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Durgesh Yadav
जीवन की वास्तविक सच्चाई "वास्तविकता" में ही है... ©Durgesh Yadav व्यक्तिगत मत... व्यक्तिगत विचार... #AWritersStory
व्यक्तिगत मत... व्यक्तिगत विचार... #AWritersStory
read moreDiwan G
जिन्हें डायरी रखने का शौक होता है। उन्हें शायरी लिखने का शौक होता है।। Fantasy Writer® डायरी के पन्ने #डायरी #शायरी
Sabir Khan
#2YearsOfNojoto तटस्थ जीवन, अविवादित छवि, मौनानुकूलता, सादगी और अहिंसक प्रवृति आदर्श जीवन हो सकता है, परंतु आपकी यहीं जीवन प्रणाली आपके शत्रुओं को आपके विरुद्ध मजबूत बनाती है। जीवन का पन्ना plane नहीं हो, कुछ तो background जैसा हो। व्यक्तिगत मत😜 व्यक्तिगत मत
व्यक्तिगत मत #2YearsOfNojoto
read moresilent pen
तेरी शिकायतों के किस्से अगर डायरी के पन्नों से निकाल कभी लिखने बैठ जाऊँ, तो किताब बन जाए | डायरी #डायरी #yqbaba #yqdidi #poem
BINODINI MAHAPATRO
कुछ अनकहे एहसास , कुछ बिन बोले बात। लगता है बहुत खास , उलझते हुए कुछ जज़्बात।। #डायरी
SONGWRITER DURGA KRISHNA
वैसे जो जिन अच्छे और बुरे लम्हों को जीता है, उन सभी बातों को बहुत से लोग अपनी यादों को कैद करने के लिए कलम से डायरी में लिख देते है। ©SONGWRITER DURGA KRISHNA डायरी
डायरी #विचार
read moreArchana Chaudhary"Abhimaan"
अश्क बेचते है लोग भावनाओ से खेलने को। दर्द देते है लोग खुद का वजूद बचाने को। इस जहां में खुदा ने जीवन मुफ्त दिया अपनो को ही बेच देते है लोग आशियाना अपना बनाने को। #डायरी
VISHNU DEV SHUKLA
❣️❣️❣️Meri khwaisho wali diary Me hr panne pr nam tumhara likha hai maine Sirf ye soch kr ki agr kbhi koi khwaish puri hui toh tum jrur mil jaogi❤️❤️❤️ ©VISHNU DEV SHUKLA डायरी
डायरी #विचार
read moreDeepak Singh
रात भर बारिश हुई। जब रात भर बारिश होती है तब बारिश मेरी खिड़की से भीतर अा जाती है। बिना मुझसे पूछे कि क्या मैं अंदर अा सकती हूं? जैसे इसे मालूम हो कि मैं इसकी ही प्रतीक्षा में हूं। मैं किसकी प्रतीक्षा में हूं? तुम्हारी या बारिश की, या फ़िर ख़ुद की। कोई उत्तर नहीं मिलता। कभी कभी आदमी ख़ुद को ही कोई उत्तर नहीं दे पाता है। शायद उत्तर देना ही नहीं चाहता हो - जैसे उत्तर मिल जाने पर वो भड़भड़ा कर गिर जाएगा। मिट्टी का शरीर कमज़ोर ही तो होता है। इतना कमज़ोर कि तुम्हारी याद का एक झोंका मुझे उड़ा दे। उड़ा कर पटक दे किसी रेगिस्तान में। मैं तुम्हारे प्रेम का प्यासा रास्ता भटक गया हूं। मिलों पैदल चलने के बाद थकान मेरी आंखों में उतर आई है। ओ मेरी मंज़िल, मुझे रास्ता दिखा दो। एक बूंद प्रेम बांध दो मेरी पीठ पर। मैं नदी बन जाऊंगा फ़िर मर जाऊंगा एक प्यासी मौत। कौन जानता है, नदी की मौत प्यास से हुई थी। बारिश ने मन के साथ साथ बिस्तर भी गीला कर दिया। "कितनी बार कहा है खिड़की बन्द करके सोया करो। लापरवाह कहीं के!" तुम्हारी ये बात बहुत याद आती है। •••••••••••••••• #डायरी #डायरी