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khem karan
खेम करण कश्यप कांग्रेस पार्टी कोऑर्डिनेटर
खेम करण कश्यप कांग्रेस पार्टी कोऑर्डिनेटर #nojotophoto
read moreManojkumar Srivastava
कांग्रेस पार्टी ने महाराष्ट्र के तेजतर्रार ,दिग्गज नेता संजय निरुपम को पार्टी से निष्कासित किया और वामपंथ से कांग्रेस पार्टी का दामन थामने वाले महान्,क्रान्तिकारी नेता,टुकड़े- टुकड़े गैंग के सदस्य- कन्हैया कुमार का टिकट कटा यानी वे लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पायेंगे! राहुल गाँधी की मोहब्बत की दुकान और भारत जोड़ो यात्रा का असर हो रहा है! ©Manojkumar Srivastava #sugarcandy #कांग्रेस पार्टी का बुरा हाल#
#sugarcandy #कांग्रेस पार्टी का बुरा हाल# #विचार
read moreEk villain
कांग्रेश के दिशाहीन ताको रेखा अंकित करते हैं इसी दिशाहीन ता से पार्टी की इतनी दुर्दशा हो गई है कि वह देश को दो राज्य की सत्ता तक सिमट कर रह गई है इसमें भी राजस्थान में बिल्कुल पंजाब का घटनाक्रम दोहराया जा रहा है जहां आंतरिक गुड बाजी और खींचातानी से पार्टी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा था और उसके मुख्यमंत्री से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक चुनाव हार गए थे लगता है कि कांग्रेस ने गलतियों से कोई सबक नहीं लिया और इसका पुनरावृति राजस्थान के राजनीतिक संकट को सुलझाने और आर्थिक आधार पर दिए आरक्षण के मामले में दोहरा रवैया में होती दिख रही है ©Ek villain #Travel #दुविधा से बाहर निकले कांग्रेस पार्टी
Ek villain
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस पर अपने भाषण में परिवारवाद पर जमकर प्रहार किया उन्होंने यह सही कहा कि एक राष्ट्रवाद भक्ति और दूसरे परिवार भक्ति है प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि केवल भाजपा ही ऐसी पार्टी है जो परिवारवाद के विरोध है इसमें कोई संदेह नहीं है कि देश में जो क्षेत्रीय पार्टियां हैं वह सब एक ही परिवार की बातों की है देश में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही राष्ट्रीय स्तर की पार्टी है कभी कांग्रेसका पूरा देश में जलवा था पार्टी भी परिवार के भंवर में फंसकर सत्ता से बाहर हो गई कांग्रेस के प्रबुद्ध जनता और कांग्रेस के समर्पण थी कार्यकर्ताओं को चिंता करना होगा कि क्या पार्टी गांधी परिवार की छाया छात्र से बाहर निकलकर अपनी स्थिति में सुधार कर सकती है कांग्रेस कोई ©Ek villain #कांग्रेस पार्टी को चिंतन की जरूरत #Love
Ek villain
इस पर हैरानी नहीं है कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक से पहले गांधी परिवार के समर्थक नेता उसके बचाव में सामने आ गए यदि ऐसा चाटुकार नेताओं की चाली तो कांग्रेसमें बदलाव मुश्किल होगा और अगर ऐसा हुआ तो सरलता में ही जाएगी पांच प्रांतों के चुनाव नतीजे यह बता रहे हैं कि कांग्रेसका भविष्य की हर अंधेरे में है इसका कारण गांधी परिवार की रीति नीति पिछले लोकसभा चुनाव के बाद राहुल ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद छोड़ा था तो उसके साथ प्रियंका गांधी ने कहा था कि अब पार्टी का कमान परिवार के बाहर का कोई नेता संभालेगा लेकिन इसके बाद भी सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष बन गई तब से वह न केवल इस पद पर काबिल है बल्कि उन नेताओं की अनदेखी भी कर रही है जो नए अध्यक्ष के चुनाव की मांग कर रहे हैं इस माह की अनदेखी के पीछे उनकी चाहत है कि राहुल पर्दे के पीछे से पार्टी संस्कृत करते रहे और प्रज्ञा के साथ मिलकर सारे बड़े फैसले करते रहिए फैसले कांग्रेसका किसी तरह घर के नाम से पांच प्रांतों के नतीजे इसके पहले बंगाल असम और केरल के नतीजे में कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फेरा था गांधी परिवार पर लिखी इबारत पढ़ने को तैयार है ना ही पार्टी के और ना ही सोच से बाहर निकाल पा रहे हैं शासन उसका अधिकार नहीं ©Ek villain #कांग्रेस पार्टी को डूबाता का परिवार #adventure
#कांग्रेस पार्टी को डूबाता का परिवार #adventure #Society
read moreEk villain
टूटती कांग्रेश आखिर क्या कारण है 1 दिन प्रतिदिन कांग्रेसी भी करती चली जा रही है और उसके शीर्ष नेतृत्व बेपरवाह नजर आते हैं जबकि कांग्रेस को अलविदा कहने वाले प्रत्येक नेता कार्यकर्ता का आरोप एक जैसा है नेतृत्व दिशाहीन और विचारधारा वहीं हो गया है ऐसे में सर्वप्रथम कांग्रेस नेतृत्व को चाहिए कि वह पार्टी जनों में ही पहले उत्साह भरने का काम करें जब तक वह ऐसा करने में नाकाम है तब तक कांग्रेस सत्ता तक पहुंचने की लड़ाई तो दूर विपक्ष की भूमिका का भी सही तरीके से आवान नहीं कर पाते पाएगी यही हो रहा है नीतीश जी जन पार्टियों को अपना भविष्य अंधकार में दिख रहा है इधर यही कारण है कि विपक्षी खेमे में प्रधानमंत्री पद के लिए अनेक दावेदार उभर कर सामने आ रहे हैं जिनके पास ना तो कोई राष्ट्रीय सोच है ना विचार तकनीकी तौर पर तो देश में करीब 5 राष्ट्रीय स्तर की पाठ्य है मगर वास्तव में दो ही भाजपा और कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है ऐसे में कमजोर कांग्रेसी का मतलब कमजोर और दिशाहीन विपक्षी है यह लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है ©Ek villain #कांग्रेस पार्टी में नेतृत्व का संकट क्यों टूट रही है कांग्रेस पार्टी मांग रहे हैं लोग जवाब #dost
Ek villain
जब उदयपुर अधिवेशन में कांग्रेस ने यह तय कर लिया था कि वह एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत पर चलेगी तब राहुल गांधी की ओर से यह स्पष्ट करने की आवश्यकता ही नहीं थी कि यदि अशोक गहलोत पार्टी अध्यक्ष बनते हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना होगा अच्छा होता है कि लगे हाथ वह भी हाथ साफ कर दे अशोक गहलोत के कांग्रेसी अध्यक्ष बनने की सूरत में सचिन पायलट राजस्थान के मुख्यमंत्री बनेंगे या नहीं पता नहीं सचिन पायलट मुख्यमंत्री बन पाएंगे या नहीं लेकिन राहुल ने जिस तरह कांग्रेस के भावी अध्यक्ष अशोक गहलोत की सीमाएं तय कर दी है उसे यही देखा किंतु होता है कि पार्टी की कमान कोई भी सामान ले वह उनके और परिवार के अन्य सदस्यों के हिसाब से चलने के लिए विवश होगा इसका एक अर्थ यह है कि परिवार शीर्ष पर बना रहे क्योंकि अशोक गहलोत ने केवल गांधी परिवार के पसंद बताया जा रहा है बल्कि ऐसे संकेत भी दिए जा रहे हैं कि इस परिवार के सबसे विश्व पात्र वही है इसलिए अध्यक्ष पद के लिए उन्हें होने वाले चुनाव की एक औपचारिकता ©Ek villain #परिवार और पार्टी कांग्रेस के लिए चिंता #diary
