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भरत सिंह
मैं जब भी किताब लिखूंगा तो एक बात जरूर लिखूंगा की *प्रेम* अपनी *पराकाष्ठा* पर तब तक रहता है जब तक इजहार न हो, हम जितने वेग से एक-दूसरे के नजदीक आते हैं उतने वेग से दूर नहीं जा सकते, हमें मानसिक रूप से दूर जाने में जमाना लग सकता है हम सहमति के साथ खूबसूरत मोड़ पर रिश्ता खत्म नहीं कर सकते हैं, एक मुकम्मल इश्क को खत्म करने के लिए नफरत की पर्याप्त मात्रा चाहिए ही होगी मुझे अच्छे से यकीन है अगर तुम्हारे बच्चे हिंदी का होमवर्क करते वक्त तुमसे *नफरत का पर्यायवाची* पूछेंगे तो तुम्हें मेरा ख्याल जरूर आएगा @देवेन्द्र दांगी
@देवेन्द्र दांगी
read moreDevendra Malviya
रिस्क लेने से ही आप मंजिल तक पहुंच पाते है । देवेन्द्र मालवीय
देवेन्द्र मालवीय
read moredevendra shukla
आप को और आप के परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं एडवोकेट देवेन्द्र शुक्ला एडवोकेट देवेन्द्र शुक्ला
एडवोकेट देवेन्द्र शुक्ला
read moreDevendra Vijaure
-- कविता -- इंसानी जाति का कुछ तो लिहाज होना चाहिए। रहनुमाओं को नहीं इतना हैवान होना चाहिए। राष्ट्र निर्माता ही आज उपचार बिन मर जाते हैं, सब अधिकार भ्रष्ट तंत्र की भेंट चढ़ जाते हैं। हाकिमों के अंदर कुछ तो ईमान होना चाहिए।। कुछ तो कद्र कर उसके नन्हें बच्चों और परिवार की, नहीं रहा अब वह जिससे उन्हें आस थी। चमन को नहीं इस तरह शमशान करना चाहिए।। कवि,लेखक,पत्रकार,समाजसेवी और चित्रकार, अगर करें कोई सवाल तो दंड मिलना चाहिए। यही आका का फरमान है,चंद अमीरों का जो दरबान है। सत्ता का नहीं किसी को इतना अभिमान होना चाहिए।। मुल्क में चैनो अमन और बराबरी का राज हो, जहां शिक्षा,स्वास्थ्य और रोजगार सबका अधिकार हो। ऐसे समाज का अब निर्माण होना चाहिए।। ©Devendra Vijaure देवेन्द्र कविता #Darknight
देवेन्द्र कविता #Darknight
read moreARVIND KUMAR
विचार --------------------- जिन्दगी का हर एक छोटा हिस्सा ही, हमारी जिदंगी की सफलता का बड़ा हिस्सा होता है ! ©Arvind Kumar सफलता का अर्थ!
सफलता का अर्थ! #विचार
read moreनागेंद्र किशोर सिंह ( मोतिहारी, बिहार।)
जीवन का अर्थ ..........…........... इस पृथ्वी पर मानव आता है, जीता है,चला जाता है। लेकिन जीने का अर्थ कम ही लोग समझ पाते हैं। जिस जीवन में दया,क्षमा,परोपकार न हो उसका कोई अर्थ नहीं होता।त्याग भी जीवन का एक अभिन्न अंग है। लेकिन समय, काल और परिस्थिति के अनुसार कब किसका त्याग करना उचित होगा इसका भी ज्ञान होना बहुत जरूरी है। सुमार्ग पर चलना,कल्याणकारी काम करना ही जीवन का अर्थ होता है। ©नागेंद्र किशोर सिंह ( मोतिहारी, बिहार।) # जीवन का अर्थ।
# जीवन का अर्थ। #विचार
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