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Gk & Motivations
ध्वनि प्रदूषण को मापने की इकाई क्या है। 🔊🔊||Gk Questions in Hindi||👈👈🏼👈 #Knowledge
read moreChandra Prakash
"मां" इस शब्द को मापने के लिए ना बना कोई पैमाना जब दुनिया से होता हूं परेशान तेरे आंचल में ही मिलता है आशियाना
read moreAnjali Singhal
प्रेम को पाना कहाँ सरल है!! यदि प्रेम की पराकाष्ठा मापनी है तो मापना नदी के प्रेम को... जो सागर में समर्पण की चाह लिए बहती चली जाती है!! स #Poetry #स्वरचितरचना #AnjaliSinghal #LoveInstrumental
read moreवंदना ....
White फ्रेंच कवि, लेखक :- टिहवटर ह्यूगो जहां टेलिस्कोप (दूरदर्शिका ) का अंत होता है, वही से माइक्रोस्कोप (सुषमा दर्शिका ) की शुरुआत होती ************************ ********** ©वंदना .... #हम टेलिस्कोप के जरिए चांद तारों के बारे में जानने की समझने की कोशिश करते हैं ...☺️ लेकिन हमारे आसपास भी एक ऐसी ही गहरी दुनिया है वह शायद हम
Sonam Pandey
मैं एक इंसान हूं, मुझे रंगों में मत बांटना इन बनावटी धर्मों के चक्कर में, मेरी इंसानियत मत मापना #RangoMein #happyholi #Holi22 jodinumber #कविता #jodinumber1
read moreBharat Bhushan pathak
छंद- विजात छंद विधान-यह १४ मात्रिक मानव जाति का छंद है। इसकी १,८ वीं मात्रा का लघु होना अनिवार्य है। इसके अंत में २२२ वाचिक भार होता है।यह चार चरणों वाला छंद है।क्रमागत दो-दो चरण या चारों चरण समतुकान्त होता है। मापनी- लगागागा लगागागा १२२२ १२२२ चमकती जब,यहाँ चपला। करे हे यह,बहुत घपला। सदा यह प्राण लेती है। कभी ना त्राण देती है।।१ रहम भी खूब ये करती। इसी से है, हरी धरती।। चमकना शान्त हो ऐसे। चमकता चाँद हो जैसे।।२ ©Bharat Bhushan pathak #Reindeer छंद- विजात छंद विधान-यह १४ मात्रिक मानव जाति का छंद है। इसकी १,८ वीं मात्रा का लघु होना अनिवार्य है। इसके अंत में २२२ वाचिक भार
Bharat Bhushan pathak
छंद- विजात छंद विधान-यह १४ मात्रिक मानव जाति का छंद है। इसकी १,८ वीं मात्रा का लघु होना अनिवार्य है। इसके अंत में २२२ वाचिक भार होता है।यह चार चरणों वाला छंद है।क्रमागत दो-दो चरण या चारों चरण समतुकान्त होता है। मापनी- लगागागा लगागागा १२२२ १२२२ चमकती जब,यहाँ चपला। करे हे यह,बहुत घपला। सदा यह प्राण लेती है। कभी ना त्राण देती है।।१ रहम भी खूब ये करती। इसी से है, हरी धरती।। चमकना शान्त हो ऐसे। चमकता चाँद हो जैसे।।२ ©Bharat Bhushan pathak #GarajteBaadal छंद- विजात छंद विधान हेतु आदरणीय संजीव शुक्ल'सचिन' जी का अग्रिम आभार:- यह १४ मात्रिक मानव जाति का छंद है। इसकी १,८ वीं मात्
#GarajteBaadal छंद- विजात छंद विधान हेतु आदरणीय संजीव शुक्ल'सचिन' जी का अग्रिम आभार:- यह १४ मात्रिक मानव जाति का छंद है। इसकी १,८ वीं मात् #Poetry
read moreSiddhant Maurya
प्यार को मापने के लिए; तराज़ू पर इश्क़ सजाते हो। मरहम कब ज़हर की पीड़ा दे; ये तुम कैसे भूल जाते हो।। अरे!मूर्ख प्यार खुद में एक दौलत है; जे #Love #Feeling #poem #yourquote #Rhtdm
read moreDevesh Dixit
सोच (दोहे) सोच-सोच की बात है, कैसा हो व्यवहार। उसको जैसे मापना, वैसा ही उद्गार।। सोच समझ कर ही करें, अपना-अपना काम। हम सब भी यह चाहते, हो खुद का अब नाम।। आती है विपदा बड़ी, हैं सुनते जब बात। चुभते भी फिर शूल हैं, बिगड़े से हालात।। सोच-सोच का फर्क है, समझें कैसे बात। किसके दिल में क्या बसा, जान सकें जज्बात।। सोचूँ अब दिन रात ही, सिमट चुके अरमान। रही नहीं अब लालसा, जीवन से हैरान।। तपती भूमी सा लगे, जीवन का यह रंग। अकसर ही मैं सोचता, क्या जीने का ढंग।। ........................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #सोच #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry सोच (दोहे) सोच-सोच की बात है, कैसा हो व्यवहार। उसको जैसे मापना, वैसा ही उद्गार।। सोच समझ कर ह
#सोच #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry सोच (दोहे) सोच-सोच की बात है, कैसा हो व्यवहार। उसको जैसे मापना, वैसा ही उद्गार।। सोच समझ कर ह #Poetry #sandiprohila
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