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नवनीत ठाकुर
White रिश्तों का मकां पत्थरों से नहीं बनता, भरोसे के बिना ये कभी नहीं टिकता। झूठ की दरारें जो इसमें पड़ जाएं, तो हर एहसास रेत में धीरे-धीरे सिसकता। प्यार से सींचो, तो ये फूल खिलते हैं, वरना हर रिश्ता कांटे जैसा चुभते हैं। प्यार से सींचो, तो ये अमर हो जाते हैं, वरना ये जख्म बनकर सदा रुलाते हैं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर रिश्तों का मकां पत्थरों से नहीं बनता, भरोसे के बिना ये कभी नहीं टिकता। झूठ की दरारें जो इसमें पड़ जाएं, तो हर एहसास रेत में धीर
#नवनीतठाकुर रिश्तों का मकां पत्थरों से नहीं बनता, भरोसे के बिना ये कभी नहीं टिकता। झूठ की दरारें जो इसमें पड़ जाएं, तो हर एहसास रेत में धीर
read moreसंस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु
White मातामही मातामहः ग्राम: अहं तत् क्षणं बहु मधुरं मन्ये यः ग्रामे निवसति स्म पन्थाने कृषिक्षेत्राणि,कोष्ठानि च गृहीतः, मया सः क्षणः वास्तवमेव अतीव मधुरः इति ज्ञातम्। पूर्वं यदा मम मातामही मातामहः ग्रामः अहं बाल्यकाले गच्छामि स्म, हिन्दी अनुवाद नाना नानी के गांव वो क्षण ही बड़ा प्यारा लगा करता था जो गांव में बिता करता था पगडंडी पर खेत खलिहानों का जायजा लिया जाता था, सच वो क्षण बड़ा ही प्यारा लगा करता था जब नाना नानी के गांव बचपन में जाना हुआ करता था, ©संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु स्वलिखित संस्कृत रचना हिन्दी अनुवाद सहित शीर्षक नाना नानी के गांव मातामही मातामहः विधा विचार भाव वास्तविक #Trending #wellwisher_taru #Po
स्वलिखित संस्कृत रचना हिन्दी अनुवाद सहित शीर्षक नाना नानी के गांव मातामही मातामहः विधा विचार भाव वास्तविक #Trending #wellwisher_taru Po
read moreनवनीत ठाकुर
वक्त की रेत हाथों से यूँ फिसलती रही, हर पल में एक नई तलाश, जीने की राह चली। छोटी सी जिंदगी, एक बड़ी सी दास्तान बन गई, कुछ खोने के बाद ही, उसकी असली कीमत समझी हमने। वक्त ने सब कुछ छीन लिया, पर बहुत कुछ सिखा भी दिया, हर ख्वाब के पीछे, गहरे दर्द का ग़म छुपा हुआ मिला। वक्त ने छीना, मगर आईना भी साफ़ दिखा गया, जो मिला था, उसे संभालना हमें सिखा गया। ©नवनीत ठाकुर #वक्त की रेत हाथों से यूँ फिसलती रही, हर ख्वाब के पीछे, गहरे दर्द का ग़म छुपा हुआ मिला।
#वक्त की रेत हाथों से यूँ फिसलती रही, हर ख्वाब के पीछे, गहरे दर्द का ग़म छुपा हुआ मिला।
read moreSatish Kumar Meena
White रेत के समंदर में रहकर जीना उनसे पूछो जो एक एक बूंद पानी की कीमत जानता है। ©Satish Kumar Meena रेत का समंदर
रेत का समंदर
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