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BS NEGI
White स्वयं की खोज में हूँ, शांत एवं मौन मैं हूँ, पथिक हूँ सत्यपथ का, मैं स्वयं में ही व्यस्त हूँ! ©BS NEGI व्यस्त हूं
व्यस्त हूं
read moreSatish Kumar Meena
अकेले बैठ कहीं, ऐसा सोच रही हूं। दुनियां की बदली तस्वीर, नोंच रही हूं।। मुझे लगा हालात, वक्त आने पर सुधर जाएंगे। अपने किरदार को, एक उदाहरण से निभाएंगे। मैं फिर से पुरानी तस्वीर, खरोंच रही हूं। दुनियां की बदली तस्वीर, नोंच रही हूं।। ©Satish Kumar Meena सोच रही हूं
सोच रही हूं
read moreAshok Verma "Hamdard"
White आदतें मुझमें भी बुरी हैं, मगर, दिल में नफरत के शोले जलाता नहीं हूं। जो भी मिला, भगवान का करम है, दूसरों का देख कर ललचाता नहीं हूं। मंज़िलें दूर सही, हौसले मेरे बुलंद हैं, गिरता हूं, मगर उठकर संभल जाता हूं। चमकती दुनिया पर नज़र डाल लेता हूं, पर खुद को बेवजह बदलता नहीं हूं। जिंदगी के सफर में सबक सीखे हैं, अपने हिस्से की खुशी चुराता नहीं हूं। दूसरों की राहें, उनकी मेहनत है, किसी की तकदीर से जलता नहीं हूं। जो मिला उसे शुक्रिया अदा करता हूं, शिकायतों के पुलिंदा संभालता नहीं हूं। सच की राह पर चलने की आदत है, जूठे लिबास में कभी ढलता नहीं हूं। ©Ashok Verma "Hamdard" जलता नहीं हूं
जलता नहीं हूं
read moreहिमांशु Kulshreshtha
जी करता है कुछ अल्फ़ाज़ लिख दूँ तुम पर सारी अदाओं को तेरी एक ही अशआर में रच दूँ तुम पर ये तेरी आंखों की मस्ती शोखी तेरे यौवन की चंद लफ्जों में बयां कर दूँ तेरे रूप की चमक बयान करें ऐसा कुछ लिख दूँ तुम पर ©हिमांशु Kulshreshtha लिख दूँ....
लिख दूँ....
read moreBhanu Priya
तू खुशबू कहे तो मैं गुलाब लिख दूं, तू पंखुड़ी कहे तो मैं डाल लिख दूं, तू सुंदर कहे मैं तो तेरा नाम लिख दूं, तू सुकून कहे तो मैं मुस्कान लिख दूं। ©Bhanu Priya #तू खुशबू कहे तो मैं गुलाब लिख दूं, तू पंखुड़ी कहे तो मैं डाल लिख दूं, तू सुंदर कहे मैं तेरा नाम लिख दूं, तू सुकून कहे तो मैं मुस्कान लिख दू
#तू खुशबू कहे तो मैं गुलाब लिख दूं, तू पंखुड़ी कहे तो मैं डाल लिख दूं, तू सुंदर कहे मैं तेरा नाम लिख दूं, तू सुकून कहे तो मैं मुस्कान लिख दू
read morechahat
White अपने आंसुओ को,छिपाने मुस्करा देती हूं। दिल में चुभती कोई बात,उसे छिपा लेती हूं।। किसी का दर्द ना बनूँ,सबको विश्वास बना लेती हूं। टूट जाती हूं कांच सी,बिखर के फिर सिमट जाती हूं।। कोई राह नहीं क्युकी,इसलिए बस निभाती हूँ। अपनी मंजिल तो पता है,पर ठहर जाती हूं।। ठहर जाती क्युकी कर्तव्यों से, बंधा पाती हूं। में वो डोर हूं,जो बस काट दी जाती हूं।। कभी अच्छी कभी बुरी की परिभाषा बन जाती हूं। कभी बातों में कभी सोच में लिख दी जाती हूं।। मैं कहाँ खुद को खुद सा पाती हूं। अनपढ़ सी मै कहाँ किसी को पढ़ पाती हूं। शिल्पी हूं खुद मूर्ती बन गढ़ दी जाती हूं। आकार देकर कल्पनाओ का रंग दी जाती हूं।। शिल्पी जैन सतना ©chahat मुस्करा देती हूं
मुस्करा देती हूं
read moreseema patidar
White शब्दों के श्रृंगार को सजाए रखना भावनाओ को अपनी बहाते रहना विचारो को स्वछंद आसमान में मुक्त रखना कलम की लिखावट को रुकने न देना हम सब जानते है जिंदगी आसान नहीं है न तुम्हारे लिए ,न मेरे लिए ,न सबके लिए फिर भी एकांत को छोड़ लोगो के साथ को चुनना कई नए आयेंगे पुराने खो जायेंगे पर दोस्तो की जगह दिल में महफूज रखना तुम जैसे भी थे ,हो,बेमिसाल रहे अपनो के लिए बहुत ज्यादा पाने की चाह में खुद को मत खो देना चलना जरूर समय की रफ्तार के साथ पर खुद को हमेशा संभाले रखना जैसे हो बस वैसे ही रहना । ©seema patidar रही जिंदगी तो .........
रही जिंदगी तो .........
read moreमिहिर
White जब कभी कुछ कह नहीं पाता उसे लिख देता हूं जब बेचैनियां बातों से आंखों से बह नही जाता जो रह जाता है उसे लिख देता हूं भागती दुनिया में कभी लगता है पहाड़ या पेड़ हो गया हूं अपनी जड़ता लिख देता हूं या फिर कभी लगता है नदी या हवा सा बह रहा हूं तो उस बहाव को लिख देता हू जब अंदर और बाहर सिर्फ खामोशी हो तो उस खामोशी के शून्य को लिख देता हूं जब खोने पाने की बीच कही उलझा होता हूं तो उलझन को कही लिख देता हूं खुद से खुद को समझता रहूं समझाता रहूं इसलिए सब कुछ लिख देता हूं ।। ©मिहिर लिख देता हूं
लिख देता हूं
read moreAnuradha T Gautam 6280
#थक_चुकी_हूं लिखते-लिखते थक चुकी हूं #लिखते_लिखते अब #सोच रही हूं कि किसी #लिखने_वाले_को_पकड़_लूं..🖊️ अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻♀️
read moreNitu Singh जज़्बातदिलके
ख़ुद से ख़ुद की तलाश अब ज़ारी है खुद से खुद के लिए जीना अब सीख रही हूं खुद से खुद की तलाश अब समय निकाल रही हूं जिंदगी के हर पहलू में खुद को ढाल रही हूं खुद की खुशी अब पहले सबसे रखना चाहती हूं ©Nitu Singh जज़्बातदिलके ख़ुद से ख़ुद की तलाश अब ज़ारी है खुद से खुद के लिए जीना अब सीख रही हूं खुद से खुद की तलाश अब समय निकाल रही हूं जिंदगी के हर पहलू में खुद
ख़ुद से ख़ुद की तलाश अब ज़ारी है खुद से खुद के लिए जीना अब सीख रही हूं खुद से खुद की तलाश अब समय निकाल रही हूं जिंदगी के हर पहलू में खुद
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