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Stories related to वाचालता

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Author Munesh sharma 'Nirjhara'

जो ज्ञात हो अज्ञात रहे मन में कहीं सुप्त चुप रहे सहमा-सा दुबका रहे कुलबुलाये कुछ #प्रेम #yqhindi #bestyqhindiquotes #mनिर्झरा #तुम्हारे_ख़्याल_और_मैं

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जो ज्ञात हो
अज्ञात रहे
मन में कहीं
सुप्त चुप रहे

सहमा-सा
दुबका रहे
कुलबुलाए कुछ
फिर ठिठका रहे

अधीर, व्यग्र
वाचालता को
उत्सुक रहे

स्वयं ही
डरा धमका-सा
बेजान
बैठा रहे

सच में
प्रेम किसी
नादान बालक-सा
उत्सुक,चंचल
क्षण में शांत रहे!
🌹 जो ज्ञात हो
अज्ञात रहे
मन में कहीं
सुप्त चुप रहे

सहमा-सा
दुबका रहे
कुलबुलाये कुछ

Unconditiona L💓ve😉

"इस मौन के पीछे के प्रेम को व इस वाचालता के पीछे के दर्द को क्या कभी कोई समझ सकता हैं " ....!!??..💞🌸💞🌸💞 बस यूँ ही, महज एक ख्याल... 🌸😊🌸 ≈≈ #yqdidi #lovepain #YourQuoteAndMine #कुछ_भी #राधा #कान्हा #अल्फ़ाज़_प्रेम_के_प्रेम_से_तुम_तक❤😇

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कुछ मौन धारण कर लेती है वह प्रेम,
ताकि प्रेम कलिकाएं करे उन्मुक्त वाचाल!
💞💞
वही प्रेम कलिकाएं हो जाती है मौन
ताकि उन्मुक्त प्रेम को बाँध कर सकें भूचाल.!!
  "इस मौन के पीछे के प्रेम को व इस वाचालता के पीछे के दर्द को क्या कभी कोई समझ सकता हैं " ....!!??..💞🌸💞🌸💞

बस यूँ ही, महज एक ख्याल... 🌸😊🌸

≈≈

Author Munesh sharma 'Nirjhara'

कोई सीमा नहीं... हे मानव... तेरे तेज़ की सूर्य से ओज़ की धरा से धैर्य की समुद्र-सी गहराई की आकाश-सी ऊँचाई की पर्वत से ठहराव की #yqdidi #YourQuoteAndMine #सीमानहीं

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कोई सीमा नहीं...
हे मानव....



कैप्शन में पढ़ें...
मुनेश शर्मा मेरी✍️🌈 कोई सीमा नहीं...
हे मानव...
तेरे तेज़ की
सूर्य से ओज़ की
धरा से धैर्य की
समुद्र-सी गहराई की
आकाश-सी ऊँचाई की
पर्वत से ठहराव की

Author Munesh sharma 'Nirjhara'

पुरुष ... सृष्टि के आरम्भक हो तुम श्रृद्धा के संग सृष्टि रचयिता हो तुम मन:विकारों के उत्प्रेरक हो तुम उत्साह;जोश से प्रेरित हो तुम...! पुरु #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine

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पुरुष तुम...
सृष्टि के आरम्भक हो....

कैप्शन में पढ़ें...🌈💞 पुरुष ...
सृष्टि के आरम्भक हो तुम
श्रृद्धा के संग सृष्टि रचयिता हो तुम
मन:विकारों के उत्प्रेरक हो तुम
उत्साह;जोश से प्रेरित हो तुम...!

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