Ek villain
भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में प्रवेश से ठीक पहले राहुल गांधी की पहल पर बेशक अशोक गहलोत और सचिन पटियाल में समझौता कर दिया हो लेकिन दिल से समझौता नहीं लगता कारण गहलोत ने गद्दार निकम्मा और भाजपा से पैसे लेकर भागवत करने जैसे आरोप लगाए हैं सचिन पायलट ने फिर भी मर्यादा नहीं तोड़ी लेकिन अंदर से आहत तो अवश्य ही हुए होंगे यह कटु सच्चाई है कि केवल सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनने से रोकने के लिए ही उन्हें कांग्रेश अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी ठुकरा दी थी गहलोत के समर्थन में इसके आशय का प्रस्ताव पास करने से मना कर दिया था कि नेतृत्व परिवर्तन की स्थापना में अगले मुख्यमंत्री का फैसला सोनिया गांधी करेंगी ©Ek villain #DarkCity राजस्थान में मनभेद दूर करना होगा कांग्रेस पार्टी को
Ek villain
कांग्रेस संगठन के शीर्ष पर आधिकारिक रूप से कब्जा ना होकर भी गांधी परिवार पार्टी की कमान अपने ही हाथ में रखना चाहता है टिप्पणी में यह भी यथा अर्थ ही लिखा गया है कि पार्टी अध्यक्ष का चुनाव मात्र एक औपचारिकता की तरह है मानो इस पटकथा पहले से ही लिखी जा चुकी है और अब उसे बस राजनीतिक रंगमंच पर प्रस्तुत भर किया जा रहा है औपचारिकता इसलिए भी कि अभी तक तो अध्यक्ष पद के लिए ना मकान तक नहीं भरे गए लेकिन चुनाव लड़ने के इच्छुक शशि थरूर को लेकर गांधी परिवार के वफादार ओं ने जिस प्रकार का हमला बोला है उसे स्पष्ट है कि प्रथम परिवार की प्राथमिकता क्या है क्या यह पूरी की पूरी प्रक्रिया पक्षपात और पूर्व गृह से प्रेरित नहीं लग रही है यार था क्या कारण था कि चुनाव लड़ने से पहले ही रूरकी विरोधी हल्ला बोल दिया गया इतना ही नहीं अपने इतिहास के सबसे खराब दौर से गुजर रही कांग्रे स्कोर जिस कार्य कलाप की आवश्यकता है क्या अशोक गहलोत वह जादू करने में सक्षम हो सकेंगे ©Ek villain #कांग्रेस पार्टी में नए अध्यक्ष की औपचारिकता कौन बनेगा #alone
Ek villain
अशोक गहलोत समर्थक विधायकों की बगावत ने केवल कांग्रेस नेतृत्व पर विशेष रूप से गांधी परिवार की चाहत की ही नहीं कराई बल्कि यह प्रश्न खड़ा कर दिया कि क्या राजस्थान में पंजाब के रास्ते पर जाने वाला है इससे विचलित और कुछ है ही नहीं कि जो अशोक गहलोत गांधी परिवार के सबसे विश्वासपात्र काहे बताए जा रहे हैं उन्होंने ही इस की इच्छा के खिलाफ काम कर उसे नीचा दिखा हैरानी नहीं है कि इसके बाद उनका काग्रेस अध्यक्ष बनना मुश्किल हो जाएगा क्योंकि यह पहली बार जब गांधी परिवार की चाहत के खिलाफ किसी कांग्रेसी मुख्यमंत्री ने ऐसी खुली बगावत की यह राजस्थान गए कांग्रेस के पर्यवेक्षकों के इस कथन से स्पष्ट भी होता है कि गहलोत समर्थक विधायकों की ओर से समांतर बैठक करना अनुशासनहीनता ज्ञात हो कि इसकी बैठक में गहलोत समर्थक विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप यह संभव नहीं किए अशोक गहलोत की इच्छा के हुई है इसमें संदेश है कि कांग्रेस ने अनुशासनहीनता के खिलाफ कोई कार्रवाई कर सके तो कांग्रेसमें और तेज हो सकती है ©Ek villain #कांग्रेस पार्टी के अंदर मची खलबली किसे बनाया जाए मुख्यमंत्री #Hope