमें समलित, 125 हुए अभी तक संशोधन। धर्म निरपेक्ष शब्द जोड़ा गया, करके अलग संशोधन। एकता अखंडता का प्रतीक, मूल कर्तव्यों का हैं समावेश। सभी वर्णों का मूल अधिकार इसमें, इसमें नहीं कोई द्वेष। नीति निदेशक तत्व की, बात हैं सबसे प्यारी। बच्चों से लेकर बूढों तक, रक्षा करती ये हमारी। 26 जनवरी का दिन हैं इतना प्यारा, कैसे करूं मैं इसकी बखान। इसी दिन दिए जाते हैं, भारत रत्न, पद्म भूषण आदि सम्मान। #नेह_की_गाथा #NUBGupta #संविधान_की_गाथा
#नेह_की_गाथा #NUBGupta #संविधान_की_गाथा
read moreMd. Javed Saudagar
परिंदों सी आज़ादी जो, इख़्तियार-ए-दौलत है, आज वो इसी, तहरीर-ए-क़िताबत की बदौलत है.! Comp. By javed...✍🏻 ©Md. Javed Saudagar #संविधानदिवस