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SP
आला तो परत घेऊन ती रिमझिम बरसात त्या सोबत झाली सुरू ती वादळ वेडी रात.... झाडे झुडपे हलू लागली सुटला तो वारा सोसाट जीव सारे भांभरून गेले झाली मनाची हुरहूराट.... आसमंत गीलबलू लागला शांत झाला पाखरांचा किलबिलाट मेघराजा ओसंडत होता त्यात विजेचा कडकडाट.... डोंगर दऱ्या चमकत होत्या चमकत होते गगन सारे काळ्याभोर त्या नभान मागे फितूर झाले चंद्र तारे.... त्या गडद कळ्या अंधार रात्री धडकी भरली होती मनात हळू हळू सारे शांत झाले सरली ती वादळवेडी रात.....(२) वादळवेडी रात.....🌃 #Marathi poem #nojoto #poems #marathi
Shubhankar Bhagwat
क्षणभरासाठी वाटते असेच आयुष्य असावे आणि आयुष्य झटून टाकतों अश्याच क्षणांसाठी #मराठी #marathipoems #marathi #poems #kavita
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read moreAkshay G. Deshmukh
मनमोकळ्या मनाचा राजा तू मैत्रीचा प्राणही तू ,प्राणाचा सार्थकी जन्मही तू। वैविध्यपूर्ण आयुष्याच रान तू मैत्रीचा लक्षही तू, लक्षाचा अचूक नेमही तू। संगीतातील निरागस राग तू मैत्रीचा सूरही तू, सुरांच्या संगतीचा तालही तू। आयुष्याच्या लेखणीचा परिपाठ तू मैत्रीचा शब्दही तू, शब्दांत दडलेला अर्थही तू, मैत्रीच्या प्रेमाचा आधार तू मैत्रीचा आकाशही तू, आकाशतुन दिसणारा सागरही तू। प्रत्येक समस्येचा मार्ग तू मैत्रीचा आदिही तू, आदिचा अक्षय काळही तू । :-अक्षय देशमुख❣ #trending #marathi #poems #shayari #quotes #love @prem #kavita #brother
Susan Naga
बेलामै सुन लगाउन सकेको भएपो आजको आपूर्ति सुन बेचेर हुन्थ्यो होला तर गुण लगाएको थिए त्यो गुणले न तोक्नु न बोक्नु भयो ©Susan Naga ओके छ त #Love
ओके छ त #Love
read moreshubham hirode
इश्क मोहब्बत प्यार की बातें तुम्हें करनी नहीं है। तो क्या? ये इश्क है या फिर कुछ भी नहीं है। इश्क-ए-समंदर की गहराइयों में डूब कर चाहने लगा हूं। तुझको को जानती हो क्या? तू कभी मेरे इश्क के समंदर में उतरी है क्या? मेरी उम्र कुछ ऐसी है प्यार में हो जाए नादानियां कुछ वैसी है कमबख्त ना कि कोई नादानियां संभल कर रखा है अपने वैशे को। तुझको तो ना अब करनी है नादानी ना शादी के बाद करनी है महा नादानियां। क्या कहु तेरे ऐसे रवविये को गंभीर वक्त पर भी कहां है तूने न जाने कैसे अल्फाज को टूट चुका था दिल से गिर रहे थे आंसू मर रहा था घुट घुट कर फिर भी ना कहा तूने वह सच ऐसा क्या मिला तुझको? झूठे अल्फाजों सी दस्तानों से नीचे गिराया है तुमने अपने ही आपको। तेरा झूठ कोई चतुराई या उमन्दा बात की कोई कहानी नहीं है। तू गिर रही थी मेरी नजरों में तुझको ये पता ही नहीं हैं। वो जो चाहता था तुझको टूट कर वो तो कब का मर चुका है जाने जा। वो जो हुआ करता था उसके अंदर अब वो ही मैं हूं सुना तो होगा ही। मेरे कमीनापन के बारे में उसकी जुबान से याद नहीं कोई बात नहीं अब तुम भी हमको याद नहीं। जोर न दो दिमाग की नसों पर तुमने ही कहा हैं छोड़ दो मुझको। तो सुनो तेरा हुकुम सर आंखों पर। त
त
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