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Parasram Arora
White मुझ जैसे सीधे सरल आदमी को अपने मे डुबो कर ये बेहया दरिया कितना इतरा रहा है काश मुझे डुबोने से पहले वो दरिया खुद चुल्लू भर पानी मे डूब मरता ©Parasram Arora बेहया
बेहया #कविता
read moresajal jain
भाई आज छेड़ना मत आंखों में शराब भर के आये है दिलजला कहना शुरू करदो मुझे आज उस बेवफा को तलाक दे के आये हैं #बेहया
अंजान
बेहया हो गयी है जमाने की मुहब्बत भी! एक से खत्म दूसरे से शुरू हो जाती है!! अंजान #बेहया
gumnaam_writer011
रोते रहे हम उस बे-हया के सामने... हाथ जोड़ अपनी मोहब्बत को गिड-गिड़ाते रहें।। और एक वो थे जो हंसते रहे हमारे ऊपर... भरी महफिल मेरी मोहब्ब्त का मजाक बनाते रहें।। अफसोस होता हैं आज बड़ा हमे ये बात सोचकर... के हम किस तरह के शख्स पर अपना सब कुछ गवाते रहें।। बस अब सुनाते है अपनी कहानी कुछ शब्दों के सहारे... लोगों का क्या था बस सुनते रहें और तालियां बजाते रहे।। ©gumnaam_writer011 #बेहया
AhMeD RaZa QurEsHi
वो क्या करेंगे प्यार जो नज़रे लडाते है नज़रे ही बेहया है इश्क़ खाक करेंगे #AhMeD_RaZa_QurEsHi #बेहया #MiyA
#बेहया #miya #AhMeD_RaZa_QurEsHi
read moremaddylines
के टूटता है दिल कैसे कैसे वक़्त् का ह्र्र् तजुर्बा ज़रूरी है।। एक में भी वही, हज़ारों में भी वो है आईने का इसलिए टूटना ज़रूरी है।। गुलाब, चमेली हो या हो गेंदा फूलों का बस महकना जरूरी है।। उम्र का क्या, उम्र बस एक छलावा है मोहब्बत में सिर्फ बहकना ज़रूरी है।।— % & बेहया इश्क़
बेहया इश्क़
read moreAnkit Singh (Prince)
नफ़रत इस कदर आशिकी में वहशत होने लगी मोहब्बत के नाम पर तिजारत होने लगी तराश कर पत्थर मैंने खुदा बनाया तुझको मेरे बदौलत मेरे खुदा तेरी इबादत होने लगी खूबसूरत थी तो बिकने पर उतर आई अबतो सारे शहर में तेरे हुस्न की दहशत होने लगी दुनिया में मुझ को चाहने वाले तो कम ना थे आखिर क्यों मुझे बेवफाओं की चाहत होने लगी सोचा था साथ रहकर मोहब्बत सीख जाओगी ना जाने क्यों पागल दिल को ऐसी हसरत होने लगी अब क्यों ना रहे मलाल जमाने से मुझको जमाने में बेहयाई की जब इज्जत होने लगी जब से उतरा है तेरे शराफत का मुखौटा अंकित मुझेे अपने आप से नफरत होने लगी #नफरत #बेवफा #बेहया
Asad_Poetry_25
बेशरम कहूं, बेवफा कहूं, बेहया कहूं उसे फितरत है उसकी बता क्या क्या कहूं उसे गलीज़ कहूं, गम्माज़ कहूं, गद्दार कहूं उसे आदत है उसकी बता क्या क्या कहूं उसे आंसू है, दर्द है, तड़प है, गम है, जख्म है दिल में खलिश है सजा क्या क्या दूं उसे मोहब्बत है,चाहत है,राहत है,इबादत है मेरी जुबां से अदावत है दिल से खुदा कहूं उसे खुशी है, हंसी है, सुकूं है, चैन है, जन्नत है "असद" तू ही बता क्या क्या दुआ दूं उसे ©Asad Azam बेशरम,बेवफा,बेहया
बेशरम,बेवफा,बेहया
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