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Aroush Kumar
Alone थोड़ा ज्ञान और कुछ किस्मते आप लेना खामोशी के पीछे का बवंडर भाप लेना, तजुर्बे की बात क्या करते हो जनाब ! आने से पहले ज़रा शहर में मेरा नाम जान लेना। @MOHIT @मोहित
@मोहित
read moreAroush Kumar
शब्दों को मिठास बनाकर दिल जोड़ने का काम करते हैं, “ मोहित "नाम है मेरा सबको मोह लेने का काम करते है। #मोहित
Aroush Kumar
#PulwamaAttack शब्दों को मिठास बनाकर दिल जोड़ने का काम करते हैं, “ मोहित "नाम है मेरा सबको मोह लेने का काम करते है। @मोहित
@मोहित #PulwamaAttack
read moreMohit Sharma
क्यों होती है,ख्वाहिसे इस जमाने में ।उमरे बीत जाती है लोगों को मनाने में । हमें मालूम है कोई नहीं सुनता किसी की। फिर क्यों उम्मीद,करते है लोग इस जमाने में । मोहित
मोहित
read moreAroush Kumar
मैं मछली हूं , दरिया छोड़ दूंगा मैं पागल थोड़े ना हूं , जो मकान बनाया और तोड़ दूंगा ये तो मेरे जज़्बात है जो मैं लिख देता हूं , वरना मैं पागल थोड़े ना हूं जो जीना छोड़ दूंगा । @MOHIT @मोहित
@मोहित
read moreAroush Kumar
कभी छूटे ना तेरा मेरा साथ रब से ये दुआ मांगना है, चल आज मुझे तेरा TEDDY बनना है। तेरे मेरे प्यार के बीच ये जो मोहब्बत_ए_इश्क़ का समुंदर है, मुझे उसमें डूबना है , चल आज मुझे तेरा TEDDY बनना है।। _@MOHIT #@मोहित
#@मोहित
read moreMohit ranjan
धीरे धीरे से मेरे ज़िन्दगी में धीरे धीरे से मेरे ज़िन्दगी में बहार आई थी, एक हवा का झोंका आया सबकुछ उड़ा ले गया! मोहित
मोहित
read moreMohit Sharma
सुना है आज समंदर को बड़ा गुमान आया है उधर् ही चलो कश्ती जहां तूफान आया है मोहित
मोहित
read moreMohit Mishra
*बिना कहे जो सब कुछ* *कह जाते हैं* *बिना कसूर के जो सब कुछ* *सह जाते हैं* *दूर रह कर भी अपना फर्ज* *निभाते हैं* *वही रिश्ते सच में अपने* *कहलाते हैं* मोहित मिश्रा
मोहित मिश्रा #विचार
read moreमोहित कुमार
बेशर्त दोस्ती तुम जो होती तो, मैं गाँव का जोहड़ होता, खेतों में चने का खार, सावन और भी होता सुहाना, मैं दौड़ पाता पगडंडीयों पर तुम जो होती तो, मैं बादल होता, बरसता बंजर खेतों में, बिखेरता रंग प्यार के, लगाता गुलाल नर्म गालों पर तुम जो होती तो, सरपट दौड़ता गलीयों में, गुनगुनाता प्यार के नग्में, ताकता दरिचों से हरियाली, देखता मैं भी हसीं ख्वाब़ तुम जो होती तो, लड़ता मैं भी नाउम्मीदी से, बारिशों में भीगता भी, हवाओं से शर्त भी लगाता, बुनता इक आसियाना तुम जो होती तो, पर जब तुम हो ही नहीं तो किस से कहूं कि मैं सूख चुका हूँ मुझे नमीं चाहिए तुम जो होती तो, छिपकर रोता तुम्हारी जुल्फों में, बच्चों सा लिपट जाता तुमसे, तुम्हारे दुपट्टे से पोंछता आँसू, फिर खिलखिलाकर हँसता तुम जो होती तो, पर जब तुम हो ही नहीं तो क्या कहें कहते तुम जो होती तो।। ----- मोहित कुमार मोहित कुमार
मोहित कुमार
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